• August 7, 2018

शिक्षा और आर्थिक आजादी के पंखों से उड़ान भर सकेंगी बेटियां: उपायुक्त अशोक कुमार मीणा

शिक्षा और आर्थिक आजादी के पंखों से उड़ान भर सकेंगी बेटियां: उपायुक्त अशोक कुमार मीणा

29 महिला सम्मानित— गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय
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हिसार—– उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि शिक्षा और आर्थिक आजादी के बल पर ही बेटियां जीवन के आसमान में सफल उड़ान भर सकेंगी। बेटियां अपनी शक्तियों पर विश्वास करके माता-पिता का भरोसा कायम रखें और जीवन में मिलने वाले मौकों का लाभ उठाएं तो उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

उपायुक्त ने यह बात गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित बेटियों का संसार-उपलब्धियां बेशुमार नामक सम्मान समारोह में उपस्थित महिलाओं व कॉलेज की छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली 29 बेटियों व महिलाओं को सम्मानित किया।

इस अवसर पर फिल्म कलाकार बलजिंद्र कौर, इंटरनेशनल पैरा एथलिट एकता भ्याण व एवरेस्ट विजेता शिवांगी पाठक ने अपने जीवन के अनुभव सांझा करते हुए विपरीत परिस्थितियों में किए गए संघर्ष की कहानियां सुनाई और छात्राओं को जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एकता भ्याण व शिवांगी पाठक के संबंध में की गई प्रशंसा के वीडियो भी दिखाए गए।

**** उपायुक्त अशोक कुमार मीणा *****

सम्मानित होने वाली सभी बेटियों व महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि आपको सम्मानित करके हम खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कॉलेज छात्राओं से कहा कि आज प्रशासन ने इस समारोह के माध्यम से उनके सामने ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं जिनसे प्रेरणा लेकर वे भी दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकती हैं। सफलता के मार्ग में उनके सामने अनेक चुनौतियां भी आएंगी लेकिन यदि वे हिम्मत से उनका सामना करेंगी तो कोई भी बाधा उनका मार्ग नहीं रोक सकती है। जब बेटियां अपनी लड़ाई खुद लड़ने की ठान लेंगी तो वे अपनी पहचान जरूर साबित कर सकेंगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को हिसार में इनोवेटिव तरीकों से चलाया गया है जिसके बहुत सार्थक परिणाम हमें मिल रहे हैं। अभिभावक व बेटियां खुद अभियान में भागीदारी करने के लिए आगे आ रहे हैं। बेटियों को जन्म से पहले ही गर्भ में मरवा देने वाले यह नहीं समझते हैं कि उनकी बेटी भी अपने मां-बाप के लिए गौरव का कारण बन सकती थी। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक अभियान है और समाज की सक्रिय भागीदारी के बिना हम इसमें पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सकते हैं।

** अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान**

———– मेहनत का कोई विकल्प नहीं और विपरीत परिस्थितियों का बहाना बनाने का कोई फायदा नहीं क्योंकि जमाने में किसी के पास आपके बहाने सुनने का समय और रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को यह धारणा तोड़नी होगी कि वे फलां काम नहीं कर सकती हैं। छोटे कद की शिकायत करने वाले सचिन तेंदुलकर व आमिर खान से, गरीबी का बहाना करने वाले पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम, और खराब आवाज का बहाना बनाने वाले लोग अमिताभ बच्चन से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्हें ऑल इंडिया रेडियो द्वारा आवाज खराब होने की बात कहकर नौकरी पर रखने से मना कर दिया गया था लेकिन आज वे 40 साल से बॉलीवुड के सबसे चमकते सितारों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां इस कार्यक्रम में शामिल हर लड़की जब रात को सोए तो इस बात पर जरूर मंथन करे कि उसे जीवन में क्या बनना है और अपने लक्ष्य को पाने के लिए वह कितनी मेहनत करेगी।

उन्होंने छात्राओं को विभिन्न क्षेत्रों में करियर की संभावनाओं और अवसरों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले बारहवीं के बाद केवल इंजीनियरिंग, मेडिकल या बीए करने के विकल्प होते थे लेकिन आज युवाओं के सामने बेशुमार अवसर हैं। उन्होंने सिविल सर्विसिज, मिलिट्री सेक्टर, मेडिकल सेक्टर, इंजीनियरिंग सेक्टर, बिजनेस सेक्टर, कानून, कंसल्टेंट्स, सामाजिक विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार के विकल्पों की भी विस्तार से जानकारी दी।

** सीटीएम शालिनी चेतन *** ———–

11 जुलाई को शुरू किए गए इस विशेष अभियान के माध्यम से बेटियों की उन समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया जो उनके मार्ग की बाधाएं बनती थीं।
उन्होंने बेटियों से आह्वान किया कि वे जीवन में बाधाएं बनने वालों का भी शुक्रिया करें जिनके कारण उनके इरादे मजबूत हुए और जीवन में सफलता पाने की उनकी इच्छाशक्ति बढ़ी।

*** सहायक रोजगार अधिकारी व इंटरनेशनल पैरा एथलिट एकता भ्याण-***

——- बेटियों से पूछा कि क्या चीज है जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने से रोक रही है। इन सब बाधाओं को अनदेखा करके आगे बढ़ने की कोशिश करो, क्योंकि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति के चलते कोई भी चीज आपको रोक नहीं सकती है। उन्होंने अपने जीवन की कहानी सुनाते हुए कहा कि मैं डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन एक सड़क दुर्घटना से मेरे जीवन में अंधकार छा गया। समाज की बेरुखी के बावजूद मेरे माता-पिता ने मेरा साथ दिया और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा प्राप्त करके मैंने जीवन की तमाम चुनौतियों को हराया।

**** एवरेस्ट विजेता शिवांगी पाठक *****

अनुभव सांझे करते हुए कहा कि एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान शारीरिक दिक्कतों और वापस लौटने के दबाव के बावजूद मैं अपने माता-पिता और देशवासियों की उम्मीदों को पूरा करने के जज्बे के कारण एवरेस्ट को फतेह कर पाई। उन्होंने कहा कि बेटी के रूप में एवरेस्ट की चोटी पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लिखा झंडा और भारत का तिरंगा फहराकर मुझे जो गर्व का अनुभव हुआ उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।

इस अवसर पर सीटीएम शालिनी चेतल, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पूनम रमन, सिविल सर्जन डॉ. दयानंद, जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. साहिब गोदारा, डीईओ बलजीत सिंह व डीआईपीआरओ पारू लता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व कॉलेजों की छात्राएं भी मौजूद थीं।

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