- January 15, 2015
वर्षांत समीक्षा-2014 : रक्षा मंत्रालय -‘मेकिंग इंडिया’
रक्षा मंत्रालय के इतिहास में वर्ष 2014 एक यादगार वर्ष माना जाएगा। एक ऐसा वर्ष जिसमें देश की सुरक्षा नीतियों को मजबूती मिली, अधिग्रहण के लिए नए विचार समावेशित किए गए, और सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया के लिए जरूरी कदम उठाए गए। तीन रक्षा मंत्रियों- श्री ए.के. एंटोनी, श्री अरूण जेटली और वर्तमान में पदस्थ श्री मनोहर पर्रिकर ने साल के दौरान इस मंत्रालय का नेतृत्व किया।
रक्षा मंत्रालय के गलियारों में ‘मेक इन इंडिया’ चर्चित शब्द बन गया। मंत्रालय के शीर्ष निर्णय-निर्माण निकाय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने केवल इसी वर्ष सेनाओं के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्तावों को मंजूरी देने के जरिए अधिग्रहण की गति बेहद तेज कर दी। रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा मंजूर कर्इ उपकरणों और मंचों का विनिर्माण या तो सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा विदेशी निर्माण कंपनियों के साथ करारों और गठबंधनों के जरिए देश में ही किया जाएगा। कुछ नीतियों को उदार बनाने के जरिए रक्षा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआर्इ) को प्रोत्साहित किया गया।
इस वर्ष की एक ओर बड़ी उपलब्धि बहुप्रतीक्षित सूचना प्रबन्धन एवं विश्लेषण केन्द्र (आईएमएसी) की शुरूआत रही। यह राष्ट्रीय कमान नियंत्रण संचार एवं खुफिया नेटवर्क का नोडल केन्द्र है जो 2008 में मुंबई में आतंकी हमलों के बाद तटीय सुरक्षा की दिशा में हमारे दृष्टिकोण में बड़े बदलाव का सूचक है।
वर्ष के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में खासकर, राजधानी श्रीनगर में अचानक तेज बाढ़ आ गई। हालांकि घाटी में तैनात सशस्त्र बलों और उनके परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए पर बहादुर अधिकारियों और जवानों ने अपने कष्टों को भुलाकर युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्यों को अंजाम दिया और इस तरह राज्य के लोगों और कुल मिलाकर देश के लिए एक सराहनीय काम किया।
अधिक स्वदेशीकरण एवं आधुनिकीकरण की दिशा में
सरकार ने तेज गति से स्वदेशीकरण करने के लिए मंजूरी रास्ते के जरिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की अधिकतम सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दी। 49 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रस्ताव सुरक्षा पर आर्थिक समिति के पास मामलावार आधार पर जाएगा। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए पहले के 3 वर्ष की लॉक इन अवधि पर से पाबंदी हटा ली।
औद्योगिक लाइसेंसिंग के उद्देश्य के लिए रक्षा उत्पाद सूची को संशोधित कर दिया गया है और संशोधित सूची को डीआईपीपी द्वारा प्रेस नोट नं. 3 (2014), तारीख 26/06/2006 के जरिए अधिसूचित किया गया है।
अधिग्रहण
रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएससी) ने फैसला किया कि 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और अमेरीका से 15 चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों का अधिग्रहण जारी रहेगा। डीएसई ने इस बारे में अमेरिका की उड्डयन क्षेत्र की बड़ी कंपनी बोइंग द्वारा प्रस्तुत संशोधित ऑफसेट प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।
बुनियादी ढांचा विकास
सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे प्रणाली के विकास में प्रगति लाने के लिए इस साल के बजट में 1000 करोड़ रुपये आबंटित किए। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य टुकड़ियों और अस्त्र प्रणालियों की त्वरित आवाजाही में मदद मिलेगी और यह आधुनिकीकरण प्रक्रिया में भी तेजी लाएगी।
क्षमता निर्माण
इस वर्ष वर्तमान और नए सामरिक क्षेत्रों में क्षमता निर्माण भी किए गए जिनमें स्वदेश में निर्मित नाभिकीय ऊर्जा संचालित आईएनएस अरिहंत का सामुद्रिक परीक्षण और बहुप्रतीक्षित एलसीए (नौसेना) प्रोटोटाइप-1 का परीक्षण उड़ान शामिल है।
मिसाइल
सतह से हवा तक मार करने वाली आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण और इसके वायु सेना संस्करण को आईएएफ में प्रविष्टि, 5000 किमी रेंज के अग्नि-5 की सफल लांचिंग, लंबी दूरी के क्रूज मिसाइल निर्भय, पृथ्वी-2, सुपरसोनिक ब्रह्मोस और दृष्टि से भी आगे की दूरी के मिसाइल अस्त्र के सफल परीक्षण इस वर्ष की बड़ी उपलब्धियां थीं।
भारतीय वायु सेना का आधुनिकीकरण
भारतीय वायु सेना अब आधुनिकीकरण तथा पूर्ण रेंज क्षमता में रूपांतरित होने की राह पर है। जहां सी-130जे और सी-17 ने वायु सेनाको बहुपेक्षित रणनीतिक और विशिष्ट क्षमता प्रदान की है वहीं विशाल आकार के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर बेडे ने मझोली हेली-लिफ्ट क्षमता में खाई को भरा है। एचएएल द्वारा विकसित लाइट कोंबेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) पर भी काम जारी है।
तटीय सुरक्षा
गुड़गांव में सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केन्द्र (आईएमएसी) की सफल शुरूआत के साथ इस वर्ष तटीय सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत बनाने में भी उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गई। अमेरिकी साफ्टवेयर के साथ बीईएल द्वारा स्थापित आईएमएसी नेशनल कमांड कंट्रोल कम्युनिकेशन एवं इंटेलीजेंस (एनसी3आई नेटवर्क) का नोडल केन्द्र होगा और इसका लक्ष्य तटीय निगरानी और तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाना है जिससे कि मुंबई पर 26/11 जैसे समुद्रीतट से होने वाले आतंकवादी हमलों को पहले से रोका जा सके।
पूर्व सैनिक कल्याण
आजादी के बाद से ही पूर्व सैनिकों और युद्ध विधवाओं का कल्याण एवं सर्वांगीण विकास हमारी पुनर्वास नीति का केन्द्र बिन्दु रहा है। सरकार ने सेवानिवृत रक्षा कर्मचारियों के लिए एक पद एक पेंशन की चिरप्रतीक्षित मांग को स्वीकार करते हुए सिद्धांत रूप में इसे इसी वर्ष क्रियान्वित कर देने का फैसला किया है। इसी के अनुरूप आम बजट 2014-15 में एक हजार करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई है।
मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता
जम्मू कश्मीर में बाढ़
इस वर्ष जम्मू एवं कश्मीर में सितम्बर महीने में आये अप्रत्याशित बाढ़ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर संयुक्त रूप से बचाव एवं राहत कार्यों को अंजाम दिया। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सेना की लगभग तीन सौ टुकडि़यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
जंगल की आग
भारतीय वायु सेना ने 7 नवम्बर 2014 को विशाखापटनम के निकट लगी एक भयंकर जंगल की आग को बुझाने में एमआई-17 वी5 के कई हेलीकॉप्टरों को तैनात किया।
‘हुदहुद‘ तूफान
सेना के शस्त्र बलों ने 12 अक्टूबर 2014 को आंध्र प्रदेश एवं उड़ीसा तटों पर आये हुदहुद तूफान के प्रभाव को कम करने के लिए सराहनीय त्वरित बचाव एवं राहत कार्य किए।
सीमा पर तनाव
जम्मू और कश्मीर के सांबा में नियंत्रण रेखा पर और बाद पर अर्निया और पूंछ क्षेत्रों में पाकिस्तान की तरफ से अवैध घुसपैठ एवं आकस्मिक हमलों से कई नागरिकों की मौत हो गई और क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। हमारे सिपाहियों ने उनका निडरता से मुकाबला किया। भारत-चीन सीमा पर आमतौर पर हालात शांतिपूर्ण रहे।
सैन्य प्रणालियों में प्रमुख उपलब्धियां
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) स्वनिर्भरता के निर्माण के पथ पर लगातार आगे बढ़ता रहा। शामिल होने के लिए या अधिग्रहण के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रणालियों का उत्पादन मूल्य एक लाख 70 हजार करोड़ रूपये से अधिक हो गया। वर्ष 2014 के दौरान रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वनिर्भरता के स्तर को और बढ़ाने के लिए बेशुमार क्षमता वाली कई उपलब्धियां अर्जित की गईं।
संयुक्त अभ्यास एवं सद्भावना अभियानों पर भारतीय जहाजों की यात्रा
अभ्यास ‘हैंड-इन-हैंड‘
पुणे के निकट एक संयुक्त सामरिक अभ्यास के बाद चौथा भारत-चीन संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास ‘हैंड-इन-हैंड’ 25 नवम्बर 2014 को संपन्न हुआ।
अभ्यास युद्ध अभ्यास
भारत-अमरीका संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2014’ 17 सितम्बर 2014 को रानीखेत और चौबटिया में प्रारम्भ हुआ और 30 सितम्बर 2014 को सम्पन्न हुआ।
प्रधानमंत्री आईएनएस विक्रमादित्य के बोर्ड पर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गोवा तट पर 13 जून 2014 को भारत के सबसे बड़े एयर क्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य की सवारी की और इसे राष्ट्र को समर्पित किया।
स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री की भारत के लोगों से महात्मा गांधी के स्वप्न ‘स्वच्छ भारत’ को 2 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने की अपील का अनुसरण करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 25 सितम्बर 2014 से एक सघन राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की शुरूआत की है।