विधान सभा के सदस्य जितना समय सदन में बैठेंगे, उतना ही सीखेंगे—– पूर्व विधान सभा अध्यक्ष

विधान सभा के सदस्य जितना समय सदन में बैठेंगे, उतना ही सीखेंगे—– पूर्व विधान सभा अध्यक्ष

जयपुर——— पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह ने रविवार को पंद्रहवी विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कहा कि विधान सभा के सदस्य जितना समय सदन में बैठेंगे, उतना ही सीखेंगे।

उन्होंने विधान सभा के नए सदस्यों को संदेश देते हुए कहा कि वे विधान सभा के नियमों का अध्ययन करें। सरकार के काम करने के तरीके को समझने के लिए उन्होंने विभागों के वार्षिक प्रतिवेदनों का अध्ययन करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष का कर्तव्य है कि वह हर सदस्य के अधिकारों की रक्षा करे। उन्होंने सदस्यों को सदन चलने के दौरान ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में विस्तार से बताया।

इससे पूर्व सरकारी मुख्य सचेतक श्री महेश जोशी ने पौधा भेंटकर सत्र के अध्यक्ष श्री दीपेंद्र सिंह का स्वागत किया।

सत्र के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधान सभा श्री राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल, ध्यानाकर्षण और स्थगन के बारे में अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि शून्यकाल एक महत्वपूर्ण काल होता है।

विभिन्न नियमों के माध्यम से सदस्य इस दौरान अपनी बात सदन के समक्ष रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थगन प्रस्ताव सामान्य रूप से प्रतिपक्ष के सदस्य रखते हैं। यह प्रतिपक्ष के सदस्यों के द्वारा अपनी बात रखने का माध्यम है। उन्होंने पर्ची के माध्यम से प्रश्न पूछने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विधान सभा, सदस्यों को विशेषाधिकार देती है, वहीं संसदीय परंपराओं के निर्वहन की जिम्मेदारी भी देती है।

सत्र में लोक सभा के पूर्व महासचिव श्री अनूप मिश्रा ने विधायी कार्य, विधेयकों की पारण की प्रक्रिया, चर्चा एवं अध्यादेश के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी विधेयक सदन में लाने से पहले मंत्रिपरिषद का अनुमोदन आवश्यक होता है।

मंत्रिपरिषद को मुख्य रूप से विधेयक के आमुख और प्रालेखन का परीक्षण करना होता है। उन्होंने कहा कि हर विधेयक में उद्देश्य और कारण का उल्लेख होना चाहिए। उन्होंने विधान सभा में अध्यादेश लाने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने विधेयक के विचारण और पारण के तरीकों को भी समझाया।

सत्र के अंत में सरकारी मुख्य सचेतक श्री महेश जोशी ने सदन के सभी सदस्यों और वक्ताओं का सफल आयोजन का साक्षी बनने के लिए आभार व्यक्त किया।

पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री दीपेंद्र सिंह ने सभी वक्ताओं को स्मृति चिह्व भेंट किए। श्री महेश जोशी ने श्री दीपेंद्र सिंह को स्मृति चिह्व भेंट किया।

Related post

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…
भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…

Leave a Reply