लखनऊ : दो दिवसीय अटल स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़

लखनऊ : दो दिवसीय अटल स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन  : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ एकदिवसीय यात्रा पर लखनऊ पहुंचे जहां उन्होंने दो दिवसीय अटल स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन किया। उपराष्ट्रपति ने मुख्य अथिति के रूप में मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अटल जी बहुत याद आते हैं। अटल जी अपने सिद्धांत पर अटल रहे, पर मार्मिक मुद्दों पर वह अत्यंत मुलायम थे। आज, अटल जी होते तो वह देख पाते कि उनका भारत आज तीव्र गति से दुनिया के शिखर पर जा रहा है।

उपराष्ट्रपति ने आयुष्मान भारत स्वाथ्य कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम है। 140 करोड़ के देश में ऐसा कार्यक्रम लागू करना एक भागीरथी कार्य है और मोदी जी ने इसे एक जमीनी हकीकत बना दिया है। उन्होंने इस अवसर पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम की भी जमकर सराहना की उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम से लोगों के स्वास्थ्य और जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।

उपराष्ट्रपति ने आगे महिला आरक्षण विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि 21 सितंबर को भारतीय संसद ने महिला आरक्षण बिल पास करके इतिहास रच दिया, उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह आरक्षण होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों ही है मतलब इसमें यह भी निश्चित किया जाएगा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को भी इस नियम के तहत आरक्षण मिलेगा। यह आरक्षण सामाजिक समानता और न्याय की सुनिश्चित करेगा।

उपराष्ट्रपति ने बढ़ती हुई तकनीकी सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा आप लोगों को बदलता हुआ भारत नजर आ रहा होगा, बिजली का बिल जमा करने, रेलवे की टिकट, पानी का बिल जमा करने के लिए, पासपोर्ट लेने के लिए लंबी लाइन लगती थी, आज आपको सुविधाओं का लाभ सीधा मिलता है, शासन को पारदर्शी बनाया गया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा कुठाराघात अगर कोई करता है, तो भ्रष्टाचार करता है। भ्रष्टाचार की वजह से सामान्य व्यक्ति का काम जब रुकता है, भ्रष्टाचारी को वह संतुष्ट नहीं कर पाता, उसके दिमाग में एक भूकंप आ जाता है, वह बेचैन हो जाता है, वह बीमारी की ओर अग्रसर हो जाता है। आज के दिन भ्रष्टाचारी पकड़ा जाता है, तो कानून का शिकंजा उस पर पहुंचता है।

श्री धनखड़ ने आगे कहा कि समाज स्वस्थ तभी रह सकता है जब समाज में व्यवस्था स्वस्थ हो, पारदर्शी हो, उसमें उत्तरदायित्व हो, सबको समान अवसर मिले और इस दिशा में हम अग्रसर हो रहे हैं।

उपराष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियां की सराहना करते हुए कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है, हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है वह अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना भी अधिक है। उन्होंने कहा हमारी प्रतिभा का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही गृहण करते हैं।

अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत वह पहला देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतारा और भारत ऐसा करिश्मा करने वाला पहला देश है, अब वहां शिव शक्ति पॉइंट भी है और तिरंगा पॉइंट भी है।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि आज आपके पास में शुभ अवसरों की कमी नहीं है। पहले गांव में बिजली नहीं थी, सड़क नहीं थी, घर में शौचालय नहीं थे, नल नहीं थे, इंटरनेट नहीं था, टीवी नहीं थी, गांव के अंदर पांचवी कक्षा से ज्यादा के विद्यालय नहीं थे, पढ़ने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था, आज के दिन गांव में वह सुविधा उपलब्ध हैं जो शहरों में हैं।

उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप में कितनी भी प्रतिभा हो, कितनी योग्यता हो, कितना कौशल हो, आपका शरीर अगर स्वस्थ नहीं है तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे, और आप असहाय हो जाएंगे। हमारे वेद और शास्त्रों में स्वास्थ्य की ओर बहुत बड़ा ध्यान दिया गया है। आगे उन्होंने कहा कि कि हमारी लापरवाही हमारे खानपान का दोष हमारी आदतें हमें बीमारी से ग्रस्त करती हैं, स्वस्थ जीवन ही जीवन है! इसमें कोई शंका नहीं जब आप स्वस्थ रहेंगे तो आपका जीवन सार्थक रहेगा।

पहला सुख निरोगी काया, दूजा घर में माया, कहावत का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वेदों में माया से ऊपर निरोगी काया को रखा गया है। माया का भी आनंद आप तभी ले पाओगे, जब आपकी काया निरोगी होगी।

श्री धनखड़ ने कहा कि हमारे वेद, हमारी प्राचीन सभ्यता स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान का भंडार है। पर हम भटक गए हैं, स्वास्थ्य के मामले में हमने अंग्रेजी को अपना लिया। उन्होंने खुशी जाहिर की कि “मेरे देश का सौभाग्य है कि वर्तमान सरकार ने, आयुष मंत्रालय का गठन किया हमारी पुरानी पद्धति को अपनाया, हमारी पुरानी पद्धति कितनी कारगर हुई है, यह COVID ने दिखा दिया।”

उपराष्ट्रपति ने जल जीवन मिशन और उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हर घर नल, हर घर स्वच्छ जल, और करोड़ों गैस कनेक्शन देना, ऐतिहासिक, कल्पना से परे है, इससे देश में एक नई संस्कृति का उदय हुआ है।

स्वयं के किसान परिवार से आने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा देश में 11 करोड़ किसानों को साल में तीन बार सरकार द्वारा सीधे धन भेजा जाता है। किसान इस धन को सीधे अपने खाते में प्राप्त करता है यह भारत की तकनीकी क्षमता का जीता जागता प्रमाण है। मोदी जी ने अटल जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के दो विधान दो निशान दो, प्रधान के विधान को समाप्त करके उनका सपना पूरा किया।

उन्होंने आगे कहा भारत का अमृतकाल हमारे नवयुवकों के लिए गौरवकाल है। खुद भी स्वस्थ रहिए और औरों को भी स्वस्थ होने दीजिए, प्रधानमंत्री जी की तो सोच इतनी बड़ी है पूरी दुनिया कृतज्ञ है उनके लिए इस बारे में, कि संयुक्त राष्ट्र में जाकर भारत के प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत की जो योग व्यवस्था है, हम उसे दुनिया को देना चाहते हैं, आप उसको अपनाइए, कम से कम समय में, दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देशों ने योग को अपनाया और माना की स्वास्थ्य के लिए योग महत्वपूर्ण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह अब बढ़त अजेय है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी बनने की राह पर हैं। हमने कनाडा और यू.के. को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं। उन्होंने छात्रों से टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान किया।

अंत में  उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए, भारत का हित सर्वोपरि है, भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए।

इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) सुदेश धनखड़, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के उप- मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक, राज्य सभा सदस्य श्री दिनेश शर्मा, राज्य सभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी, मेयर

सुषमा जी, मेला आयोजक एवं समाज सेवक श्री नीरज सिंह, प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के वरिष्ठ चिकित्सक, लखनऊ के दूर सुदूर से बड़ी संख्या में आए लोग एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

Related post

भारतवर्ष की जो प्रजेंट गवर्नेंस है उसको मैं “गीता गवर्नेंस” कह सकता हूं- उपराष्ट्रपति

भारतवर्ष की जो प्रजेंट गवर्नेंस है उसको मैं “गीता गवर्नेंस” कह सकता हूं- उपराष्ट्रपति

PIB Delhi———  प्रधानमंत्री जी जब 2014 में आये तो उन्होंने देखा कि हमारे भारत का जो…

Leave a Reply