- April 4, 2025
विश्व जल दिवस वाटर हीरो जल स्टार रमेश गोयल

विश्व जल दिवस उपलक्ष्य में सप्ताह भर से चल रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में 28 मार्च को भारत सरकार द्वारा सम्मानित वाटर हीरो जल स्टार रमेश गोयल ने महिला बहुतकनीक सिरसा में छात्राओं व स्टाफ को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि पानी को गन्दा नहीं करेंगे, टूंटी खुल्ली छोड़कर पानी बर्बाद नहीं करेंगे, पीने के पानी से पशु नहीं नहलायेंगे, पानी की टंकी में वाटर बैल लगवायेंगे, पानी आवश्यकतानुसार ही प्रयोग में लायेंगे, आर.ओ वेस्ट वाटर का प्रयोग करेंगे जैसे संकल्प हम सब कर लें तो प्रतिदिन हर शहर में लाखों लीटर तथा मैट्रो शहर में करोड़ों लीटर पानी बर्बाद होने से बच सकता है।

उन्होंने कहा कि वर्षाजल संग्रहण ही जल की कमी को दूर करने का एक मात्र उपाय है। हमारे प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस कथन ‘वर्षाजल, जहां भी गिरे जब भी गिरे, संग्रहित करें‘ का अनुशरण करते हुए हर व्यक्ति तेज वर्षा के समय अपने घर के खुल्ले मूंह के बड़े़ बर्तन टब बाल्टी आदि उस खुल्ले स्थान पर रख दे जहां वर्षाजल गिर रहा हो। एक बार में ही हर गांव शहर में बड़ी मात्रा में पानी संग्रहित हो जायेगा। वर्षा जल पुनर्भरण (रिचार्ज), तालाब या अन्य बड़े साधनों से जल संग्रहण बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि 1993 से हर वर्ष 22 मार्च को मनाए जा रहे जल दिवस का लक्ष्य है 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता जबकि जल वैज्ञानिकों के मतानुसार वर्तमान स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो 2030 में दुनिया की आधी आबादी को पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं मिलेगा। संकल्प करें कि प्रदूषण नहीं फैलायेंगे व ऊर्जा का व्यय न्यूनतम करेंगे तो तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है जो गलेशियर संरक्षण में सहयोग होगा और बूंद बूंद से घट भरता है अनुसार समस्या कम होने लगेगी।
उन्होंने बताया कि प्रमुख मैट्रो टेक शहर हैदराबाद, बैंगलौर, चेन्नई व गुरूग्राम के 4 करोड़ से अधिक लोगों को इस वर्ष गम्भीर जल संकट का सामना करना सम्भावित है। तापमान पिछली बार से 3-4 डिग्री तक अधिक जा सकता है जिसके कारण आधी से अधिक आबादी पानी की कमी से परेशान होगी।
उन्होंने कहा कि पानी की इसी बढ़ती कमी के कारण ही आस्ट्रेलिया में 5 वर्षों में 1.6 लाख ऊंटों को गोली से मारा गया। केपटाउन (साउथ अफ्रीका) में अप्रैल 2018 से पानी का राशन लागु होना व जारी रहना खतरनाक भविष्य की ओर इंगित करता है। निरन्तर अनेक वर्षों से वांछित वर्षा जल पुनर्भरण (रिचार्ज) न होने के कारण भूजल स्तर गिरता जा रहा है जिसके कारण डार्कजोन में ब्लाकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
श्री गोयल ने बताया कि बढ़ता प्रदूषण, वैश्विक तापमान व जलवायु परिवर्तन मुख्य कारण हैं और यह सब मानव जनित है। विकास के नाम पर विनाश की ओर बढ़ती सरकारें व जनता भविष्य के प्रति संवेदनशीलन नहीं है। उन्होंनेे हर व्यक्ति से अपना दृष्टीकोण बदलने और मुझे क्या-मेरा क्या‘ की बजाय ‘मैं क्या कर सकता हूं‘ के विचारानुसार कार्य करने की अपील करते हुए कहा कि इससे सारी समस्याएं हल हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि श्री गोयल पिछले 17 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर जल संरक्षण जागरूकता अभियान चला रहे हैं जिसके लिए उन्हें भारत सरकार जलशक्ति मन्त्रालय द्वारा जल रक्षक, वाटर हीरो व जल प्रहरी पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके द्वारा रचित ‘‘जल चालीसा‘‘ की 75 हजार प्रतियां प्रकाशित व निःशुल्क वितरित की जा चुकी हैं और अंग्रेजी, फ्रेंच व नेपाली विदेशी भाषाओं सहित 36 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है तथा पुस्तक रुप में प्रकाशित है। कार्यक्रम संयोजक हितेश जुनेजा ने उनका अभिनन्दन किया और महाविद्यालय प्राचार्या मंजु गेरा ने संस्थान की ओर से आभार व्यक्त करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
पर्यावरणविद व जल स्टार रमेश गोयलa एडवोकेट Environmentalist & Jal Star Ramesh Goyal Advocate
जल स्टार, जल योद्धा, जल रक्षक सम्मानित Honord with Jal Star, Jal Yodha Jal Rakshak
राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण (2015-16/2018-19) National Secretary Environment (2015-16/2018-19)
भारत विकास परिषद् (1700 शाखाएं) Bharat Vikas Parishad (1700 branches)
संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पर्यावरण प्रेरणा, Founder& National President, Paryavaran Prerana
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