- September 21, 2016
शिल्प जागरूकता कार्यक्रम अतिरिक्त आय का अवसर- कलेक्टर श्रुति सिंह
गरियाबद–(छत्तीसगढ) —- शिल्प जागरूकता कार्यक्रम में कलेक्टर श्रुति सिंह ने प्रतिभागीयों से कहा कि शिल्प कला सीख कर अपने व परिवार के लिए अतिरिक्त आय का अवसर प्राप्त करें । प्रशिक्षण के पश्चात अपने हुनर को सवारें और गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद तैयार करे ताकि बाजार में इसे आसानी से बेचा जा सके।
कलेक्टर ने आज गरियाबद के डोगरीगांव में छत्तीसगढ हस्त शिल्प विकास बोर्ड द्वारा आयोेजित तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया । उन्होनें इस अवसर पर चार हितग्राहीयों को सामग्री खरीदने के लिए चार -चार हजार रूपये का चेक भी साैंपा । कलेक्टर ने डोगरींगांव में प्रतिभागीयों द्वारा निर्मित बॉस शिल्प उत्पादों का अवलोकन किया और प्रतिभागीयों को पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करने प्रेरित किया ।
उन्होनें कहा कि शिल्प कला से निर्मित सामग्रियों का बाजार दिनों दिन बढता जा रहा हेै। ऐसे में अपने हुनर को संवार कर इसे अतिरिक्त आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है। उन्होंने विभाग के अधिकारीयों को जागरूकता कार्यक्रम में अधिक से अधिक शिल्प कलाओं के बारे में जानकारी देने और इसके बारे में सिखाने के निर्देश दिये।साथ ही नये युवक युवतियों जोडने भी कहा गया।
कलेक्टर ने बताया कि शासन द्वारा शिल्प कला को स्वरोजगार के रूप में अधिक से अधिक अपनाने के लिए प्रोसाहित किया जा रहा है। कार्यक्रम को उ़द्योग एवं व्यापार केन्द्र के महाप्रबंधक एस के सिंह और शिल्प जागरूकता प्रभारी एच बी अंसारी ने संबंधित किया ।उन्होने कहा कि प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार से जोडने के लिए विभाग एवं बैंकेा के माध्यम से संचालित योजनाओं से मदद दी जायेगी ।
कौशल विकास प्रशिक्षण से भी शिल्प कला को जोडा गया है। इससे शिल्पकला सिखने वाले युवक युवती आसानी से प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म निर्भर हो अपने परिवार के जीवन यापन में सहयोग कर सकते है।
ज्ञात है कि बांस शिल्प परियोजना डोगरीगांव में 40 युवक युवती जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए है जिन्हे बॉस शिल्प कला की बारीकियॉ सिखाई जा रही है। उन्हें बॉस शिल्प से ज्वेलरी बनाने की कला से भी अवगत कराया जा रहा है।