विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर जन-जागृति कार्यक्रम —कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा

विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर जन-जागृति कार्यक्रम —कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा

विश्व तम्बाखू निषेध दिवस के अवसर पर 31 मई को तम्बाखू सेवन के दुष्परिणामों से जन-मानस को अवगत कराने के लिये प्रत्येक जिले में वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण श्री कृष्णगोपाल तिवारी ने सभी कलेक्टरों, मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर स्थानीय स्तर पर विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, नगरपालिका, नगर निगम, जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों, ग्राम पंचायतों, स्वैच्छिक संस्थाओं में नशा मुक्ति के लिये जन-जागृति कार्यक्रम किये जायेंगे। स्थानीय स्तर पर रैली की जायेगी जिसमें आम नागरिक, बच्चे, युवा और महिलाएँ शामिल होंगे।

कलापथक दलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, गीत-संगीत आदि द्वारा नशामुक्ति का संदेश दिया जायेगा। शिक्षण संस्थाओं में वाद-विवाद, निबंध लेखन, प्रश्न मंच एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जायेगी।

सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर, बैनर लगाकर एवं पैम्फलेट वितरित कर लोगों को नशामुक्ति के लिये प्रेरित किया जायेगा। स्थानीय अस्पतालों में लोगों का स्वास्थ्य परिक्षण भी किया जायेगा।

****कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा***

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश के सभी कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाने एवं इस संबंध में सभी ज़रूरी क़दम उठाने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। श्री नाथ ने सूरत में एक कोचिंग संस्थान में हुई आगजनी की दु:खद घटना और उसमें हुई जनहानि के संदर्भ में यह निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में उठाये गये सभी क़दमों और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट 15 दिन में प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मुख्य सचिव से कहा है कि सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित करें कि वे अपने जिले में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध कर वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोचिंग संचालकों की बैठक कर सुरक्षा के आवश्यक मापदंड बनाये जायें। साथ ही इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या और उसके आधार पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी चर्चा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत की घटना एक सबक है। इसके मद्देनजर प्रदेश में इस तरह भी घटनाएँ न हों, इसके लिये सतर्कता बरतते हुए सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जाने चाहिए।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply