वित्तीय प्रबंधन की चुनौती है प्रवासियों की सबसे बड़ी चिंता

वित्तीय प्रबंधन की चुनौती है प्रवासियों की सबसे बड़ी चिंता

एचएसबीसी के नए अध्ययन में सामने आईं भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के समक्ष आसन्न वित्तीय चुनौतियां

 भारत आने की तैयारी कर रहे लोगों पर किए गए एचएसबीसी के सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत प्रतिभागियों को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि वे यहां आने के बाद अपनी वित्तीय व्यवस्था को कैसे संभालेंगे

  • भारत आकर बस चुके तीन चौथाई (75 प्रतिशत) प्रतिभागियों ने माना कि उन्हें शुरुआत में अव्यवस्थित सा अनुभव हुआ था, क्योंकि जरूरी सेवाओं (क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन आदि) के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा था
  • भारत आने की तैयारी कर रहे (रहने, काम करने या पढ़ाई करने के लिए) करीब आधे (53 प्रतिशत) प्रतिभागियों ने यहां पहुंचने के बाद कैश फ्लो को लेकर परेशानी की आशंका जताई है

 टेक्नोलॉजी ने कई लोगों के समक्ष डिजिटल खानाबदोश बनने के रास्ते खोले हैं और लोगों ने फिर दुनियाभर में घूमना शुरू कर दिया है, ऐसे में एचएसबीसी के अध्ययन में सामने आया है कि विदेश से आने वालों यानी इंटरनेशनल सिटिजंस का वित्तीय प्रबंधन को लेकर अनुभव बहुत सुगम नहीं रहता है।

एचएसबीसी के अनुमान के मुताबिक इसके 10 अहम मार्केट्स में 9 करोड़ से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता हैं, जो रहने, काम करने या पढ़ाई करने के लिए विदेश में रह रहे हैं। बैंक ने ऐसे इंटरनेशनल सिटिजंस की वित्तीय व्यवस्था को समझने, नए देश में बसने की उनकी प्रेरणा को जानने और दूसरे देश में बसने पर आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए अपने विभिन्न मार्केट्स में अध्ययन किया है। अध्ययन से उनके समक्ष आने वाली वित्तीय चुनौतियों, जगह बदलने के दबाव और इससे उनके जीवन पर संभावित असर के बारे में निष्कर्ष मिले हैं।

भारत में रह रहे इंटरनेशनल सिटिजंस के सर्वेक्षण से निम्नलिखित बातें सामने आई हैं। इस सर्वेक्षण में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो भारत में आकर बस चुके हैं या ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।

  • कुछ आवश्यक सेवाओं को पाने में आने वाली परेशानी से अव्यवस्थित अनुभव हो सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में बस चुके तीन चौथाई (75 प्रतिशत) प्रतिभागियों ने माना कि यहां आने पर शुरुआत में उन्हें अव्यवस्थित अनुभव हुआ था, क्योंकि बैंक अकाउंट, यूटिलिटीज और इंटरनेट जैसी जरूरी व्यवस्थाओं के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। इससे सामने आता है कि कैसे जटिल वित्तीय प्रबंधन के कारण उनके शुरुआती अनुभव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बिना बैंक अकाउंट के उन्हें घर पाने में संघर्ष करना पड़ता है और बिना निश्चित घर मिले उन्हें बच्चों के लिए स्कूल खोजने में संघर्ष करना पड़ता है।
  • विदेश जाने वालों के लिए क्रेडिट हिस्ट्री को ट्रांसफर न कर पाना एक बड़ी बाधा है। भारत में प्रत्येक पांच में से लगभग चार (78 प्रतिशत) इंटरनेशनल सिटिजंस को इस कारण से क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य आवश्यक यूटिलिटीज के लिए संघर्ष करना पड़ा है। इसके अलावा, भारत आने की योजना बना रहे लगभग 61 प्रतिशत प्रतिभागी इस बात से चिंतित हैं कि वे अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।
  • जो लोग भारत आने की योजना बना रहे हैं, उन सभी के लिए उपयुक्त फाइनेंशियल सर्विसेज की खोज एक आम चिंता है। देश में आने की तैयारी कर रहे लगभग 62 प्रतिशत प्रतिभागी इस बात से सहमत हैं कि अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप सही फाइनेंशियल सर्विसेज खोजना उनके लिए चिंता का विषय है।
  • विदेश जाते समय कैश फ्लो प्लानिंग सबसे जरूरी है। सर्वेक्षण से सामने आया है कि आधे से अधिक (53 प्रतिशत) प्रतिभागी जो भारत आने (रहने, काम करने या अध्ययन करने के लिए) की योजना बना रहे हैं, उन्हें यहां आने पर कैश फ्लो को लेकर परेशानी की आशंका है। इसके अलावा, आधे (50 प्रतिशत) प्रतिभागी जो भारत में स्थानांतरित होने की योजना बना रहे हैं, उन्हें पता नहीं है कि जब वे स्थानांतरित होंगे तो वित्तीय प्रबंधन कैसे करेंगे। जो लोग पहले ही स्थानांतरित हो चुके हैं, उनमें से 67% प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें वित्तीय प्रबंधन के लिए किसी तरह की मदद नहीं मिली। जबकि, जो लोग अभी भी भारत में रहने, काम करने या अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं, उनमें से हर दूसरे (50 प्रतिशत) इंटरनेशनल सिटिजन ने कहा है कि किसी ने भी उन्हें नई जगह बसने को लेकर वित्तीय रूप से सक्षम अनुभव करने में कोई मदद नहीं की।

नई जगह बसने की प्रेरणा

महंगाई के बढ़ते दबाव और जीवन यापन की बढ़ती लागत के बीच, अध्ययन में पाया गया कि 26 प्रतिशत इंटरनेशनल सिटिजंस अपने परिवार की स्थिरता के लिए भारत में बसने के लिए प्रेरित होते हैं, 23 प्रतिशत बेहतर तकनीक के कारण स्थानांतरित होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे कहीं से भी काम कर सकते हैं, और 20 प्रतिशत लोग बेहतर जीवनशैली के लिए यहां बसे हैं या बसने की योजना बना रहे हैं।

भारत में काम या पढ़ाई के लिए बसने के अहम कारण

कारण भारत में इंटरनेशनल सिटिजंस
परिवार के लिए स्थिरता 26%
नई जगह की संस्कृति को जानना एवं समझना 26%
बेहतर टेक्नोलॉजी है, यानी मैं कहीं भी रहते हुए काम कर सकता हूं 23%
काम एवं जीवन के बीच बेहतर संतुलन 23%
काम का नया कौशल सीखना 22%
पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल जगह पर रहना 21%
रिमोट वर्किंग के आसान नियमों का लाभ लेना 21%
बेहतर जीवनशैली, जैसे अच्छा स्वास्थ्य या सामाजिक जीवन 20%
यात्रा करने का अवसर 20%
मेरे पैसे को बढ़ाना 20%
करियर को गति देना/नौकरी में प्रमोशन 16%
ज्यादा वेतन/कमाई के लिए 15%

यह अध्ययन ऐसे समय में आया हैजब एचएसबीसी विदेशी ग्राहकों को बेहतर तरीके से सहयोग देने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय उत्पादों और सेवाओं को रीलॉन्च कर रहा हैचाहे वे कामपढ़ाई या नए देश में बसने के लिए जा रहे हों।

अध्ययन के निष्कर्षों पर एचएसबीसी में रिटेल बैंकिंग एंड स्ट्रेटजी, वेल्थ एंड पर्सनल बैंकिंग ग्रुप हेड तायलन तुरान ने कहा, ‘विदेश में जाना रोमांचक और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन ऐसे में वित्तीय प्रबंधन के लिए संघर्ष करने की नौबत नहीं आनी चाहिए। हमारे शोध से यह स्पष्ट है कि कुछ लोग वित्तीय मोर्चे पर फंस जाते हैं, जिससे वास्तव में नई जगह बसने की उनकी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मल्टीपल लोकेशन बैंकिंग की अपनी चुनौतियां हैं और इसे लेकर बहुत कुछ सोचना-समझना होता है। सफलतापूर्वक बसने के लिए लोगों को विदेश जाने से पहले एक बैंक खाता खोलने और अपने बैंक खातों को एक वैश्विक दृष्टि से देखने में सक्षम होने की आवश्यकता है। बैंकिंग के अलावा विदेश में बसने की स्थिति में टैक्स भी लोगों को परेशान कर सकता है, इसलिए टैक्स प्लानिंग एडवाइजर से मदद लेना भी अहम है। सही फाइनेंशियल सपोर्ट मिले तो इन सब मामलों की चिंता के बजाय उन्हें नए जीवन का आनंद लेने के लिए ज्यादा समय मिलता है।‘

एचएसबीसी इंडिया के वेल्थ एंड पर्सनल बैंकिंग हेड संदीप बत्रा ने कहा, ‘कई बार किसी दूसरे देश में जाने पर वित्तीय प्रबंधन का तनाव विदेश जाने का सारा उत्साह कम कर देता है। इस शोध के माध्यम से हम इंटरनेशनल सिटिजंस के सामने आने वाली अलग-अलग तरह की वित्तीय चुनौतियों को समझने में सक्षम हुए हैं। कई अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और विदेश जाने की तैयारी कर रहे भारतीयों को नए देश में आसानी से बसने के लिए वहां कई तरह के वित्तीय सहयोग की आवश्यकता होती है। इसी तरह, जो लोग भारत आए हैं या आने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए भी इन चुनौतियों का सामना करना मुश्किल है। शोध से सामने आई चुनौतियां वैश्विक वित्तीय संस्थानों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती हैं, ताकि वे इनके आधार पर बेहतर एवं इनोवेटिव समाधान दे सकें।‘

सर्वेक्षण के बारे में

इप्सोस यूके द्वारा किए गए अध्ययन में भारत सहित नौ इंटरनेशनल मार्केट्स में 7,000 से अधिक वयस्कों का सर्वेक्षण किया गया। इसमें वर्तमान में विदेश में रहने, काम करने व अध्ययन करने वालों के साथ-साथ ऐसा करने की योजना बना रहे लोगों और पिछले पांच वर्षों के भीतर विदेश में रहकर वापस आए लोगों के अनुभवों के बारे में जाना गया। इससे प्रवासी परिवारों, डिजिटल खानाबदोशों और विदेशी छात्रों सहित विभिन्न इंटरनेशनल सिटिजंस के अनुभव सामने आए। नीचे नोट्स सेक्शन में सर्वेक्षण की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए एचएसबीसी के प्रोडक्ट एवं सर्विस

एचएसबीसी इंटरनेशनल के नए प्रोडक्ट एवं सर्विसेज से संबंधित क्षेत्रों में ग्राहकों को निम्नलिखित सुविधा मिलेगी:

  • गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही किसी ब्रांच में जाए बिना नया खाता खोलना।
  • उनके सभी एचएसबीसी खातों को वैश्विक आधार पर देखनासरलतेज और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर भुगतान की व्यवस्था करना।
  • नए देश में पॉजिटिव क्रेडिट हिस्ट्री बनाना।
  • नई जगह पर विशेषज्ञों से फाइनेंशियल प्लानिंग टूल्स एवं पोर्टफोलियो-बेस्ड सलाह प्राप्त करना।
  • 24/7 सहायता के साथ विभिन्न टाइम जोन में उनकी बैंकिंग आवश्यकताओं को प्रबंधित करना ****
  • ग्लोबल पार्टनर्स के साथ बैंकिंग के अलावा (टैक्स सॉल्यूशनरीलोकेशन सपोर्टस्पेशल ऑफर्स) अन्य सेवाओं तक पहुंच।

ये प्रोडक्ट एवं सर्विसेज 10 देशों एवं क्षेत्रों में उपलब्ध हैं: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, चैनल आइलैंड एंड आइल ऑफ मैन, हांगकांग, भारत, सिंगापुर, यूएई, यूके, यूएस। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें: https://www.hsbc.co.in/international/

विदेश जाने की योजना है तो इन बातों का रखें ध्यान:

जाने से पहले

  • जहां जा रहे हैं, वहां के बारे में शोध कर लें – यह वैसे तो सामान्य बात लगती है, लेकिन गहराई से उस स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त करने से आप यह समझ पाएंगे कि वहां रहने का अनुभव कैसा होगा। इसमें संस्कृति एवं पर्यावरण से लेकर परिवहन एवं रहन-सहन की लागत तक शामिल हैं। यदि संभव हो तो वहां रह रहे या वहां रहकर आ चुके लोगों से बात करें और उनसे पूछें कि वह किस तरह वहां आसानी से रह पाए थे।
  • अपने बैंक से बात करें – वहां पहुंचने से पहले ही एक खाता खोल लें, ताकि आप वहां पहुंचते ही काम शुरू कर सकें और विदेश में अपने मौजूदा बैंक खाते के प्रयोग पर लगने वाले शुल्क से बच सकें। समय निकालकर यह समझने का प्रयास करें कि आपके ट्रांसफर होने पर आपका बैंक आपकी सहायता कैसे कर सकता है – क्या उसमें मल्टीकरेंसी अकाउंट की सुविधा है या उसमें नई जगह पर क्रेडिट के लिए आवेदन करते समय आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ट्रांसफर करने की सुविधा है? ऐसा करने से आप पाएंगे कि उनके पास पर्याप्त विशेषज्ञता और प्रासंगिक स्थानीय जानकारियां हैं।
  • पहले से सोच लें कि आप अपने पैसे का प्रबंधन कैसे करेंगे और वित्तीय मामले में कैसे आगे बढ़ेंगे – इस बारे में सोचने के लिए कुछ समय निकालें कि आपके जाने की प्रक्रिया में और पहुंचने के बाद कैसे अपने पैसे का प्रयोग करेंगे। उदाहरण के लिए, बैंक खाता खोलने से पहले आपको वीजा की आवश्यकता हो सकती है।
  • अपने बैंक के लाइफस्टाइल ऑफर्स देखें – पता करें क्या वे बैंकिंग के अलावा भी नई जगह पर बसने में आपकी सहायता कर सकते हैं – जैसे एयरपोर्ट ट्रांसपोर्टेशन में सहायता करने से लेकर नए स्थान पर मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त करने तक?
  • यह भी पहले से पता करें कि आप जहां जा रहे हैं वहां टैक्स की क्या व्यवस्था है और क्या आपके जाने के बाद भी आपको अपने मूल स्थान के टैक्स के बारे में सोचना पड़ेगा? स्थानीय जानकारी के लिए नई जगह की सरकार की वेबसाइट को अच्छे से देखें।
  • अपनी नकद बचत बढ़ाएं – कुछ पैसे अलग से बचाकर शुरुआती लागत को कवर करने के लिए तैयार रहने से पैसे संबंधी आपकी चिंता कम करने में मदद मिल सकती है। आप अपने नए स्थान की मुद्रा में एक बचत खाता भी खोल सकते हैं, जिसे आप ट्रांसफर होने के बाद एक्सेस कर सकें, जिससे वहां पहुंचकर भी बचत का सिलसिला चलता रहे।
  • अपने नए नियोक्ता की ओर से मिलने वाली मदद के बारे में जानकारी लें – वे नई जगह पर शुरुआती कुछ महीनों के खर्च को कवर करने और रहने की व्यवस्था में मदद कर सकते हैं।

पहुंचने के बाद

  • जब आप अपने नए स्थान पर पहुंचें तो जमीनी स्तर पर सहयोग के बारे में अपने बैंक से बात करें। पता करें कि क्या कोई ऐसा स्थानीय नंबर है, जिस पर आप अपनी पसंदीदा भाषा और टाइम जोन में ग्राहक सेवाओं से जुड़ने के लिए कॉल कर सकते हैं?
  • किसी क्लब का हिस्स्सा बनें या अपने बच्चों के स्कूल से जुड़ें – लोगों को जानना नई जगह में व्यवस्थित महसूस करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देखें कि आपके आसपास क्या हो रहा है। यदि आपके बच्चे स्कूल में हैं, तो अन्य माता-पिता और स्कूल से जुड़ें ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हो रहा है और आप इसमें कैसे शामिल हो सकते हैं।
  • नई जगह को खुद से जानें – यदि आपके बच्चे हैं तो अपनी नई जगह पर खेलने के स्थान देखें और पसंदीदा दुकानों व रेस्तरां के बारे में भी जानकारी जुटाएं।
  • नए ऑफिस की कार्यसंस्कृति को जानें – आप चाहे कहीं भी जाएं, इस बात की संभावना है कि कार्यालय की संस्कृति घर की संस्कृति से अलग होगी। आपसे वहां क्या उम्मीद है, यह समझने के लिए सहकर्मियों से बात करें।

ENDS

NOTES TO EDITORS

  1. प्रक्रिया:
  • इप्सोस यूके द्वारा एचएसबीसी की ओर से 05/12/22 से 23/01/23 तक शोध किया गया
  • 18+ आयु वर्ग के 7,177 लोगों से साक्षात्कार किया गया। जिन लोगों ने इसमें भाग लिया वे या तो वर्तमान में विदेश में रह रहे हैं, काम कर रहे हैं या अध्ययन कर रहे हैं; या अगले 12 महीनों में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं; या पिछले पांच वर्षों में ऐसा करके लौटे हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के माता-पिता या अभिभावक भी शामिल थे; और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का एक उप-समूह भी इसका हिस्सा रहा, जिनके पास विदेश में कम से कम एक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है।
  • नौ होस्ट लोकेशंस में साक्षात्कार किए गए: ऑस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, भारत, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, यूएसए और चैनल आइलैंड एंड आइल ऑफ मैन। होस्ट लोकेशन का अर्थ है वह स्थान जहां वे जा रहे हैं या जा चुके हैं, वहां उनका जन्मस्थान नहीं हैं। (कनाडा में फील्डवर्क नहीं हुआ, क्योंकि वहां एक विलय और अधिग्रहण सौदा चल रहा है)।
  • *डिजिटल खानाबदोश ऐसे लोगों को कहा गया जो 18 साल से अधिक आयु वर्ग के वयस्क हैं और रिमोट वर्किंग के आसान नियमों का लाभ उठाने या इस सिद्धांत के साथ विदेश चले गए हैंया विदेश जाने की योजना बना रहे हैं कि बेहतर तकनीक का मतलब है कि मैं अब कहीं भी काम कर सकता हूं
  • इंटरनेशनल सिटिजंस ऐसे लोगों को कहा गया है जो वर्तमान में विदेश में रह रहे हैंकाम कर रहे हैं या अध्ययन कर रहे हैंया अगले 12 महीनों में ऐसा करने की योजना बना रहे हैंया पिछले पांच वर्षों में ऐसा करके लौटे हैं।
  1. **2020 में अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात में 60 प्रतिशत की गिरावट आईजिससे हवाई यात्रा का कुल योग 2003 के स्तर पर आ गया था। हालांकिअंतरराष्ट्रीय यात्रा में सुधार आया है और 2022 में हवाई यात्री यातायात महामारी के पूर्व स्तर के लगभग 74% तक पहुंच गया है और 2023 में इसके पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद है।

Data sources: www.icao.int/Newsroom/Pages/2020-passenger-totals-drop-60-percent-as-COVID19-assault-on-international-mobility-continues.aspx (Jan 2021); and www.moodiedavittreport.com/international-civil-aviation-organization-predicts-full-recovery-for-air-travel-in-2023/ (Feb 2023)

  1. *** सामूहिक रूप से, 10 मार्केट्स में 9 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों का पूल है, जहां एचएसबीसी की सेवाएं रीलॉन्च हो रही हैं: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, चैनल आइलैंड एंड आइल ऑफ मैन, हांगकांग, भारत, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, यूएसए।
  2. **** हांगकांगसिंगापुरचीनसंयुक्त अरब अमीरातएचएसबीसी एक्सपैटऑस्ट्रेलियाकनाडाअमेरिका और भारत में प्रीमियर ग्राहकों के लिए पूरे 24 घंटे सपोर्ट की व्यवस्था की गई है। यूके में और गैर-प्रीमियर ग्राहकों के लिए प्रमुख सेवाएं उपलब्ध हैं। सिंगापुरकनाडायूएस और ऑस्ट्रेलिया में एचएसबीसी प्रीमियर ग्राहकों के लिए चीनी भाषा में भी सपोर्ट दिया जाता है।
  3. एचएसबीसी वेल्थ एंड पर्सनल बैंकिंग के सभी उत्पाद एवं सेवाएं सभी जगहों पर या सभी ग्राहकों के लिए पर उपलब्ध नहीं हैं। उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता उस संबंधित देश या क्षेत्र पर निर्भर करती हैजहां आप स्थित हैं या जहां के निवासी हैं और इन सेवाओं को लेकर  क्लाइंट रिस्ट्रिक्शन भी हैं। एचएसबीसी वेल्थ एंड पर्सनल बैंकिंग या एचएसबीसी ग्रुप के भीतर विभिन्न कंपनियां स्थानीय नियामक आवश्यकताओं के अनुसार उत्पाद या सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

Abhishek Verma

Senior Account Executive | Mobile: +91-7355759359

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