- January 13, 2017
विमुद्रीकरण से आतंक को मिलने वाले धन, हवाला कारोबार और मानव तस्करी में कमी आई:- रवि शंकर प्रसाद
पेसूका —-केंद्रीय विधि, न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार के 8 नवंबर के विमुद्रीकरण के फैसले से आतंक, धन पोषण, हवाला कारोबार, सुपारी हत्या और मानव तस्करी विशेषकर नेपाल तथा पूर्वोत्तर की युवतियों की योण शोषण के लिए जैसी तस्करी की घटनाओं में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि सरकार टैक्स आधार को व्यापक बनाने के लिए कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि टैक्स आधार बढ़ाए बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली के पास विकास कार्यों के लिए सिर्फ पांच लाख करोड़ रुपए हैं। यह बढ़ना चाहिए।
नई दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वोमेन प्रेस कोर और सुप्रीम कोर्ट लायर्स कॉंफ्रेंस द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि एकता और अखंडता की दृष्टि से पहले से अधिक मजबूत नया भारत उभर रहा है। यह भारत जाति, पंथ और धर्म की सीमा को पार करते हुए उभर रहा है।
भारत के भूतपूर्व प्रधान न्यायामूर्ति एम.एन. वेंकटचेलैया ने मौलिक कर्तव्यों और आर्थिक तथा न्यायिक सुधारों पर संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने बेहतर भारत बनाने के लिए युवाओं की शिक्षा पर बल दिया।
श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। हमारी सरकार परिवर्तनकारी सरकार है और टैक्नोलॉजी उपकरण सुशासन में सक्रिय रूप में भूमिका निभा रहे हैं।
आज 110 करोड़ आधार कार्ड और 104 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं। डिजिटल गवर्नर का अर्थ तेजी से कार्य संपादित करना है और आज ग्रमीण क्षेत्रों में गरीब और अशिक्षित लोग भी नए विश्वास के साथ टैक्नोलॉजी अपना रहे हैं।
उन्होंने राजस्थान में अलवर के स्कूल में गणित शिक्षक इमरान खान का उदाहरण दिया। इमरान खान के मोबाइल एप से 40 लाख बच्चों को फायदा हुआ। श्रीप्रसाद ने तेलंगना की बीड़ी कर्मी सतामा देवी द्वारा दुबई में अपने पोते से बातचीत करने के लिए स्काइप के उपयोग के बारे में सीखने का भी उदाहरण दिया।
श्री प्रसादने कहा कि वर्तमान सरकार में ऐसे नेता हैं जो आपातकाल के दिनों में छात्र गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार न्यायापालिका की स्वतंत्रता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने अवसंरचना तथा न्यायिक नियुक्तियों से जुड़े विषयों को स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में 1999 के बाद उच्च न्यायापालिका में सबसे अधिक 126 नियुक्तियां हुई हैं। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के 131 न्यायाधीशों की पुष्टि की गई है।
सेमिनार में वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह, लोक सभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी, बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह, पूर्व राज्यपाल ए.आर. कोहली, आईडब्ल्यूपीसी अध्यक्ष सुष्मा रामचंद्रन, अधिवक्ता अशोक अरोड़ा तथा पीसीआई के महासचिव विनय कुमार भी उपस्थित थे।