• November 21, 2015

विद्युत अपराधों की जांच एवं एफ.आई.आर दर्ज कराने के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त

विद्युत अपराधों की जांच एवं एफ.आई.आर दर्ज कराने के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त

जयपुर -बिजली चोरी व अन्य गम्भीर अपराधों को रोकने के लिये भरी जाने वाली वी.सी.आर.की उचित मॉनिटरिग तथा राज्य सरकार द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 के अन्तर्गत घटित अपराधों में जांच एवं एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किये गए है।

अध्यक्ष डिस्कॉम्स श्री भास्कर ए.सांवत ने बातायाकि वी.सी.आर. मॉनिटरिंग एवं रिव्यूइंग कमेटी को अधिक प्रभावी बनाने एवं उपभोक्ताओं की समस्याओं के उचित समाधान के उद्देश्य से संशोधित दिशा निर्देश भी जारी किए गए है। उन्होंने बताया कि वी.सी.आर.़ मॉनिटरिग एवं रिव्यूइंग कमेटी का गठन वृत स्तर, सम्भाग स्तर एवं निगम स्तर पर किया जायेगा जिसकी वित्तीय सीमा एवं सदस्य निर्धारित किये गये हैं।

वृत स्तरीय वी.सी.आर. मॉनिटरिंग एवं रिव्यइंग कमेटी की वित्तीय सीमा सिविल लाइबिलिटी में राशि पांच लाख रूपए तक तथा आवेदन शुल्क पांच सौ रूपए होगा। इस समिति में अधीक्षण अभियन्ता (पवस) अध्यक्ष होंगे। जबकि अधिशाषी अभियन्ता (सतर्कता) सदस्य सचिव, इंचार्ज, विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाना एवं वृत्त लेखाधिकारी सदस्य होंगे। इसी प्रकार सम्भाग स्तरीय वी.सी.आर. मॉनिटरिंग एवं रिव्यूइंग कमेटी की वित्तीय सीमा सिविल लाइबिलिटी में राशि पांच रूपए लाख से अधिक एवं बीस लाख रूपए होगी तथा आवेदन शुल्क 750 रूपए होगा। इस समिति में सम्भागीय मुख्य अभियन्ता अध्यक्ष होंगे। जबकि अधिशाषी अभियन्ता (सतर्कता)सदस्य सचिव (सम्भाग मुख्यालय पर) तथा उप-अधीक्षक पुलिस (सतर्कता) एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी सदस्य होंगे।

उन्होंने बताया कि निगम स्तरीय वी.सी.आर. मॉनिटरिंग एवं रिव्यूइंग कमेटी की वित्तीय सीमा सिविल लाइबिलिटी में 20 लाख रूपए से अधिक होंगी तथा आवेदन शुल्क 1000 रूपए होगा। समिति में अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक/प्रबन्ध निदेशक समिति अध्यक्ष होंगे। जबकि निदेशक (तकनीकी), निदेशक (वित्त), अति0 पुलिस अधीक्षक (सतर्कता), अधीक्षण अभियन्ता (सतर्कता) एवं अधिशाषी अभियन्ता (लीगल) सदस्य तथा मुख्य अभियन्ता (वाणिज्य) सदस्य सचिव होंगे।

उन्होंने बताया कि कमेटी के समक्ष वाद की प्रस्तुति संबंधित चैकिंग अधिकारी द्वारा की जाएगी। अधिशाषी अभियन्ता (सतर्कता) यदि स्वयं चैकिंग अधिकारी हो तो कमेटी का सदस्य सचिव अधीक्ष़्ाण अभियन्ता (पवस)/सम्भागीय मुख्य अभियन्ता के तकनीकी सहायक होंगे। आवश्यकतानुसार मीटर विंग/अन्य विंग के अधिकारी समिति में आमंत्रित सदस्य होंगे। समिति वी.सी.आर. की उचित मॉनिटरिग एवं विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अन्तर्गत भरी गई वी.सी.आर. के संबंध में प्राप्त विवादों के समाधान के लिये अधिकृत होंगे। वी.सी.आर. की तिथि से 15 दिवस पश्चात प्राप्त आवेदनों पर समिति द्वारा विचार नहीं किया जावेगा। उन्होंने बताया कि समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिये 50 प्रतिशत सिविल लाइबिलिटि राशि या 10 लाख रुपय जो भी कम होने पर निर्धारित शुल्क तथा आवेदन शुल्क राशि जमा कराया जाना अनिवार्य होगा।

उन्होंने बताया कि उपभोक्ता या प्रभावित व्यक्ति समिति के अध्यक्ष को अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा जिसको स्वीकृत किये जाने पर निर्धारित राशि जमा कराई जा सकेगी। कमेटी द्वारा ऐसे प्राप्त आवेदनों की सूचना तत्काल संबंधित पुलिस थाने को प्रेषित की जायेगी। कमेटी को यह अधिकार होगा कि विवाद के निस्तारण हेतु यदि आवश्यक समझे तो किसी सक्षम अधिकारी को विवादित स्थल पर भेजकर रिपोर्ट मंगवा सकेगी एवं उपलब्ध सामग्री/तथ्यों की विवेचना से निर्णय ले सकेगी। कमेटी के लिये यह भी वांछनीय होगा कि वह उपभोक्ता या प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का उचित अवसर दे। कमेटी आवेदन प्राप्त होने के 15 दिन में उसका निस्तारण करना सुनिश्चित करेगी। वी.सी.आर. पर अग्रिम कार्यवाही कमेटी के निर्णयानुसार की
जायेगी। —

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