वर्ष 2019 तक ग्रामीण क्षेत्र में 90 लाख घर में शौचालय

वर्ष 2019 तक ग्रामीण क्षेत्र में 90 लाख घर में शौचालय

प्रदेश में वर्ष 2019 तक ग्रामीण क्षेत्र में 90 लाख घर में शौचालय बनाए जाएँगे। स्वच्छ भारत मिशन के जरिए इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये रणनीति बनाने पर आज एक दिवसीय कार्यशाला हुई।

कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा कि प्रदेश को वर्ष 2019 तक स्वच्छ बनाना है। इसके लिए सब को मिल-जुलकर सकारात्मक प्रयास करना होंगे। उन्होंने कहा कि न केवल शौचालय बनाने की दिशा में कार्य किया जाये बल्कि लोगों के व्यवहार में परिवर्तन के लिये प्रेरित भी किया जाये। ग्रामीणों को स्वच्छता का महत्व बताया जाये तथा उन्हें स्वच्छता अभियान से जोड़ा जाये।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय का निर्माण करवाया जाये। ग्राम पंचायतों का चयन कर उन्हें खुले में शौच मुक्त बनाने के लिये शौचालय निर्माण करवाये। श्रीमती शर्मा ने गाँवों में पानी की उचित निकासी और कूडे़ के उचित निपटान आदि के भी इंतजाम करवाने को कहा। विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार झा ने स्वच्छता के बारे में मैदानी अनुभवों को साझा किया।

अभियान की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए राज्य कार्यक्रम अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन श्रीमती हेमवती वर्मन ने पावर पाइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से राज्य स्वच्छता मिशन द्वारा संचालित गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने गाँवों में स्वच्छता लाने की दिशा में विभिन्न जिलों द्वारा अपनाये जा रहे अभिनव प्रयोगों को भी साझा किया। यूनीसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक श्री मनीष माथुर ने स्वच्छता के महत्व एवं गंदगी और बीमारियों के बीच अंर्तसंबंधों की जानकारी दी।

दूसरे चरण में फीडबेक फाउन्डेशन के श्री अजय सिन्हा ने स्वच्छता के प्रति समुदाय में जागरूकता लाने के बारे में किये जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने अपनेअपने जिलों की कार्ययोजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।

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