• August 7, 2015

शिक्षा और शिक्षक दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुये पदोन्नतियां

शिक्षा और शिक्षक दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुये पदोन्नतियां

जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी और बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. दिगम्बर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार शिक्षा और शिक्षक दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग नहीं बल्कि परिवार है, शिक्षकों के उत्थान के लिए जितना कुछ हो सकता है, किया जाएगा।
गुरुवार को शिक्षा संकुल स्थित सभागार में दो चरणों में शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों से हुई वार्ता में डॉ. दिगम्बर सिंह एवं प्रो. वासुदेव देवनानी ने शिक्षा क्षेत्र में राजस्थान को देशभर में अग्रणी करने के लिए मिल-जुलकर कार्य करने का आह्वान किया। वार्ता के दौरान शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य में शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर हुई पदोन्नतियों, प्रत्येक ग्राम पंचायत पर आदर्श विद्यालय की स्थापना और नामांकन वृद्घि के साथ गुणात्मक सुधार के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।
डॉ. दिगम्बर सिंह ने कहा कि अव्यवस्था को आदर्श करने में कुछ समय लगता है। सरकार ने शिक्षा में सुधार और उत्तरोत्तर विकास की सोच को ध्यान में रखते हुए महत्त्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने शिक्षक संगठनों को आह्वान किया कि वे शिक्षा में सुधार के लिए किये गये प्रयासों पर सकारात्मक सोच रखते हुए सुझाव दे ताकि शैक्षिक उन्नयन के काम निरंतर जारी रहें।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि शिक्षक संगठनों की मांगो पर कार्य करते हुए ही राज्य में महिला-पुरूष की वरिष्ठता एक साथ बनाने, छात्र शिक्षक अनुपात में शिक्षकों के पदस्थापन, पदोन्नति के अवसर बढ़ाने आदि के महत्ती कार्य किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 32 हजार शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है। कृषि, चित्रकला, वाणिज्य जैसे विषयों के अध्यापकों को भी पहली बार पदोन्नति के अवसर प्रदान किये गये है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पदस्थापन में संस्थापन रिकोर्ड सही नही होने के कारण कुछ स्तरों पर विसंगतियां और त्रृटिया रही है। निदेशालय के पास उपलब्ध रिकोर्ड को सही करने के अन्तर्गत आगामी छ: माह में शिक्षा विभाग के कम्प्यूटराईजेशन के कार्य को पूर्ण किया जायेगा, ताकि शिक्षकों के संस्थापन रिकार्ड को दुरस्त किया जा सकें। उन्होंने बताया कि परिवेदनाओं पर समुचित कार्यवाही करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिये गये है। जिस जिले में शिक्षकों के रिक्त पद होगें उसी के अनुरूप वहां पर पदस्थापन की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विषय अध्यापक के पदों को खत्म किये जाने की राज्य सरकार की कोई मंशा नहीं है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का सर्वोच्च ध्यान इस बात पर है कि स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार के साथ ही शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्घि हों। पिछले कुछ समय के दौरान शिक्षा विभाग में जो सकारात्मक कदम उठायें गये है, उनके कारण प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में 6 से 7 लाख के करीब नामांकन में वृद्घि हुई है। सरकारी विद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ी है। उन्होंने शिक्षक संगठनों का आह्वान किया कि वे सरकारी विद्यालयों की बढ़ी साख को कायम रखते हुए नामांकन में हुई वृद्घि को टिकाये रखे।
प्रो0 देवनानी ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का विकास हमारी प्राथमिकता है। अजमेर जिले में हिन्दुस्तान जिंक के सौजन्य से विद्यालयों में 80 लाख रुपये के फर्नीचर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसी आधार पर प्रदेश के अन्य जिलों के विद्यालयों में भी सहयोग जुटाकर सुविधाओं के विकास का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग शैक्षिक परिवार है। हम सभी का यह प्रयत्त्न होना चाहिए कि शैक्षिक विकास के लिए मिल जुल कर कार्य करें। इसमें यदि कही कोई मत भिन्नता है तो उसे मिल बैठकर विद्यार्थियों के भले को ध्यान में रखते हुए दूर किया जायेगा।
शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों में विद्यालयों में विद्युत, पानी की व्यवस्थाएं करने के साथ ही आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ ही समय वृद्घि के संबंध में सुझाव दिए। शिक्षक संगठनों से हुई वार्ता में शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों में श्री सियाराम शर्मा, रेसला के श्री मोहन सिहाग, राजस्थान शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री रामावतार शर्मा, शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के श्री प्रहलाद शर्मा, शिक्षक संघ (एकीकृत) के श्री जुगल किशोर, शिक्षक संघ (राधाकृष्ण) के श्री विजय सोनी, राजस्थान प्रबोधक संघ के श्री केसरी सिंह, शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के बड़ी संख्या में उपस्थित प्रतिनिधियों ने शैक्षिक विकास शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने सुझाव दिए।
संवाद बैठक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, निदेशक श्री बी.एल. मीणा ने कहा कि शैक्षिक उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में शिक्षा का स्वस्थ माहौल बनाया जाएगा ताकि सब मिलकर प्रदेश को शिक्षा में अग्रणी कर सकें।
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