विकास कार्य और पर्यावरण एक दूसरे के विरोधी नहीं

विकास कार्य और पर्यावरण एक दूसरे के विरोधी नहीं

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडे़कर से बैठक कर प्रदेश से जुड़े वन एवं पर्यावरण मुद्दों पर चर्चा की। श्री चौहान ने राष्ट्रीय उद्यानों में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा विकास कार्यों के लिए स्वीकृति न मिलने एवं विलम्ब से मिलने के कारण हो रही कठिनाइयों से उन्हें अवगत करवाया।

उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों के बफर एरिया में पर्यटन गतिविधियाँ शुरू करने का आग्रह किया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और उनका वनों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव भी बना रहे। मुख्यमंत्री ने सिवनी राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत और उसको फोर-लेन में बदलने में हो रही देरी पर चिन्ता जतलाई। उन्होंने बताया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा स्वीकृति नहीं दिये जाने से सिवनी राष्ट्रीय राजमार्ग का न तो ठीक से रख-रखाव हो पा रहा है और न ही इसका विस्तार किया जा रहा है।

श्री चौहान ने महान और इमीलिया कोल ब्लॉक का कार्य रोके जाने पर भी श्री जावेड़कर का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य को राजस्व की काफी हानि हो रही है। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि इस कार्य को पुनः शुरू करने के लिये सरकार को निविदाएँ बुलाने की इजाजत दी जाये ताकि राज्य को हो रहे नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने बताया कि नुकसान के लिए प्रतिपूरक वनीकरण का स्थान चिन्हित कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने पन्ना जिले में घट रही बाघों की संख्या पर भी अपनी चिन्ता व्यक्त की। श्री चौहान ने टाइगर रिजर्व के बीच के गाँवों के रहवासियों को दूसरी जगह बसाने की योजना के लिए केन्द्र सरकार की केम्पा योजना से अतिरिक्त राशि जारी करने का अनुरोध किया।

श्री चौहान ने कहा कि विकास कार्य और पर्यावरण एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं। इसके लिये दोनों के बीच समन्वय बनाकर ही कार्य करना होगा। केन्द्रीय मंत्री श्री जावडे़कर ने वन एवं पर्यावरण स्वीकृति के कारण विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को शीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा और आवासीय आयुक्त श्री आर.के. चतुर्वेदी भी मौजूद थे।

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