लॉक डाऊन का दूसरा चरण : अराजकता के बाद क्लेक्टर – – एस॰पी॰ ने फिर सम्हाली कमान

लॉक डाऊन का दूसरा चरण : अराजकता के बाद क्लेक्टर – – एस॰पी॰ ने फिर सम्हाली कमान

सीधी ( विजय सिंह)- सम्पूर्ण लॉक डाऊन के प्रथम चरण की समाप्ति केबाद मध्य प्रदेश के भोपाल,होशंगाबाद, मालवा, निवाड़ व चंबल संभागों में करोना पीड़ितों की बाढ़ आ गई है| इसके पीछे वहां के कतिपय लोंगों द्वारा निर्देशों की अवहेलना एक बड़ा कारण रहा है |

सीधी जिले में करोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लोगों ने राहत की सांस तो ली, लेकिन अराजकता पर उतर आये।

जिला मुख्यालय में ही बैंकों व सब्जी मंडी में जमा हुजूम ने सोशल डिस्टेन्सिंग की धज्जियां उड़ा दीं | लिहाजा कलेक्टर व एस॰पी॰ को फिर से बाहर निकलना पड़ा |

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रवीन्द्र कुमार चौधरी तथा पुलिस अधीक्षक आर. एस. बेलवंशी ने संयुक्त रूप से थोक सब्ज़ी मंडी, शासकीय उचित मूल्य दुकानों एवं बैंकों का निरीक्षण अवलोकन किया।

उन्होंने उपस्थित हितग्राहियों से चर्चा की तथा उन्हें कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए समझाईस दी कि धैर्य और संयम रखें। शासन एवं प्रशासन उनकी मदद के लिए सदैव सजग और तत्पर है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टैंसिंग के निर्देशों का पालन अनिवार्य है। यह वायरस लोगों के सम्पर्क में आने से फैलता है, इसलिए पूरी सतर्कता और सावधानी रखें।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को लाक डाउन के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुये सोशल डिस्टेन्सिंग का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही किये जाने का आदेश दिया |

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply