- February 11, 2025
विश्व में उपद्रव फैलाने वाले सोरोस का USAID बजट फ्रीज : ट्रंप प्रशासन

(सूतिंदर छबड़ा फेसबुक पेज से) —– एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप का खुलासा ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के विरोध के लिए कुख्यात अरबपति व्यापारी जॉर्ज सोरोस की बड़ी साजिश का खुलासा किया है।
ट्रंप ने कहा कि अरबपति जॉर्ज सोरोस के संगठनों ने भारत और बांग्लादेश समेत कई देशों में उथल-पुथल मचाने के लिए यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से 26,00,00,000 डॉलर हासिल हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि सोरोस ने इस पैसे का इस्तेमाल दुनिया भर के देशों में अराजकता फैलाने और सरकारें बदलने के लिए काम किया।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि ‘जॉर्ज सोरोस ने USAID से 26 करोड़ डॉलर हासिल किए और इस पैसे का इस्तेमाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, यूक्रेन, सीरिया, ईरान, पाकिस्तान, भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में अराजकता फैलाने, सरकारें बदलने और निजी लाभ के लिए किया।’
ट्रंप की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उनके प्रशासन ने USAID के बजट को फ्रीज कर दिया है और अमेरिकी विदेशी सहायता पर जांच बढ़ा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पिछले 15 सालों में, USAID ने सोरोस से जुड़े संगठनों को 27 करोड़ डॉलर से ज्यादा दिए. ऐसा ही एक संगठन ईस्ट-वेस्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट है, जिसने सोरोस के ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन के साथ साझेदारी की और USAID से फंड हासिल किया है. इस खुलासे ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक आंदोलनों में अमेरिकी सरकार की भूमिका पर चिंताएं बढ़ा दी हैं.
यूएसएड और जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी द्वारा ट्रेनिंग आयोजित कर मोदी सरकार के खिलाफ न्यूज़ फैलाने , फेक नैरेटिव बनाने , उसे सनसनीखेज हेडिंग देने के लिये भारत के 75000 मीडियाकर्मियों को बाकायदा ट्रेंड किया गया ।
इन संस्थाओं द्वारा 6000 से ज्यादा मीडिया पर्सनालिटियों को लाखों डॉलर बाँटे गये । प्रशांत भूषण , पुण्य प्रसून वाजपेयी , रवीश कुमार , अजीत अंजुम , साक्षी जोशी जैसे जितने भी मोदी विरोधी पत्रकार हैं – इन सबको यूएसएड से मोटा पैसा दिया गया है ।
पिछले कुछ वर्षों से मोदी के खिलाफ जो कई पत्रकार जहर उगल रहे थे , वह दरअसल यूएसएड का पैसा बोल रहा था ।