विधान सभा : मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान : 43 हजार कार्य प्रांरभ : 12 हजार कार्य पूर्ण
जयपुर ——ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत अभी तक राज्य में लगभग 43 हजार कार्य प्रांरभ किए गए, जिनमें से 12 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
अभियान के अंतर्गत आम जनता के साथ जनप्रतिनिधि, धर्मगुरुओं, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को सक्रिय रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं में नवाचार, स्वच्छ भारत मिशन, जनता जल योजना, महात्मा गांधी नरेगा योजना सहित ग्रामीण विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे अन्य प्रयासों की विस्तार से चर्चा की।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सदन में मांग संख्या-49 स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को मुआवजा और समनुदेशन पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को मुआवजा और समनुदेशन की 33 लाख 76 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। इससे पहले श्री गोयल ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांग के संबंध में जो 55 कटौती प्रस्ताव सदन में आए हैं, उनका अध्ययन कर 48 घंटे में जवाब भिजवाया जाएगा।
पंचायती राज में नवाचार का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर आधारभूत संरचनाओं को बढ़ावा देने तथा पंचायतों में कुशल प्रशासन हेतु ग्राम पंचायताें का आकार छोटा करने के लिए पंचायतों का पुनर्गठन किया गया। उन्होंने बताया कि पुनर्गठन के उपरान्त 723 नई ग्राम पंचायतें व 47 नई पंचायत समितियों का गठन किया गया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप पंचायती राज संस्थाओं में कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए शिक्षित जनप्रतिनिधि चुनकर आएं, इसके लिए पंचायती राज अधिनियम-1994 में आवश्यक संशोधन किए गए। फलस्वरूप नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं प्रोफेशनल योग्यता वाले प्रतिनिधि भी निर्वाचित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा की गई इस पहल को एक प्रगतिशील कदम बताते हुये सर्वोच्च न्यायालय में भी उक्त प्रावधान को सराहा गया है तथा देश के अन्य राज्य भी इस संबंध में राजस्थान का अनुकरण कर रहे हैं। श्री गोयल ने कहा कि गांवों में रोजगार व पर्यटन को बढ़ावा देने, उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज अधिनियम-1994 में संशोधन कर जून, 2015 में आबादी भूमि के उपयोग परिवर्तन के अधिकार दिये गये।
स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 3 लाख परिवारों के लिए शौचालय बनवाये गये, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा अब तक 27 लाख शौचालयों का निर्माण कर राज्य को देश में प्रथम स्थान दिलाया गया हेै। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 31 मार्च, 2018 तक राज्य को ओडीएफ घोषित करने का संकल्प लिया है। इसके लिए शेष रहे परिवारों में से 2016-17 में 26 लाख तथा 2017-18 में 28 लाख शौचालयों का निर्माण करवाया जावेगा।
श्री गोयल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनता जल योजना को गंभीरता से लेते हुए गत 2 वषार्ें में 229 करोड़ रुपए आवंटित किये गए। इस योजना के अंतर्गत बिजली के बिल का भुगतान भी राज्य वित्त आयोग मद से सीधा किया जाएगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत इस वर्ष अभी तक 21.5 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित किए गए हैं और 41 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि योजना में राज्य सरकार द्वारा व्यक्तिगत लाभार्थी के कार्य में व्यय की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में 25 लाख रुपए की लागत के खाद्यान्न भण्डार बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है। श्री गोयल ने बताया कि ‘मुख्यमंंंंंंत्री स्वच्छ ग्राम योजना में आगामी वर्षो में लगभग 220 करोड़ रुपए व्यय किये जाने प्रस्तावित हैं। इसकी कार्य योजना तैयार की जा रही है। साथ ही किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए आगामी वर्ष में 2000 आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण पर 140 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
श्री गोयल ने विभिन्न योजनाओं में पिछले दो वर्षों में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि गुरु गोलवलकर जनभागीदारी विकास योजना के अंतर्गत 2381 कार्य, डांग क्षेत्रीय विकास योजना के अंतर्गत 1771 कार्य, मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के अंतर्गत 2043 कार्य, मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के अंतर्गत 1403 कार्य एवं सीमान्त क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 2179 कार्य करवाए गए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि 13वां व 14वां वित्त आयोग के माध्यम से पिछले दो वर्षों में 2514 करोड़ का आवंटन हुआ तथा आगामी 3 वर्षों में 9831 करोड़ रुपए के आवंटन की संभावना है। इसी तरह राज्य वित्त आयोग चतुर्थ एवं पंचम के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 4530 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ तथा आगामी 3 वर्षों में 7370 करोड़ रुपए के आवंटन की संभावना है।