• February 9, 2015

’’शिल्पांगन’ प्रदर्शनी:

’’शिल्पांगन’  प्रदर्शनी:

जयपुर-राजस्थान सरकार के ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (रूडा) और फेडरेशन आॅफ इंडियन चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज (फिक्की) के संयुक्त तत्वावधान में नई दिल्ली के भगवान दास रोड़ स्थित आगा खान हाॅल में 4 से 8 फरवरी तक चल रही राजस्थान के दस्तकारों की हस्तशिल्प प्रदर्शनी ’’शिल्पांगन’’ एवं क्राफ्ट बाजार के प्रति राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा के लोगों का आकर्षण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

रूडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजहंस उपाध्याय के अनुसार ’’शिल्पांगन’’ प्रदर्शनी में राजस्थान के उत्कृष्ट हस्तशिल्प दस्तकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की 28 स्टाॅल्स सजाई गई है। मुख्य रूप से टैक्सटाईल उत्पादों का आकर्षण सबसे अधिक है।

उन्होंने बताया कि नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हस्तशिल्प प्रेमी लोग प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे है और क्राफ्ट बाजार में सजाई गई स्टाॅल से खरीद फरोख्त भी हो रही है। उन्होंने बताया कि ’’शिल्पांगन‘‘ में मुख्य रूप से जयपुर की ’बगरू एवं सांगानेरी‘ की प्रिंट की हेण्ड ब्लाॅक टेक्सटाईल्स आईटम्स की बिक्री सबसे अधिक हो रही है। इसके अलावा जाहोता में कान्थावर्क के दस्तकारों द्वारा बनायी गई साड़ियों, कुर्तियों, सूट, बैडशीट आदि उत्पादों की बिक्री भी हो रही है। कांच पर सोने की बारीक नक्काशी युक्त प्रतापगढ़ की ’’थेवा कला‘‘ के आभूषण दर्शकांे को रोमांचित कर रहे है। प्रतापगढ़ के श्री सुनील सोनी (जयपुर) थेवा आर्ट के बेजोड़ आभूषण लाये है।

प्रदर्शनी में बंधेज की साड़ियां और सूट्स महिलाओं को आकर्षित कर रहे है। इसी प्रकार कोटा से आये श्री बदरू निशा और कैथून की श्रीमती बसीरन बानो ’’कोटा-डोरियाँ‘‘ साड़ियों के उत्पादों की बिक्री कर रहे है। जयपुर के श्री मुकेश कुमार, श्री मेघराज छीपा, श्री हनुमान सहाय एवं श्री प्रहलाद छीपा एवं श्री राकेश छीपा ’बगरू-प्रिंट‘ और ’हैण्ड ब्लॅाक प्रिंट‘ एवं जयपुर के श्री राकेश जैन एवं श्री भंवर लाल नामा जगप्रसद्धि सांगानेरी पिं्रट की साड़ियां और अन्य टैैक्सटाईल्स आईटम्स से प्रदर्शनी को समृद्ध बना रहे है।

’शिल्पांगन’ में ’जयपुरी रजाईयां‘ का आकर्षण भी कम नही है। जयपुर के खवास जी का रास्ता से आये श्री मोहम्मद युनूस और मोहम्मद याकुब की ’’कम वजन और गर्म मिजाज‘‘ की रजाईयाँ दिल्लीवासियों को लुभा रही है। बीकानेर की उरमूल सीमांत समिति द्वारा प्रदर्शित ’’बाड़मेरी कशाीदाकारी‘‘ भी सभी को आकर्षित कर रही है। इसी प्रकार ’टोंक के नमदे‘ भी काफी बिक रहे है। टोंक से श्री मोहम्मद इमरान रंग-बिरंगी डिजाईनों वाले नमदांे को लेकर दिल्ली आये है।

प्रदर्शनी में राजस्थानी ज्वैलरी का आकर्षण दर्शकों को अपनी ओर खींच रहा है। प्रतापगढ़ की थेवा कला के साथ ही जयपुर के कारीगरों द्वारा निर्मित बेशकीमती और अर्द्धकीमती जवाहरात, मेटल आईटम्स भी ग्राहकों को आकर्षित कर रहे है। जयपुर से आये श्री गिर्राज विजय वर्गीय जयपुर के आभूषणों और श्री शमशेर मोहम्मद एवं मोहम्मद इरशाद ’लाख की चूडियों‘ की अपनी बेजोड़ कला के नमूनों के साथ प्रदर्शनी में भाग ले रहे है।

जयपुर की विश्व प्रसिद्ध ’’ब्ल्यू-पोटरी‘‘ के साथ ही राजस्थान की जूतियों एवं मोजड़ियों के फैशनेबल आईटम्स के साथ पाली के श्री महेश चंद्र और श्री जगदीश प्रसाद भी दिल्ली आये है। इसी प्रकार जयपुर के श्री पंकज कुमावत वूडन के कलात्मक उत्पाद लेकर आये है।

’शिल्पांगन‘ में भीलवाड़ा के ’फड-पेंटिंग‘ कलाकार श्री सुनील सोमानी की पेंटिग्स और जोधपुर के श्री यासीन की कलमकारी एवं दाबू प्रिंट के उत्पाद भी ग्राहकों को आकर्षित कर रहे है। इसी प्रकार जयपुर के श्री राधामोहन जाजोरिया ’जाहौता कांथावर्क‘ मार्बल के खूबसूरत आईटम्स के साथ प्रदर्शनी की शोभा बढ़ा रहे है। इसके अलावा ब्रास पर कशीदाकारी के कलाकार फिरोज मोहम्मद, बीकानेर और सिरोही के श्री सीता राम गर्ग एवं श्री जितेन्द्र ऊनी शाॅल, चुरू के मोहम्मद मुस्लिम और जोधपुर के नजीर महोम्मद टाई एवं डाई के उत्पाद लेकर आये है।

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