विभागीय आदेश विभागीय अधिकारियों के लिए हैं—एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार

विभागीय आदेश विभागीय अधिकारियों के लिए हैं—एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार

लखनऊ (राजेश कुमार सिंघानियाँ) ——— मोहर्रम को लेकर जारी सर्कुलर को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सही बताया है। उन्होंने कहा है कि हर साल की तरह इस साल भी पुराने विवादों और इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर सर्कुलर तैयार किया गया है।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पिछले वर्ष 2020 में और 2019 में भी हू ब हू ऐसा ही सर्कुलर निकाला गया था। नए सर्कुलर में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और कोविड गाइडलाइन को जोड़ा गया है। इस तरह के सर्कुलर पुलिस की आंतरिक व्यवस्था के तहत निकाले जाते हैं ताकि फील्ड के पुलिस अफसर यह जान सकें कि किस किस तरह के विवाद हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सर्कुलर में किसी धर्म या वर्ग विशेष के लिए कोई आपत्तिजनक शब्द या भावनाओं को आहत करने वाले नहीं है। प्रशांत कुमार ने बताया कि अराजक तत्व किस तरह माहौल खराब करने और संप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं, इससे फील्ड के अफसरों को आगाह किया गया है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है।  इस तरह के आदेश सभी मुख्य त्यौहारों से पूर्व जारी होते रहे हैं। शिया उलेमाओं की सर्कुलर को संशोधित कर जारी करने की मांग को उन्होंने निराधार बताते हुए कहा कि इसमें किसी तरह का संशोधन नहीं किया जा रहा है।

यह विभागीय आदेश विभागीय अधिकारियों के लिए हैं जो जिलों, रेंज और जोन में तैनात हैं।

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