- April 25, 2017
लम्बित अभियोजन अनुसंधान में अधिक पारदर्शिता के प्रयास -अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध)
जयपुर——————अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध) श्री पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग के सॉफ्टवेयर केस दर्पण को अब और अधिक पारदर्शी एवं वास्तविक बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान अधिकारी अब गवाहों के बयानों की वीडियो क्लिपिंग बनाकर सीआईडी सीबी के सॉफ्टवेयर ‘‘केस दर्पण’’ पर वीडियो पर अपलोड कर सकेगा। इसके लिये इस सॉफ्टवेयर को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि अपलोड करने के बाद अनुसंधान अधिकारी भी चाहे तो इसमें बदलाव नहीं कर सकता।
श्री सिंह सोमवार को पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में अनुसंधान अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अनुसंधान अधिकारियों पर हमेशा यह आरोप लगाये जाते हैं कि अनुसंधान अधिकारी ने गवाह से जबरन अथवा भय दिखाकर बयान दर्ज किये है अथवा अपनी मर्जी से बयान लिख लिये।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनुसंधान अधिकारी गवाहों के बयानों की विडियो क्लिपिंग तैयार करेंगे, जिसमेें गवाह अपने बयान देने से पूर्व यह स्वीकार करेगा कि वह अपने पूरे होशोहवास एवं बिना किसी दबाव के ये बयान दे रहा है। उन्होंने बताया कि बयान लेने के बाद अनुसंधान अधिकारी केस दर्पण सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेगा, जिसे कोई भी उच्चाधिकारी देख सकेगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिये अनुसंधान अधिकारियों को मोबाइल फोन भी उपलब्ध करवाये जायेंगे। इससे वे मौके पर ही गवाहों के बयानों की विडियो क्लिपिंग तैयार कर केस दर्पण पर अपलोड कर सकेंगे।
इस अवसर पर महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सीबी श्री गोविन्द गुप्ता, महानिरीक्षक पुलिस (अपराध)श्री संजीव नार्जारी, महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सीबी श्री एस.एन. सैंगाथिर, महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सीबी श्री हरि प्रसाद, पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) श्री लक्ष्मण गौड़, पुलिस अधीक्षक परिवाद, श्री किशन सहाय मीना, पुलिस अधीक्षक सिविल राइटस श्री ओ.पी. दायमा, पुलिस अधीक्षक (अन्वेशण) श्री जगदीश चन्द्र शर्मा, पुलिस अधीक्षक सीबी श्री हेमंत शर्मा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एएचटीयू श्री राजेन्द्र प्रसाद भी उपस्थित थे।