- December 7, 2016
ब्रिक्स सम्मेलन————-वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ———-ब्रिक्स के सदस्य देशों अर्थात ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राजस्व प्रमुखों ने सहयोग के सम्भावित क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने के लिए 5 एवं 6 दिसम्बर, 2016 को मुम्बई में एक बैठक आयोजित की।
इस बैठक में राजस्व प्रमुखों ने खुलेपन, एकजुटता, समानता, आपसी समझ, समग्रता एवं पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग के प्रति अपनी मौजूदा कटिबद्धता पर आधारित राय एवं विचारों का आदान-प्रदान किया।
बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों के बीच समकालीन एवं प्रासंगिक विषयों से संबंधित कर मसलों पर चर्चाएं हुईं। गैर-दखलंदाजी साधनों के जरिए अनुपालन को बेहतर करने पर ब्रिक्स देशों में सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करना, सभी देशों द्वारा एक-एक करके जानकारी देने से संबंधित ‘बीईपीएस 13 सूत्री कार्य योजना’ के कार्यान्वयन की दिशा में प्रगति एवं इससे उभरने वाले मुद्दे और अंतर्राष्ट्रीय कर नियमों को तय करने की दिशा में विकासशील एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बनने से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की भूमिका भी इन विषयों में शामिल हैं।
राजस्व प्रमुखों ने बैठक की समाप्ति पर एक संयुक्त विज्ञप्ति भी जारी की, जिसमें विश्व स्तर पर एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी सार्वभौमिक कर प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में समस्त अंतर्राष्ट्रीय पहलों को अपना निरंतर समर्थन देने की बात कही गई है।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कर प्रणाली की निष्पक्षता सुनिश्चित करने, विशेषकर आधार क्षरण एवं लाभ स्थानांतरण की रोकथाम, कर सूचनाओं के आदान-प्रदान और विकासशील देशों के क्षमता सृजन के लिए आवश्यक कदम उठाने के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई।
ब्रिक्स देशों के राजस्व प्रमुखों ने अपनी बैठक की समाप्ति पर जारी संयुक्त विज्ञप्ति के मूल पाठ में कहा है कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कर संबंधी सहयोग को बढ़ावा देना और इन क्षेत्रों में प्रासंगिक ज्ञान एवं अनुभवों का आदान-प्रदान करना था।
आधार क्षरण एवं लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस) की समस्या से निपटना
संयुक्त विज्ञप्ति के मूल पाठ में राजस्व प्रमुखों ने कहा है कि हम कर संबंधी आक्रामक तौर-तरीकों को अपनाये जाने के कारण कर आधार के क्षरण की प्रक्रिया को लेकर काफी चिंतित हैं। सूचनाओं का आधा-अधूरा खुलासा करना भी इन तौर-तरीकों में शामिल है। राजस्व प्रमुखों ने इन चिंताओं को दूर करने की दिशा में मिल-जुलकर काम करने से संबंधित अपने संकल्प को दोहराया है।
राजस्व प्रमुखों का कहना है कि हम इस साझा समझ को भलीभांति स्वीकार करते हैं कि मुनाफे पर कर उन्हीं क्षेत्राधिकारों में लगाया जाना चाहिए जहां इन मुनाफों से संबंधित कार्यकलाप संपन्न किये गये हैं और जहां संबंधित मूल्य का सृजन हुआ है।
संयुक्त विज्ञप्ति के मूल पाठ में राजस्व प्रमुखों ने कहा है कि हम आधार क्षरण एवं लाभ स्थानांतरण की समस्या से निपटने के उद्देश्य से बेशकीमती अनुभवों का निरंतर आदान-प्रदान करने और इस दिशा में अपनाये जा रहे सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने संबंधी अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करते हैं।