• September 13, 2018

शहीद सैनिकों के 230 आश्रितों को सरकारी नौकरी — वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु

शहीद सैनिकों के 230 आश्रितों को सरकारी नौकरी — वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु

चंडीगढ़——- हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा की वर्तमान सरकार के लगभग चार साल के कार्यकाल में शहीद सैनिकों के 230 आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। यह कांग्रेस और इनेलो सरकार के समय दी गई नौकरियों से कई गुना ज्यादा है।

वित्त मंत्री आज हरियाणा विधानसभा में एक चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा की भाजपा सरकार सैनिकों और शहीद सैनिकों के परिजनों के कल्याण के लिए लागातार निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा की केंद्र की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 40 साल से लटके वन रैंक वन पेंशन का तोहफा देकर भूतपूर्व सैनिकों का मान सम्मान बढ़ाया।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा की मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा की भाजपा सरकार ने निरंतर सैनिकों, पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों के हित में निर्णय लिए हैं। हरियाणा की वर्तमान सरकार देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों और उनके परिवारों के लिए लगातार नीतियां बना रही है और उन्हें राहत दे रही है।

भाजपा सरकार ने युद्ध के दौरान शहीद हुए सेना के जवानों व अर्धसैनिक बल के जवानों की अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और आई.ई.डी. बलास्ट के दौरान शहीद होने पर अनुग्रह राशि 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये तथा पुन: बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है।

पुलिस कर्मियों की डयूटी के समय शहीद होने अनुग्रह राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की। युद्ध या आतंकवाद तथा अन्य घटना के दौरान घायल हुए सैनिकों को अनुग्रह अनुदान नि:शक्तता के आधार पर 50 हजार रुपये की बजाय 5 लाख रुपये, 75 हजार रुपये की बजाय 10 लाख रुपये और एक लाख रुपये की बजाय 15 लाख रुपये की राशि की गई। युद्ध या आतंकवाद तथा अन्य घटना के दौरान घायल हुए अद्र्धसैनिक बलों के जवानों के लिए अनुग्रह अनुदान नि:शक्ता के आधार पर 15 लाख रुपये, 25 लाख रुपये तथा 35 लाख रुपये की है। द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिकों तथा विधवाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता जो कांग्रेस के समय 3 हजार रुपये थी वह अब 10 हजार रुपये मासिक है।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा की हरियाणा की वर्तमान सरकार ने अक्टूबर, 2014 से अब तक शहीद सैनिकों के 230 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान की है। जबकि इनेलो के समय में 66 और कांग्रेस सरकार के समय दस साल में सिर्फ 6 शहीद सैनिकों के आश्रितों और 17 पुलिस कर्मियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई थी।

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