- October 29, 2014
विंध्या वैली के उत्पाद : बाजार में प्रत्येक दुकान में उपलब्ध हो – कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री सुश्री कुसुम महदेले
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने कहा है कि विंध्या वैली के उत्पादों के बेहतर विपणन के लिये जरूरी है कि वह बाजार में प्रत्येक दुकान में उपलब्ध हो। इससे न सिर्फ आय बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सुश्री महदेले आज खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के संचालक मण्डल की बैठक को संबोधित कर रही थीं। सुश्री महदेले ने कहा कि विंध्या वैली के उत्पादों की संख्या भी बढ़ाई जाना चाहिये। फलों जैसे आम, केला, संतरा, गाजर, अमरूद, शकरकंद के जैम, चिप्स, आटा आदि सामग्री तैयार कर उनका विक्रय किया जाये। सुपर बाजार में भी विंध्या वैली के उत्पाद विक्रय के लिये उपलब्ध रहे। विंध्या वैली के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने तथा उनके विपणन को बढ़ाने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान दिया जाये। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में जिन फलों का उत्पादन ज्यादा होता है, वहाँ उसकी सामग्री भी तैयार करवाई जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले और कस्बे में विंध्या वैली के उत्पाद पहुँचना चाहिये। सुश्री महदेले ने कहा कि बोर्ड के एम्पोरियम में मध्यप्रदेश में बने उत्पादों का ही विक्रय होना चाहिये। उन्होंने मृगनयनी एम्पोरियम में भी विंध्या वैली उत्पाद उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। उत्पादों की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बढ़ाई जाना चाहिये। मध्यप्रदेश से बाहर भी विंध्या वैली के उत्पादों की बिक्री हो। बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमती सुधा चौधरी ने विंध्या वैली प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए वर्तमान और आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 की कार्य-योजना की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 23 स्व-सहायता समूह/समितियों द्वारा विभिन्न जिलों में विंध्या वैली सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में विंध्या वैली के 47 उत्पाद का विक्रय किया जा रहा है। बारह और नये उत्पाद भी इसमें शीघ्र जोड़े जायेंगे। इनमें कोदो-कुटकी, तुलसी सीरप, च्यवनप्राश, हेयर ऑइल, हाजमा चूर्ण, धंतामृत मंजन, शिकाकाई चूर्ण, आँवला मुरब्बा, मिस्सी आटा, फाइबर्स आटा और मल्टीग्रेन आटा शामिल है। बैठक में हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती वीरा राणा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। |
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प्रलय श्रीवास्तव |