- November 21, 2014
शहरी बेघरों के लिए आश्रय :राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों की बैठक आयोजित
13 नवंबर 2014 को सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश बेघरों को आश्रय से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) के संदर्भ में एचयूपीए मंत्रालय को दिया था, कि मंत्रालय 10 दिनों के भीतर एक बैठक आयोजित करें और बताए कि कितने आश्रय-स्थल उपलब्ध हैं और आगे की कार्यवाही के लिए तीन सप्ताह के भीतर एक शपथपत्र दाखिल करे।
उच्चतम न्यायालय द्वारा एचयूपीए मंत्रालय से विस्तृत जानकारी मांगे जाने के बाद कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इससे संबंधित शपथपत्र दाखिल किए गए। बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध स्थायी और अस्थायी आश्रय-स्थलों की संख्या और इन पर निर्भर लोगों की संख्या पर विमर्श किया जाएगा, ताकि आश्रय-स्थलों के निर्माण और मरम्मत की योजना बनाई जा सके, और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी आवास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आश्रय-स्थल योजना को लागू करने के लिए कदम उठाए जाएं।
रात्रिकालीन आश्रय के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिक्रियाओं के प्रकाश में, शहरी विकास और एचयूपीए मंत्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने मुख्य सचिवों के साथ दिनभर की बैठक की, जिसमें उन्होंने स्मार्ट शहरों के निर्माण से संबंधित केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों, 500 शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा की उपलब्धता, विरासती शहरों के विकास, दीनदयाल अन्त्योदय योजना और 2022 तक सभी शहरी गरीबों को आवास आदि शहरी सुशासन, शहरी सुधार और क्षमता निर्माण से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।