- December 24, 2014
वनौषधियों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग की व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आयुर्वेद औषधि निर्माण में शोध को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया आयुर्वेद और योग का महत्व समझने लगी है। राज्य सरकार वनोपज आधारित औषधियों के निर्माण के क्षेत्र में अनुसंधान को बढावा देगी और श्री चौहान ने कहा कि विभागों के आपसी सहयोग और समन्वय से विंध्या वेली हर्बल उत्पादों को मार्केटिंग का मजबूत आधार देने की रणनीति बनाई जायेगी। इसके अंतर्गत वर्तमान में साँची पार्लर में विंध्या वेली उत्पाद प्रदर्शित किये जायेंगे। उन्होने कहा कि राशन की दुकानों में भी हर्बल उत्पाद रखने की योजना बनाने पर विचार किया जाना चाहिये ताकि आम लोगों को भी आयुर्वेद का लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि सिंहस्थ 2016में विश्व स्तर का आयुर्वेद सम्मेलन किया जाना चाहिये ताकि मध्यप्रदेश में उपलब्ध आयुर्वेद ज्ञान और उत्पाद का भी प्रदर्शन हो सके। वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि आयुर्वेद आज पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो गया है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद में शोध होने से इसकी महत्ता और बढ़ जायेगी और यह सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति के रूप में पुन: स्थापित होगा। विधायक श्री विश्वास सारंग ने बताया कि 17 हजार बच्चे को एकलव्य शिक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। सवा दो करोड़ का लाभ वनोपज संग्राहकों को मेहनताने के रूप में मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मेले में विक्रेता और औषधि निर्माताओं के बीच 37 समझौते हुए। वन मेला 13 साल से लग रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मेले का यह तीसरा साल है। अगले साल इसे विस्तार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा दी है। अधोसंरचना विकास का इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री ने ”लघु वनोपज संदेश” का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने हर्बल उत्पादों के स्टाल का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव, परिवहन मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। |
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ए.एस. |