रोडमेप बनाने के निर्देश–संकल्प पत्र, दृष्टिपत्र, घोषणाओं और बजट प्रावधान

रोडमेप बनाने के निर्देश–संकल्प पत्र, दृष्टिपत्र, घोषणाओं और बजट प्रावधान

भोपाल (सू०ब्यूरो)————मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विभाग को अगले दो साल का रोडमेप बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अगली केबिनेट बैठक से प्रत्येक विभाग के रोडमेप का प्रस्तुतिकरण होगा।

उन्होंने रोडमेप बनाते समय संकल्प पत्र, दृष्टिपत्र, घोषणाओं और बजट प्रावधानों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। श्री चौहान आज मंत्रालय में विभागों के वार्षिक लक्ष्य तय करने के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। सभी विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह एवं विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अगला बजट सत्र जनवरी से प्रारंभ होगा। अब वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसम्बर तक होगा। उन्होंने कहा कि रोडमेप में तिमाही, छमाही और वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए पूरा होने वाले कार्यों का स्पष्ट उल्लेख करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पंडित दीनदयाल जन्म-शताब्दी वर्ष में सभी मंत्रियों से शासकीय लेटरहेड, विज्ञापनों और पत्राचार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का फोटो अनिवार्य रूप से प्रकाशित होगा।

उन्होंने गरीब कल्याण वर्ष में नई कल्याण योजनाओं को जोड़ने की संभावनाओं पर भी विचार करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश को नवाचारी योजनाओं से पूरे देश में पहचान मिली है।

श्री चौहान ने कहा कि दो या अधिक विभाग का किसी एक मुद्दे से संबंध होने पर आपस में बातचीत कर समाधान निकालें। पत्राचार में समय और ऊर्जा नष्ट नहीं करें। इससे अनावश्यक विलम्ब होता है।

मुख्यमंत्री ने व्यापार को और अधिक सरल बनाने और प्रभावी प्रक्रियाएँ बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें अवरोध पैदा करने वाले नियम और कानूनों में आवश्यक संशोधन कर प्रस्तुत करें।

उन्होंने ऐसे कानूनों को समाप्त करने के लिये भी निर्देश दिये जो वर्षों पहले बने थे और अब पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्र की योजनाओं और उनमें आवंटित बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी विभाग समय पर बजट उपयोगिता प्रमाण पत्र केन्द्र को प्रस्तुत करे ताकि केन्द्र की योजनाओं का पूरा लाभ प्रदेश को मिल सके। इसके लिये सभी विभाग प्रमुख संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों से लगातार संपर्क में रहें।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख विभागों के उपयोगिता प्रमाण-पत्र की स्थिति और केन्द्रीय योजनाओं से लाभ लेने के लिये कार्य-योजनाएँ बनाने की स्थिति की समीक्षा करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रशंसा की।

उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग द्वारा गुरूकुलम और ज्ञानोदय विद्यालय स्थापित करने की पहल की सराहना करते हुये कहा कि इस बार जेईई मेन्स जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में प्रदेश के आदिवासी अंचलों से 460 विद्यार्थियों का चयन हुआ है, जो प्रदेश के लिये गौरव की बात है।

मंडला और झाबुआ से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का चयन हुआ है। उन्होंने विभागीय प्रमुख को इन विद्यार्थियों को आगे की परीक्षाओं में भी सफलता के लिये प्रेरित करने के लिये इनका सम्मेलन बुलाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने नर्मदा घाटी विकास, कृषि, जल संसाधन, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करने की स्थिति की समीक्षा की और रोडमेप प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। अपर मुख्य सचिव श्री ए.पी. श्रीवास्तव ने बजट और केन्द्रीय योजनाओं में उपलब्ध बजट की जानकारी दी।

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