- September 13, 2017
शहीद सम्मान में पदयात्रा — धारौली से शहीद स्मारक कोसली तक
युद्धवीर सिंह लांबा—(झज्जर)—————- 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश के लिए हंसते हुए सीने पर गोली खाकर शहीद हुए जवान के सम्मान में पदयात्रा 17 सितम्बर को
झज्जर जिला मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसे वीरों की देवभूमि कहे जाने वाले धारौली गांव की सामाजिक संस्था मां-मातृभूमि सेवा समिति द्वारा 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश की आन बान शान के लिए 6 सितंबर 1965 में दुश्मनों से लड़ते हुए अपने प्राणो की कुर्बानी देने वाला धारौली का शेर बेटा अमर शहीद हवा सिंह लांबा के सम्मान में 17 सितम्बर 2017 (रविवार) को सुबह 9 बजे धारौली से शहीद स्मारक कोसली तक प्रथम पदयात्रा का आयोजन किया जायेगा।
मां-मातृभूमि सेवा समिति के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह लांबा ने बताया कि भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर में शहीद हवा सिंह लांबा सुपुत्र स्वर्गीय श्री श्योचन्द धारौली, झज्जर, एक सिपाही (लांस नायक) थे जिनका सेना क्रमांक 2640752 था जिन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करते 6 सितंबर 1965 में दुश्मनों से लड़ते हुए देश पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे और शहीदों में अपना नाम अमर किया। शहीद हवा सिंह लांबा का नाम कोसली, रेवाड़ी के डीएवी कॉलेज के पास फौजी कैंटीन की पुरानी इमारत में युद्ध शहीदों की सूची में संगमरमर पत्थर में भी लिखा हुआ हैं ।
युद्धवीर सिंह लांबा ने बताया कि हमें सुरक्षित रखने के लिये जवान सीमा पर हमारे लिये हसंते हंसते अपनी जान दे देते हैं। शहीदो की शहादत के कारण ही देशवासी खुली हवा में सांस ले रहे है और सभी देशवासियों का फर्ज बनता है कि हम सभी मिलकर उनका सम्मान करें। सैनिक देश की सरहदों, देशवासियों की रक्षा करने में अपने प्राणों तक की आहुति देने में जरा भी संकोच नहीं करते, इनके कारण ही हम सुरक्षित भरा जीवन जी रहे हैं, तभी हम चैन की नींद सो पाते हैं।
युद्धवीर सिंह लांबा ने कहा कि वीर सैनिक अपनी जान की परवाह न कर मातृभूमि रक्षा के लिए जान न्यौछावर कर देते हैं। सैनिक व उसके परिवार का समाज हमेशा ऋणी रहेगा। हमें उन अमर शहीदों की स्मृतियों को संजोना है, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति दे दी। सीमा पर तैनात जवानों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर देने वाले सैनिक देश की सबसे बड़ी धरोहर होते हैं।
धारौली या आस पास के गांवों का कोई भी व्यक्ति/ युवा अगर अमर शहीद हवा सिंह लांबा के सम्मान में धारौली से शहीद स्मारक कोसली तक प्रथम पदयात्रा में भाग लेंने के इच्छुक है तो 17 सितम्बर 2017(रविवार) को सुबह 9 बजे धारौली में अवश्य पहुंचे ।