विश्व मृदा दिवस 05 दिसम्बर

विश्व मृदा दिवस 05 दिसम्बर

छतीसगढ –                    राज्य शासन के कृषि विभाग और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा विश्व मृदा दिवस 05 दिसम्बर 2015 को एक दिवसीय मिट्टी स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 05 दिसम्बर को दोपहर एक बजे कृषि महाविद्यालय रायपुर के स्वामी विवेकानंद सभागार में इसका शुभारंभ करेंगे।

कार्यशाला में तकनीकी सत्र सवेरे  10. 30 बजे से शुरू हो जाएगा। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साय शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करेंगे। कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष एवं विधायक श्री देवजी भाई पटेल, कृषि विभाग के संसदीय सचिव श्री तोखन साहू, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुुक्त, श्री अजय सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. ए.के. सिंह, एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस. के. पाटील इस समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे।

उल्लेखनीय है कि 5 दिसम्बर विश्व मृदा दिवस एवं वर्ष 2015 को अंतराष्ट्रीय मृदा वर्ष के रूप में पूरे विश्व में एक अभियान के तौर पर मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मिट्टी के साथ लोगों को जोड़ना और मानव जीवन में मिट्टी के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

अंतर्राष्ट्रीय मृदा संघ ने वर्ष 2002 में प्राकृतिक प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक तथा मानव कल्याण में मिट्टी के योगदान को प्रतिपादित करने के उद्देश्य से 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद 20 दिसम्बर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68 वीं सामान्य सभा की बैठक में संकल्प पारित हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

कार्यशाला के सिलसिले में कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि विभाग द्वारा सभी किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप सिंचित एवं असिंचित क्षेत्र के लिए ग्रिड का निर्धारण किया गया है। इसके अनुसार आगामी तीन साल में 8.78 लाख मिट्टी नमूनों की जांच कर किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड उपलबध कराया जायेगा।

एक दिवसीय कार्यशाला के मौके पर मिट्टी स्वास्थ्य पर आधारित आकर्षक प्रर्दशनी एवं तकनीकी सत्र का आयोजन किया जा रहा है। तकनीकी सत्र के दौरान मृदा वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी को स्वस्थ रखने के उपायों के संबंध में तकनीकी जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला में राज्य के समस्त जिलों के लगभग 500 प्रतिनिधि कृषक भाग लेंगे। किसानों को उनके खेतों से संबंधित मिट्टी स्वास्थ्य पत्रकों का वितरण किया जाएगा।

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