- January 10, 2015
विज्ञान प्रसार की रथ: हम सारथी -शिक्षा मंत्री
जयपुर-माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विज्ञान प्रसार की रथ में हम सारथी बने और विकास के लिए कार्य करें। इस संकल्प के साथ विज्ञान प्रगति में जुडऩे की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन पौराणिक ग्रन्थों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ वर्तमान नवीनतम टेक्नोलोजी को जोड़कर विज्ञान की शिक्षा दी जानी चाहिए।
श्री देवनानी शुक्रवार को जोधपुर के राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित 47 वें राज्य स्तरीय चार दिवसीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी तथा जनसंख्या शिक्षा मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि विज्ञान केवल जीवन शैली के लिए नहीं बल्कि मन व बु़िद्घ के साथ इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। रचनात्मकता, विश्वास व संवाद तथा निपुणता, नम्रता व धैर्यता के सिद्घान्त के साथ करके आत्म विश्वास से विज्ञान में आगे बढऩे व ज्ञान को ग्रहण करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि बाल वैज्ञानिक देश के महान वैज्ञानिक बनें और विद्यालयों में प्रारंभ से ही विज्ञान शिक्षा का वातावरण बनाया जाना चाहिए।
उन्होने कहा कि इस तरह के विज्ञान मेलों के आयोजन से विज्ञान एवं तकनीकी के प्रति रूचि पैदा होती है और बाल प्रतिभाओं को निखारने का अवसर मिलता है। एक-दूसरे से ज्ञानार्जन के साथ छिपी हुई प्रतिभा को उभारने का मौका मिलता है। उन्होने आइंसटीन के अविष्कारों का उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चों में प्रकृति एवं जीवन को लेकर प्रश्न उठते है। उन प्रश्नों की गहराई में जाएंगे तो जानकारी प्राप्त होगी। सोच से ही अविष्कार होते है। उन्होने शिक्षकों से भी कहा वे बच्चों के मन में जो प्रश्न आए उनके समाधान कर उनको संतुष्ट करें। उन्होंने बताया कि बाल मन में संतुष्टि देंगे तो वे अपनी प्रतिभा को आगे लाएंगे।
उन्होंने कहा कि बच्चों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान भी शिक्षा के दौरान दिया जाए। भारतीय पौराणिक कथाओं व ग्रंथों के आधार पर जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण सामने आए है उनको भी बताना चाहिए। विज्ञान के मूल भाव को बताने के साथ ही विज्ञान को रोचकता और मॅाडल्स तथा अनेक उदाहरणों के साथ व्याख्या की जाएं। उन्होने वैदिक गणित पढाने की आवश्यकता बतायी और कहा कि त्याग एवं समर्पण की शिक्षा भी दी जानी चाहिए। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि अधिकारी मौजूद थे।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर विज्ञान मेलें में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने पर विभिन्न विद्यालयों के बाल वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया। चार दिवसीय इस मेले में 33 जिलों के छ: सौ बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। मेला संयोजक प्रजापति व मेला प्रभारी ने आभार व्यक्त किया।
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