- November 17, 2016
वैवाहिक परिवार के लिए एक दिन में 2.50 लाख रूपये आहरण की व्यवस्था
Wed, Nov 16, 2016 at 11:08 AM: WWW. NAVSANCHARSAMACHAR.COM पत्र के परिणाम: 17.11.2016 11.बजे प्रेस वि्ज्ञप्ति जारी कर नियम लागू
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माननीय प्रधानमंत्री महोदय
प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली
सह
माननीय वित मंत्री महोदय, नई दिल्ली
सह
वित सचिव, नई दिल्ली
सह
गवर्नर रिजर्व बैंक इंडिया, नई दिल्ली
माननीय,
आपके संज्ञान में लाना चाहता हूॅ की जो नोेट बंदी की प्रक्रिया चल रही है उसे तो गरीब जनता पंसद कर ही रही है। लेकिन कुछ आहरण की प्रक्रिया में छूट की सख्त आवश्यक है। आहरण प्रक्रिया के कारण जनता गुस्से में है।
उनके बीच सबसे भयंकर समस्या है वैवाहिक खर्च। विवाह एक ऐेसी प्रक्रिया है जो सिर्फ प्रबंध पर निर्भर करती है। अदायगी की व्यवस्था सहयोग मात्र पर निर्भर है।
विवाह में संबंधी से लेकर एक- एक परिवार के सदस्य एक- एक हजार की व्यवस्था कई महिनों से कर रहे होते हैं इसलिए विवाह से संबंधित परिवार और संबंधी जो पहले ही कैश देनदारों को देने के लिए घर में रख रहे हैै उन्हें बिना किसी आईडी का एक मुश्त बैंक में जमा करने की इजाजत दें। वैवाहिक परिवार के लिए यह एक आकस्मिक व्यवस्था होता है।
देनदार कानून केे डर से नहीं देगा और लड़का पक्ष कानून के डर से शादी करने का बहाना बनायेगा। यह व्यवस्था कानून से नहीं चल रही है यह आपसी समझदारी और नियत पर चल रही है।
महंगाई की चरर्मोत्कर्ष से विवाहोत्सव में न्यूूनतम 5 लाख रूप्ये खर्च होना लाजमी है। जिसकी अदायगी गांव-घर में वर्षो से लगे रहते हैं। विवाहोत्सव के प्रबंध विवाह से पहले ही कई महिनों से निरंतर चलायमान होेता है।
सभी बैंको को विवाह के न्यूनतम खर्च 5 लाख तक आहरण की अविलंब व्यवस्था का आदेश दी जाती हैै तो निश्चत ही जनता की क्रोध खत्म हो सकता है।
अर्थात विवाह वालों के लिए आहरण की राशि एक दिन में 50 हजार से 1 लाख सुनिश्चित की जानी अतिआवश्यक है। यही मांग है।
विवाहिक कांउटर की अविलंब व्यवस्था की मांग है । फिर जनता विपक्षी को मुूॅहतोड़ जबाव दे सकती है।
अन्यथा यह शांत लहर ज्वार में बदल सकता है और पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम बुरा हो सकता है।
इस पत्र को गंभीरता से लें।
शैलेश कुमार
वेव संपादक
www.नवसंचारसमाचार.कॉम
shaileshkumarkmr02@gmail.com
editor@navsancharsamachar.comWed, Nov 16, 2016 at 11:08 AM