- March 4, 2015
लोकसभा: पशु चिकित्सा कॉलेजो की कमी का मुद्दा
जयपुर -सीकर सांसद श्री सुमेधानंद सरस्वती ने संसद सत्र के दौरान राजस्थान सहित देश में पशु चिकित्सा कॉलेजों एवं पशु चिकित्सा सेवाओं की कमी का मुद्दा उठाया।
श्री सरस्वती के सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉं. संजीव कुमार बालियान ने बताया कि पशु चिकित्सा शिक्षा राज्य का विषय है एवं आवश्यकतानुसार पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई) की सलाहानुसार, भारतीय पशुचिकित्सा परिषद अधिनियम, 1984 की प्रथम अनुसूची में शामिल करके पशुचिकित्सा संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई पशुचिकित्सा पात्रता को मान्यता प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा सात पशुचिकित्सा कॉलेजों को भारतीय पशुचिकित्सा परिषद अधिनियम, 1984 की प्रथम अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध प्राप्त है। जिसमें सीकर का अरावली पशुचिकित्सा कॉलेज भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान में अपोलो पशुचिकित्सा कॉलेज, जयपुर से 10 जुलाई, 2011 को अथवा उससे पहले उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों के संबंध में तथा महात्मा गांधी पशुचिकित्सा विज्ञान कॉलेज, भरतपुर से 08 दिसम्बर, 2011 में अथवा उससे पहले उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों के संबंध में अधिसूचना एस.ओ.2518 (ई) दिनांक 25 सितम्बर, 2014 द्वारा पशुचिकित्सा पात्रता को भी प्रमाणित कर दिया है।
राजस्थान में प्रमाणित पशुचिकित्सा कॉलेजों की जानकारी देते हुए श्री बालियान ने कहा कि राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के अंतर्गत वर्तमान में तीन पशुचिकित्सा कॉलेज कार्यरत हैं।
श्री सरस्वती द्वारा लोकसभा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े एक अन्य सवाल को जवाब देते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि देश में कैरोसिन की कालाबाजारी रोकने के लिए मिट्टी तेल हेतु नही मिटने योग्य मार्कर का विकास करने के लिए गैस क्रोमेटोग्राफी (जीसी) आधारित जटिल तकनीक अपेक्षित होती है। जिसकी पोर्टेबिलिटी की कमी के कारण सीमित प्रयोग में आती है। इसलिए, पोर्टबल जीसी आधारित खोज उपकरण को विकसित करने की संभाव्यता की तलाश इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा की जा रही है।