हर जिले में जी0एन0एम0 संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला आई0टी0आई0, हर सब डिवीजन में ए0एन0एम0 स्कूल, आई0टी0आई0

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** पढे, हुनरमंद बनें और काम करना सीखें, इससे आपका भविष्य उज्ज्वल होगा:- मुख्यमंत्री

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पटना——–8:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) जिला के हरसिद्धि में अवस्थित महावीर रामेश्वर इंटर कॉलेज में स्व0 रामेश्वर प्रसाद एवं स्व0 महावीर प्रसाद की प्रतिमा का अनवारण किया। इसके पश्चात महाविद्यालय प्रांगण में मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया।

उन्होंने कहा कि स्व0 महावीर प्रसाद और स्व0 रामेश्वर प्रसाद के पुत्रों ने महाविद्यालय के लिए भूमि का दान किया, यह बड़ी बात है। स्व0 महावीर प्रसाद एवं स्व0 रामेश्वर प्रसाद की लोकप्रियता और लोगों पर इतना प्रभाव था कि वे मुखिया के तौर पर निर्विरोध निर्वाचित होते रहें।

उन्होंने कहा कि नवंबर 2005 में हमारी सरकार बनी, उसी समय से ही हमलोगों ने शिक्षा के विकास के लिए अनेक कदम उठाये। हमने आंकलन कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, जिसे देखते हुए 22 हजार नए स्कूलों की स्थापना करायी गयी। पुराने स्कूलों में नए क्लास रूम के निर्माण के साथ ही 3 लाख से अधिक शिक्षकों का नियोजन किया गया। इसके बाद पुनः आंकलन कराया तो पता चला कि सबसे अधिक महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे स्कूलों से बाहर हैं।

उन्होंने कहा कि महादलित के बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए टोला सेवक तथा तालिमी मरकज बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को विद्यालय पहुंचाया गया, जिसका नतीजा हुआ कि अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। यह सिलसिला निरंतर चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी के कारण माता-पिता अपनी बेटियों को प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद छठी क्लास में नहीं भेजते थे क्योंकि वे अपने बच्चियों के लिए अच्छा कपड़ा खरीदने में अक्षम थे, जिसे देखते हुए मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए बालिका पोशाक योजना शुरू की गई। इसके बाद हमने सोचा कि सिर्फ आठवीं क्लास तक लड़कियों के पढ़ने से काम नहीं चलेगा। कम से कम उन्हें मैट्रिक तक की पढ़ाई ग्रहण करनी चाहिए। इसके लिए हमने 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि 2008 में हमने साइकिल योजना की शुरुआत की, उस समय 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या एक लाख 70 हजार से भी कम थी, जो अब बढ़कर 9 लाख के करीब हो गई है। जब लड़कियां समूह में साइकिल चलाते हुए स्कूल जाने लगी तो लोगों की मानसिकता के साथ-साथ पूरा परिदृश्य बदल गया।

लड़कियों का सशक्तिकरण हुआ और उनके अरमानों को पंख लग गये। उसके बाद जगह-जगह से लड़कों ने भी मांग शुरू की, जिसको देखते हुए लड़कों को भी साइकिल योजना का लाभ दिया जाने लगा। उन्होंने कहा कि अब तो मिडिल स्कूल में कहीं-कहीं लड़कियों की संख्या लड़कों से भी ज्यादा है और हाई स्कूल में लड़कों के बराबर लड़कियों की संख्या है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटर के बाद आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बिहार में काफी कम थी, जिसके कारण बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 13.9 प्रतिषत था, जबकि देश का औसत 24 प्रतिशत है। बिहार ज्ञान की भूमि रही है इसलिए हमने ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को राष्ट्रीय औसत से भी आगे 30 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए हमने सात निश्चय योजना की शुरुआत कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर से आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए 4 लाख रुपये तक की शिक्षा ऋण का प्रावधान कराया।

अक्टूबर 2016 में प्रत्येक जिले में डी0आर0सी0सी0 की स्थापना की गई। बैंकों के ढुलमुल रवैये के कारण बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम बनाकर 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर शिक्षा ऋण मुहैया कराया जा रहा है ताकि उच्च शिक्षा की ओर अधिक से अधिक बच्चे आकर्षित हो सके। इसमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडर छात्रों को एक प्रतिशत ब्याज पर षिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा वित्त निगम के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ा है, जिसका नतीजा है 3 से 4 महीने के अंदर 25 हजार आवेदकों को इसका लाभ दिया जा चुका है, जबकि बैंको से डेढ़ साल में मात्र 9 हजार आवेदकों को इसका लाभ मिला था। समारोह में शामिल लोगों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ाइये। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से मिलने वाली ऋण को 82 किश्तों में भुगतान करना है और अगर उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में उनका ऋण भी माफ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के हर जिले में जी0एन0एम0 संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला आई0टी0आई0, हर सब डिवीजन में ए0एन0एम0 स्कूल, आई0टी0आई0 की स्थापना की जा रही है। पाँच नए मेडिकल कॉलेज और उनमें नर्सिंग कॉलेज की भी स्थापना की जा रही है। इन संस्थानों के लिए जमीन उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के कई राज्यों में बिहार के छात्रों के बल पर ही संस्थान चलता था लेकिन अब बिहार में संस्थानों के खुलने से दक्षिण भारत के संस्थान बंद होने के कगार पर हैं।

उन्होंने कहा कि रोजगार की तलाश में लगे युवाओं को दो साल तक प्रत्येक माह एक हजार रुपये की मदद स्वयं सहायता भत्ता के जरिये दी जा रही है। कुशल युवा कार्यक्रम के जरिये युवाओं को 240 घंटे का निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवहार कौशल और संवाद कौशल की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा उद्यमिता का भाव रखने वाले युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड की भी व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रतिशत के लिहाज से दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत मंे हैं और भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो सबसे ज्यादा युवा बिहार में हैं इसलिए युवाओं से विशेष तौर पर अपील है कि पढं़े, हुनरमंद बनें और काम करना सीखें, इससे आपका भविष्य उज्ज्वल होगा। अपने संबोधन के अंत मे मुख्यमंत्री ने स्व0 रामेश्वर प्रसाद और स्व0 महावीर प्रसाद के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए समारोह में शामिल लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

समारोह को मोतिहारी जिले के प्रभारी एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री विनोद नारायण झा, पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री श्री राणा रणधीर सिंह, पूर्व मंत्री श्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र गुप्ता एवं श्री विन्देश्वरी प्रसाद यादव ने भी संबोधित किया।

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