- October 8, 2015
शिक्षा गुणवत्ता अभियान : सी और डी ग्रेड वाले 15 हजार 866 स्कूलों का निरीक्षण का संकल्प
रायपुर -(छतीसगढ)- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य में आज राजधानी रायपुर में आयोजित शिक्षा गुणवत्ता अभियान के शुभारंभ अवसर पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को शाला अवलोकन के दौरान ध्यान रखे जाने वाले तथा प्रश्न पूछे जाने वाले एक सौ बिन्दुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम से संचालित इस गुणवत्ता अभियान के तहत आठ से 15 अक्टूबर तक राज्य के सी और डी ग्रेड वाले 15 हजार 866 स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने की। गृहमंत्री श्री रामसेवक पैकरा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल, श्रम मंत्री श्री भईया लाल राजवाडे, संसदीय सचिव श्री अम्बेश जांगड़े, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. पाण्डेय समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सुब्रत साहू ने कहा कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी शाला अवलोकन के दौरान शिक्षकों, बच्चों तथा जनसमुदाय से चर्चा करते हुए निर्धारित प्रश्नों के आधार पर स्कूल का सभी दृष्टिकोण से अवलोकन करेंगे। इन बिन्दुओं में समस्त प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त करते हुए अपना अभिमत हां अथवा नहीं के रूप में देंगे। उन्होंने कहा कि निरीक्षण कर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर ही रणनीति तैयार कर शालाओं की सुधार के लिए कार्रवाई की जा सकेगी। इनमें प्रत्येक प्रश्न के बारे में सही स्थिति जानने के लिए निरीक्षणकर्ता अपने स्तर पर विभिन्न तथ्यों और कुछ अतिरिक्त प्रश्न पूछकर जानकारी ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा शाला में निरीक्षण के दौरान बच्चों और शिक्षकों की नियमित उपस्थिति, शाला प्रबंधन समिति की भूमिका और शाला विकास योजना से संबंधित जानकारी ली जाएगी। इसी तरह शिक्षक का बच्चों के साथ व्यवहार, शिक्षक द्वारा अध्यापन कार्य, शाला में सीखने का वातावरण, शिक्षक द्वारा शिक्षण योजना का निर्माण और बच्चों का कक्षा के अनुरूप पठन कौशल, लेखन कौशल, गणितीय कौशल, वैज्ञानिक अभिवृत्ति, आसपास की समझ एवं सुझबूझ तथा अभिव्यक्ति कौशल जैसे बिन्दुओं में जानकारी ली जाएगी। इसके अलावा चालू वर्ष का मूल्यांकन परिणाम, सहायक शिक्षण सामग्री, शालेय स्वच्छता तथा अच्छी आदतों का विकास, शाला में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन तथा बच्चों की सहभागिता, शाला का नियमित निरीक्षण तथा पर्यवेक्षण और गुणवत्ता के बारे में समुदाय का अभिमत संबंधी एक सौ बिन्दुओं पर जानकारी एकत्र की जाएगी।