• October 5, 2018

वित्त निगम को वर्ष 2017-18 में 18.10 करोड़ का शुद्ध लाभ

वित्त निगम को वर्ष 2017-18 में 18.10 करोड़ का शुद्ध लाभ

259.23 करोड़ रूपये की वसूली
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राजस्थान वित्त निगम ने वर्ष 2016-17 में 10.78 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2017-18 में निगम ने रूपये 18.10 करोड़ का शुद्व लाभ अर्जित किया है।

वर्ष 2017-18 के दौरान निगम ने अपनी तीनों मुख्य गतिविधियों – ऋण स्वीकृति, ऋण वितरण एवं ऋण वसूली – में निर्धारित लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल कर कीर्तिमान स्थापित किया।

350 करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृति के लक्ष्य के मुकाबले निगम ने रूपये 386.68 करोड़ के ऋण स्वीकृत किये, जो कि लक्ष्य का 110.48 प्रतिशत है। वहीं रूपये 255 करोड़ रूपये के निर्धारित ऋण वितरण के लक्ष्य के मुकाबले कुल 267.38 करोड़ रूपये के ऋण वितरित किये, जो कि लक्ष्य का 104.85 प्रतिशत है।

इसी प्रकार ऋण वसूली के 255 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले 259.23 करोड़ रूपये की वसूली की गई।

मार्च 31, 2017 तक जो एन.पी.ए. रूपये 237.62 करोड़ थे, उनको निगम ने घटाने के उद्देश्य से ’’एकमुश्त निपटारा योजना’’ के अंतर्गत 230 इकाईयों का पंजीकरण किया, जिनमें से 113 इकाईयों का एकमुश्त निपटारा किया गया, जिससे निगम को 6.06 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई। इस प्रकार मार्च 31, 2018 तक निगम अथक प्रयासों के फलस्वरूप एन.पी.ए. को रूपये 14.47 करोड़ घटाने में सफल हुआ।

वर्ष 2017-18 के दौरान वित्त निगम ने बन्द पड़ी 14 इकाईयों में से 9 इकाईयों को उनके मूल प्रवर्तकों को सौंपा तथा अन्य 5 इकाईयों के प्रबन्ध में बदलाव करके कर उन्हें सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया।

राज्य में युवाओं को उद्यम स्थापित करने हेेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से निगम ने अपनी ’’युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना’’ को और अधिक आकर्षक बनाते हुए इसमें मिलने वाली अनुदान राशि (सबवेन्शन) को रूपये 90 लाख से बढ़ाकर 150 लाख कर दी गई थी, जिसके फलस्वपरूप वर्ष 2017-18 में कुल 113 युवा उद्यमियों को रूपये 130.44 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।

वर्तमान में व्यापार के क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा को मध्ये नजर रखते हुए निगम अपनी सभी शाखाओं में प्रत्येक माह औद्योगिक प्रोत्साहन शिविर निरन्तर आयोजित कर रहा है, जिसके माध्यम से अपनी नवीन योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर उद्यमियों को निगम से ऋण लेने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन शिविरों के दौरान तुरन्त ही ऋण स्वीकृत किये जाते हैं तथा इच्छुक उद्यमियों को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस को बढ़ावा देने के क्रम में निगम ने अपने सभी उद्यमियों के ऋण खातों को ऑनलाईन कर दिया है, जिससे अब वे घर बैठे ही अपने खातों की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

गुणात्मक व्यापार एवं स्टेण्डर्ड पोर्टफोलियो को बढ़ावा देने हेतु निगम अपने प्रयास निरन्तर जारी रखेगा। एन.पी.ए. घटाने के उद्देश्य से ’’एकमुश्त निपटारा योजना’’ की गत वर्ष की सफलता को मद्वे नज़र रखते हुए इस योजना की अवधि को 30 सितम्बर, 2018 तक के लिए बढ़ा दिया गया है तथा धारा-32-जी के अंतर्गत अधिकाधिक कार्यवाही करके एन.पी.ए. कम करने के लिए भी निगम निरन्तर प्रयासरत है।

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