- November 8, 2021
विश्वास का सेतु’ बनें : मोदी
बिजनेस स्टैंडर्ड ————- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने, व्यवस्थित और संगठित तरीके से एक अरब से अधिक टीके सफलतापूर्वक लगाने के लक्ष्य को हासिल करने की तारीफ करने के साथ ही राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर यह घोषणा की गई कि पार्टी आगामी सभी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी।
मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आम भारतीयों के बीच ‘विश्वास का सेतु’ बनें और साथ ही कहा कि आम कार्यकर्ताओं को राज्य केसाथ-साथ केंद्र सरकारों द्वारा किए गए अच्छे कामों को उजागर करने के लिए पार्टी की ‘सेवा’ की परंपरा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है, किसी परिवार की नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे टीकाकरण हो, भारत की नेट जीरो और जलवायु से जुड़ी प्रतिबद्धता को लेकर दुनिया ने भारत की उपलब्धियों पर गौर किया।
इस प्रस्ताव में और बाद में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्ट किया कि पार्टी, सरकार के कोविड-19 के प्रबंधन को आगामी चुनावी अभियान में अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करेगी। हालांकि संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान राज्य सरकारों को काफी संघर्ष करना पड़ा और देश के नागरिकों को ऑक्सीजन और अस्पताल के बेड जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए काफी जूझना पड़ा था। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं वहां के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने अपना प्रेजेंटेशन दिया।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘लॉकडाउन की घोषणा के 48 घंटे के भीतर, हम लोगों ने पूरे 8 महीने तक के लिएकरीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त मेंभोजन दिया।’ उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई गई थीं। साथ ही देश भर में 75,000 सेअधिकस्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए गए।
उन्होंने केंद्र के टीकाकरण कार्यक्रम पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की और कहा, ‘पूरी दुनिया में भारत में किए गए टीकाकरण की सराहना की गई और उसे याद करते हुए हमें यह भी याद आता है कि कैसे विपक्षी दलों न शुरू से ही टीकाकरण पर कई सवालिया निशान उठाए थे।’
पार्टी ने कई चुनावों में अपनी हालिया असफलताओं का जिक्र किया जिनमें इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के साथ-साथ कई राज्यों के उपचुनाव में राज्य को मिली हार भी शामिल है जिनमें हिमाचल प्रदेश में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली और मुख्यमंत्री ने महंगाई और ज्यादा कीमत को जिम्मेदार ठहराया। सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि पार्टी के उपचुनाव के प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई।
सीतारमण ने कहा कि पार्टी के प्रतिनिधियों ने पश्चिम बंगाल का हवाला देते हुए प्रतिबद्धता जताई कि वे अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार से बचाव करेंगे जहां पार्टी तृणमूल कांग्रेस को हराने में विफल रही और कार्यकर्ताओं ने दलबदल किया। प्रधान ने कहा, ‘हम लोकतांत्रिक तरीके से फिर से लड़ेंगे, पार्टी ने यही फैसला किया है।’
इस पार पार्टी ने केवल एक ही राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र के आवंटन से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक की बातें शामिल थीं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि तीन नए कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बातचीत करने के लिए पार्टी तैयार थी जिस पर गठबंधन के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने साझेदारी छोडऩे का फैसला कर लिया। हालांकि, पारित कानूनों पर पुनर्विचार कर ने जैसी बात का कोई संदर्भ नहीं दिया गया था।