- January 28, 2016
लोकायुक्त पद से जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की नियुक्ति रद्द किये जाने का स्वागत :- मौलिक भारत
मौलिक भारत संस्था में राष्ट्रीय महासचिव अनुज अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष- के.विकास गुप्ता ने उच्चतम-न्यायालय द्वारा उ.प्र के लोकायुक्त पद पर स्वयं के द्वारा नियुक्त किये गये जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की नियुक्ति रद्द किये जाने का स्वागत किया है। उल्लेनीय है कि मौलिक भारत संस्था ने ‘डाॅयलोग इंडिया’ मं प्रकाषित रिपोर्ट और दस्तावेजों के आधार पर जस्टिस वीरेन्द्र सिंह पर कदाचार के आरोप लगते हुए उ.प्र के राज्यपाल, मुख्यमंगी, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीष और नेता विपक्ष उ.प्र को षिकायत की थी और मानवीय उच्चतम न्यायालय में भी वाद दायर किया था।
उ्ल्लेखनीय है कि इस षिकायत को स्वीकार करते हुए उ.प्र के मुख्यमंत्री अखिलेष यादव ने जाँच के आदेष दे चुके है। अब उम्मीद है कि वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ जाँच अपने सही युक्त पर पहुँच पायेगी। और षीघ्र ही उनको अपने किये की सजा मिल सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज संजय मिश्रा को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त का आदेश पारित करते हुएे पिछले 16 दिसंबर को वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त बनाने वाला आदेश वापस ले लिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यूपी सरकार पर सख्त नाराजगी जताई और कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक साधारण से मामले में यूपी के संवैधानिक पदाधिकारी एक राय नहीं बना पाए।
16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त नियुक्त किया था जिस पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने आपत्ति जताई थी. इसका सुप्रीम कोर्ट में याचिका से विरोध भी हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने वीरेंद्र सिंह के शपथ पर रोक लगा दी थी।
आज का आदेश सुखद है पर सरकारों को जवाबदेह बनाने के बजाय अनुछेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट ऐसे कितने आदेश पारित करेगी. बेहतर होता की राज्य सरकार के खिलाफ इस पर कार्यवाही होती जिससे भविष्य में ऐसी लापरवाही दुबारा न हो.
अनुज अग्रवाल
महासचिव
मौलिक भारत ट्रस्ट