- January 17, 2015
विधिक जागरूकता शिविरों में ग्रामीण जन को विधिक जानकारियां
17 जनवरी 2015/प्रतापगढ़ – ’गांव-गांव, ढाणी-ढाणी विधिक जागृति की अलख जगे’ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेषन न्यायाधीष-पवन एन.चन्द्र की इसी भावना के मध्यनजर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, धरियावद-प्रशान्त शर्मा ने गांव मुंगाणा, (धरियावद) में एवं सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ-श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा ने ग्राम पावटी, में विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजित किये गये।
गांव मूंगाणा में आयोजित विधिक जागरूकता षिविर में इस अवसर पर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीष एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धरियावद- प्रशान्त शर्मा ने अपने उद्बोधन में ग्रामीणों से रूबरू होते हए कन्या भू्रण हत्या समाज को समाज के लिये एक गंभीर चुनौती निरूपित करते हुए कन्याभ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने की अपील की तथा कन्याभ्रूण हत्या से उत्पन्न हो रहे असंतुलित लिंगानुपात एवं उसके दुष्परिणामों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ना केवल लिंग की जांच कराने वाले व्यक्ति को सजा होती है अपितु जांच करने वाले डाक्टर को भी सजा होती है। साथ ही उन्होने इस अवसर पर उपस्थित जन को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
गावं पावटी में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में इस अवसर पर सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़-श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा ने उपस्थित ग्रामवासियों को सरल भाषा में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से संबंधित कानूनों व कन्या भूण हत्या के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये उनमें वर्णित विविध प्रावधान बताये। श्रीमती शर्मा ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया तथा उनसे संबंधित कानूनों की जानकारी दी।
इस अवसर पर सिविल न्यायाधीष न्यायिक मजिस्ट्रैट-श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा ने यह भी बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से भिन्न नहीं है, परन्तु आज भी बालिकाओं के अस्तित्व को माता की कोख में आने के समय से ही खतरा उत्पन्न हो जाता है। श्रीमती शर्मा ने कन्याभ्रूण जैसे जघन्य अपराधों को भी रोकने की अपील करते हुये उपस्थित जन को इसे रोके जाने हेतु संकल्प दिलाया। शिविर में लगभग 25-30 व्यक्ति उपस्थित रहे।