• December 25, 2015

वित्तीय साक्षरता के लिए नाबार्ड व अपेक्सबैंक के बीच एमओयू

वित्तीय साक्षरता के लिए नाबार्ड व अपेक्सबैंक के बीच एमओयू

जयपुर – राज्य मेें ग्राम स्तर तक वित्तीय साक्षरता और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए नाबार्ड 75 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराएगा। सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक और प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री दीपक उप्रेती की उपस्थिति में इस आशय के दो करार पत्रों पर नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती सरिता अरोरा और अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक श्री के.के. गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। करार के अनुसार ग्राम स्तर तक वित्तीय साक्षरता के लिए सहकारी बैंकों को 45 करोड़ रुपये एवं डिपोजिट मोबिलाइजेशन एजेन्ट के रुप में आधारभूत सुविधाओं के लिए 15 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान देश का पहला प्रदेश बनने जा रहा है जो नाबार्ड के सहयोग से ग्राम स्तर पर लोगों को वित्तीय साक्षरता से बैंकों में खाता खुलवाने से लेकर लेन-देन की जानकारी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे एमओयू के अनुसार गांवों में नाबार्ड के सहयोगसे एटीएम, मिनी एटीएम और पोस मशीन जैसी सुविधाएं मुहैया कराकर पेक्स को ग्रामीणों की बैंक के रुप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 13 दिसबंर को सहकारी बैंकों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर भामाशाह, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं, मनरेगा, छात्रवृतियां आदि के भुगतान की सुविधा शुरु की है। उन्होंने बताया कि अब नाबार्ड के सहयोग से संचालित इन दोनों कार्यक्रमों से ग्रामीणों को सीधे पेक्स से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहकारिता क्षेत्र में देश में ऐसा पहला प्रदेश है जहां ग्राम स्तर पर भुगतान सुविधा के लिए 15 करोड़ की लागत सेफायनेंसियल इन्क्लूजन गेटवे तैयार करवाकर शुरु किया गया है।
श्री किलक ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी बैंकों में अधिकांश ग्रामीणों के खाते नहीं खुलने से लोगों में वित्तीय साक्षरता का अभाव है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को सीबीएस प्लेट फार्म पर लाना चुनौतीपूर्ण काम था जिसे पूरा कर लिया गया है और वह दिन दूर नहीं जब सहकारी बैंक राज्य की ग्रामीण ही नहीं शहरी बैंकिंग क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी स्पष्ट मान्यता है कि बैंक सुविधा संपन्न होंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार मिलेगा।
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सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दीपक उप्रेती ने कहा कि सहकारी बैंकों को ग्राहकों को मालिक समझकर काम करना होगा ताकि अधिक से अधिक लोग सहकारिता से जुड़ें। उन्होंने कहा कि सरकार का वित्तीय समावेशन का सपना ग्राम स्तर की सहकारी समितियो ंपर आधारभूत सुविधाएंउपलब्ध कराने और उनका सक्रियता से संचालन से पूरा किया जा सकता है।
नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती सरिता अरोरा ने बताया कि नाबार्ड द्वारा डीएमए कार्यक्रम के तहत राज्य के 23 सीसीबी को 15 करोड़ रुपये इसी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फ्लेप कार्यक्रम में 3 साल में 32 हजार गांवों को जोड़ा जाएगा।
अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक श्री के.के. गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम से सहकारी बैंकों के 40 हजार खाताधारकों, ऋणी सदस्यों व ग्रामीणों को लाभ मिल सकेगा। नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री आर.के. थानवी ने पेक्स के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोडऩे का सुझाव दिया। नाबार्ड के डीजीएम श्री महेश गोयल ने नाबार्ड योजनाओं की जानकारी व आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्री सुरेन्द्र सिंह, बैंकिंग श्री विद्याधर गोदारा, तकनीकी सहायक श्री पंकज अग्रवाल, एमडी जयपुर सीसीबी श्री जितेन्द्र शर्मा, महाप्रबंधक श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री डीएस नरुला, उपमहाप्रबंधक श्री सीएम भारद्वाज सहित अपेक्स बैंक व नाबार्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

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