• February 27, 2018

विकास एवं निवेश के अनुकूल माहौल बनाने में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की महत्वपूर्ण भूमिका

विकास एवं निवेश के अनुकूल माहौल बनाने में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की महत्वपूर्ण भूमिका

जयपुर——– केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल पूर्वी खण्ड के महानिदेशक श्री अनिल कुमार ने कहा कि विकास एवं निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए देश में सुरक्षित वातावरण होना बेहद जरूरी है।
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इस वातावरण को बनाने में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 को प्रशिक्षण वर्ष घोषित किया गया है,जिसके तहत 18 हजार आरक्षकों को पूरे देश भर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

श्री कुमार मंगलवार को केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आरटीसी देवली में 1105 प्रशिक्षत बहादुर जवानों के दीक्षान्त परेड समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ आरटीसी देवली की प्रशिक्षत क्षमता 1008 की है,लेकिन अप्रेल 2017 से 5400 आरक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक साथ इतने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने की उपलब्धि पूरे देश में अपने आप में मील का पत्थर साबित हुई है,जिसके कारण लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में इस टेनिंग सेंटर का नाम दर्ज हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों से यहां आरक्षक प्रशिक्षण लेने आते है।

श्री कुमार ने जवानों को जीवनपर्यन्त सीखने की चाह रखने की बात कहते हुए अपने कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन की बात कही। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद एवं नक्सलवाद से हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा है,जिसके प्रति हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों से भारत के संविधान के प्रति पूर्ण आस्था रखते हुए देश की राष्टीय सम्पदा की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहते हुए कार्य करने का आहवान किया।

देवली प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य एवं डीआईजी डॉ.सरोज कान्त मल्लिक ने कहा कि 1984 में स्थापित यह केन्द्र अब तक 50 हजार आरक्षकों को प्रशिक्षण दे चुका है। अप्रेल 2017 में 5400 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी इस केन्द्र को सौंपी गयी,जिसे बखूबी अंजाम दिया जा रहा है।

डॉ.र्मल्लिक ने बताया कि आरक्षक एवं जीडी के पद पर नियुक्त युवाओं को 39 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया है। सफल प्रशिक्षण के दौरान आरक्षकों को औद्योगिक एवं आन्तरिक सुरक्षा के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर जैसे मेजर माईनर एक्टस,विमानन सुरक्षा,मानव अधिकारों की जानकारी,फिल्ड काफ्ट आपरेशन,टेक्टिस रण कौशल,गहन हथियार रणनीति,संचार एवं वायरलेस प्रशिक्षण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि हथियारों में 9 एमएम पिस्टल, 9 एमएम कारबाईन, 5ः56 एमएम इनसास, 7ः62 एमएम ऎके 47, एमपी 05 एवं ग्लोक पिस्टल का भी प्रशिक्षण दिया गया है। जवानों को विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों में चुनौती का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

रोमांचक प्रदर्शन एवं उत्कृष्ट आरक्षक सम्मानित

दीक्षान्त परेड के दौरान जवानों द्वारा रोमांचकारी प्रस्तुतिया दी गई। जिसकी सभी ने सराहना की और जनसमूह ने करतल ध्वनि से उत्साह बढाया। कार्यक्रम में मार्शल आर्ट,मलखम्भ,पारकौर,छा्र नृत्य,साइलेन्ट ड्रिल,रिफ्लेक्स शूटिंग एवं आकर्षक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।

मोटरसाईकिल पर जवानों द्वारा संतुलन स्थापित कर दुश्मनों का मुकाबला करने का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया गया।

प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आरक्षकों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। कमाण्डेंट भूपेन्द्र सिंह द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया।

इस दौरान आरटीसी देवली के कमाण्डेट विपिन कुमार तंवर,डिप्टी कमाण्डेंट शर्दुल विक्रम शाही,सौरभ ढौढियाल,सुचिता सिंह,राममोहन,सन्तोष पासवन,एस.एस.दलाल,डा.रमन कुमार भी मौजूद थे।

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