- December 28, 2015
विशिष्ट एवं विलक्षण प्रतिभाओं का सम्मान
उदयपुर – केन्द्रीय जनजाति मामलात राज्यमंत्री मनसुखभाई वसावा ने जनजाति क्षेत्रों के समग्र विकास तथा जनजातियों के बहुआयामी उत्थान के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा-पूरा लाभ लेने और जरूरतमन्दों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए जागरुकता एवं सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पण की भावना से आगे आने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय जनजाति राज्य मंत्री वसावा ने रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में मेवाड़-वागड़-मालवा जनजाति विकास संस्थान, उदयपुर की ओर से आयोजित पंचम अंचलस्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान एवं सर्व समाज शिक्षक गौरव समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए यह आह्वान किया।
समारोह की अध्यक्षता उदयपुर के सांसद अर्जुनलाल मीणा ने की जबकि विशिष्ट अतिथियों के रूप में दौसा के सांसद पूर्व डीजीपी हरीशचन्द्र मीणा, उदयपुर के पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री रघुवीरसिंह मीणा, पूर्व जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया, बांसवाड़ा-डूंगरपुर क्षेत्र के पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, सलूम्बर विधायक नानालाल अहारी, बांसवाड़ा विधायक धनसिंह रावत, धरियावद विधायक गौतमलाल मीणा, पूर्व मंत्री चुन्नीलाल गरासिया, प्रतापगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक कालुराम रावत, जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति टी.सी. डामोर, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हरिकृष्ण डामोर, रामचन्द्र खराड़ी आदि उपस्थित थे। इन सभी अतिथियों ने संबोधित भी किया।
स्मारिका ‘उड़ान’ का विमोचन
अतिथियों ने दीप प्रज्वलन से समारोह की शुरूआत की। अतिथियों ने संस्थान द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘ उड़ान’ का विमोचन किया। संस्थान अध्यक्ष प्रभुलाल डेंडोर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया जबकि कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ. एम.एल. रावत ने रूपरेखा विवरण प्रस्तुत किया। सुश्री दीक्षा बरगोट ने आलोक गीत व यशी हरमोर ने आशा गीत प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन प्रशासनिक अधिकारी धनपतसिंह व आभार प्रदर्शन सीबी मीणा ने किया। सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न वितरित किए गए।
शॉल, उपरणा एवं प्रमाण पत्र आदि से सम्मान
समारोह में केन्द्रीय जनजाति मामलात राज्यमंत्री मनसुखभाई वसावा एवं अन्य अतिथियों ने उल्लेखनीय एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिए श्रेष्ठ प्रतिभाओं और विशिष्टजनों को शॉल, उपरणा एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कार सम्मान प्रदान किए।
मानगढ़ धाम व वाल्मीकि गौरव सम्मान
इनमें विशेषकर प्रतापगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक कालुराम रावत, सर्जन डॉ. राजेश रोत, एजीएम आर.सी. मीणा, छात्र संघ अध्यक्ष रहे सोनू अहारी एवं आरएएस रागिनी डामोर को श्री मानगढ़ धाम गौरव पुरस्कार तथा पृथा कलासुआ, डॉ. रजनी पी. रावत एवं डॉ. सरिता बारिया को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया।
शिक्षा से होगा समग्र विकास
केन्द्रीय जनजाति मामलात राज्यमंत्री मनसुख भाई वसावा ने शिक्षा को व्यक्तित्व विकास, सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन और राष्ट्रीय उत्थान का मूलाधार बताया और कहा कि जनजाति वर्ग की प्रतिभाओं को समय पर समुचित शिक्षा, सही-सही मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन मिल जाए तो अपने आप आत्मनिर्भरता पाते हुए आगे बढ़ने और दूसरों को भी आगे बढ़ाते हुए समग्र विकास में सहभागिता निभाने का इनमें पूरा माद्दा है। इसके लिए यह जरूरी है कि हम खुद भी पूरी सतर्कता और जागरुकता से आगे आएं और जो लोग शिक्षा से वंचित हैं उन लोगों को भी शिक्षा की रोशनी प्रदान करें।
योजनाओं लाभ खुद लें, औरों को भी लाभान्वित करें
केन्द्रीय जनजाति मामलात राज्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें जनजाति कल्याण के लिए भरसक प्रयासों में जुटी हुई हैं। इनमें गरीबों, पिछड़ों एवं जनजाति वर्ग की प्रतिभाओं को निखारने, मदद देकर आगे बढ़ाने और उनका भविष्य संवारने की खूब योजनाएं चल रही हैं। इनके साथ ही कौशल विकास के माध्यम से हुनर निखारकर स्वालम्बी बनाने के लिए भी खूब अवसर उपलब्ध हैं। इनका लाभ सभी जरूरतमन्दों तक पहुंचाने के लिए सामाजिक दायित्व की भावना से आगे आने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने प्रबुद्धजनों, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं से व्यापक लोक जागरण में जुटने का आह्वान किया।
उन्होंने बताया कि एकलव्य मॉडल स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा शिक्षण सहित तमाम प्रबन्ध बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर भारत को सामथ्र्यवान बनाने के लिए सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र को लेकर काम कर रही हैं और इसमें आत्मीय व समर्पित सहभागिता निभाने के लिए सभी को पूरे मन से आगे आना चाहिए।
अनुभवी वक्ताओं ने अनुभव बताए, आगे बढ़ने की सीख दी
समारोह को संबोधित करते हुए तमाम अतिथियों ने अपने ज्ञान और अनुभवों का निष्कर्ष सामने रखते हुए जनजाति कल्याण को नई दिशा प्रदान करने में पूर्ण सहभागिता का आह्वान किया।
सभी वक्ताओं ने जनजाति विकास एवं प्रतिभा उन्नयन के लिए हर स्तर पर सार्थक प्रयास करने, समाज के प्रति ऋण चुकाने के लिए अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का वहन करने, पूरी लगन एवं निष्ठा से उच्चतम लक्ष्य हासिल करने के लिए एकाग्रता और अभ्यास, प्रशासनिक, तकनीकि और उच्च शिक्षा क्षेत्र को अपनाने,शिक्षा को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए जीवन, समाज और देश के विकास में भागीदार बनने, संस्कार अपनाने, संगठन की सुदृढ़ता, विद्यार्थी काल को स्वर्णिम मानते हुए पूरा-पूरा उपयोग करने, माता-पिता के अरमानों को पूरा करने, संवादहीनता, रचनात्मकता, व्यवहारिक आत्म मूल्यांकन पर जोर देने, प्रतिभाओं को समय पर योग्यतम मार्गदर्शन देने, इंसानियत पर अमल करने, सुविधाओं का बेहतर उपयोग करने आदि पर जोर दिया।
उदयपुर संभाग मुख्यालय पर हो जनजाति हॉस्टल
दौसा सांसद, पूर्व डीजीपी हरीश मीना ने जनजाति कल्याण के लिए शिक्षा पर जोर दिया और कहा कि आज हक प्राप्त करने के लिए मिलजुलकर आगे आने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे मानसिक गुलामी से परे रहते हुए समाज निर्माण के रचनात्मक दायित्व को बखूबी निभाएं।
मीना ने उदयपुर संभाग मुख्यालय पर जनजाति प्रतिभाओं के लिए सभी सुविधाओं से युक्त एक बेहतर हॉस्टल निर्माण का आह्वान किया और कहा कि सभी को चाहिए कि वे अपनी एक माह की तनख्वाह का योगदान इसमें दें। इस पर अन्य अतिथियों एवं संभागियों ने भी हाथ ऊँचे कर अपनी ओर से भी भागीदारी का संकल्प लिया।
आय सीमा बढ़ाने के प्रयास जारी
अध्यक्षीय उद्बोधन में उदयपुर के सांसद अर्जुनलाल मीणा ने जनजाति कल्याण के प्रयासों पर जानकारी दी और बताया कि जनजाति विद्यार्थियों के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति में ढाई लाख की आय सीमा हटाकर छह लाख तक किए जाने के प्रयास जारी है। उन्होंने बेहतर आयोजन के लिए समारोह के सूत्रधार डॉ. मन्नालाल रावत एवं उनकी टीम की सराहना की तथा छात्रावास से संबंधित गतिविधियों के लिए पूर्व सांसद रघुवीरसिंह मीणा को अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस एच.के. डामोर को सचिव के रूप में नामित किया।
विभिन्न सम्मान प्रदान
समारोह में शहीद नाना भाई खांट शिक्षक गौरव पुरस्कार, मेवाड़ वीर राणा पूंजा भील प्रतिभा पुरस्कार, शहीद नानकभाई भील सामाजिक नेतृत्व पुरस्कार, आदिवासी वीर बालक एकलव्य प्रतिभा पुरस्कार, आदिवासी वीर बाला काली बाई प्रतिभा पुरस्कार,पद्श्री धनुर्धर श्री लिम्बाराम खेल रत्न पुरस्कार आदि विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें जिला शिक्षा अधिकारियों शिवजी गौड़ (उदयपुर) तथा दुर्गा सुखवाल (प्रतापगढ़) को शहीद नानाभाई खांट शिक्षक गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।