• February 14, 2019

शहीद बलजीत सिंह को नमन

शहीद बलजीत सिंह को नमन

घरौंडा/करनाल—— शहीद हवलदार बलजीत सिंह का बुधवार को उनके पैतृक गांव डिंगर माजरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, उनके 3 वर्षीय पुत्र अरनव ने मुखाग्रि दी। मेजर जनरल एम.के. नेचर के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी व जिला पुलिस के जवानों ने सलामी दी।

शहीद की पार्थिव शरीर पर घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र कल्याण, उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एसएस भौरिया, घरौंडा के एसडीएम मो. इमरान रजा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी हवलदार बलजीत सिंह की शहादत पर संवेदना प्रकट करते टवीट किया कि मां भारती की सेवा में, कत्र्तव्य पथ पर अपना जीवन न्यौछावर करने वाले करनाल के गांव डिंगर माजरा के हवलदार बलजीत सिंह जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। आपके बलिदान को हम कभी नहीं भुला पाएंगे, इस शहादत को मेरा नमन।

जैसे ही गांव के श्मशान घाट में शहीद बलजीत सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। सेना व पुलिस के जवानों ने हवाई फायर करके पार्थिव शरीर को सलामी दी, उस समय भारत माता की जय, शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे गूंजते रहे। शहीद बलजीत सिंह 50 राष्ट्रीय राईफल में हवलदार के पद पर तैनात थे। सेना के मेजर जनरल ने बताया कि सोमवार रात 2.30 बजे आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही रत्नीपूरा इलाके में सर्च अभियान चलाया गया, आतंकी एक घर व स्कूल में जा छिपे, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में शहीद बलजीत सिंह ने एक आतंकी को ढेर कर दिया, तभी सामने से आतंकियों की गोली ने बलजीत सिंह सहित दो जवानों को घायल कर दिया जिसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया और वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। शहीद बलजीत सिंह 2 मैक इन्फैंट्री में वर्ष 2002 में भर्ती हुआ था। उनकी ट्रेनिंग महाराष्ट्र के अहमदाबाद में हुई थी, हवलदार बलजीत सिंह ने एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी वर्ष 2015-17 तक नई दिल्ली में ड्यूटी रही और आखिर उन्होंने सोमवार को देश के लिए अपनी शहादत दे दी। शहीद के परिवार में पिता किशन चंद, पत्नी अरूणा, 3 वर्षीय बेटा अरनव, 7 वर्षीय बेटी जन्नत है।
विधायक हरविन्द्र कल्याण ने इस मौके पर कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा शहीदों को जो आर्थिक सहयोग दिया जाता है वह बलजीत के परिवार को भी मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि जीटी रोड कुटेल पर उनका सनराईजिंग वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल है आगे से शहीद के दोनों बच्चों को 12वीं कक्षा तक निशुल्क पढ़ाया जाएगा।

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