• November 20, 2017

रोजगार नहीं रोजगारपरक व्यक्तियों की कमी है समस्या

रोजगार नहीं रोजगारपरक व्यक्तियों की कमी है समस्या

जयपुर, 20 नवम्बर। स्थानीय राइसेम सभागार में सोमवार को 64वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह का आयोजन किया गया। ‘‘कौशल विकास के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में सहकारिता‘‘ विषय पर आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुये मुख्य अतिथि श्री अशोक जोशी ने कहा कि राज्य में रोजगार समस्या नहीं है बल्कि रोजगारपरक व्यक्तियों की कमी एक समस्या है।

राज्य में ऎसे व्यक्तियों की कमी है जो अपने काम में हुनर रखते हों। हमें अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पहचान कर उनकी पूर्ति के लिए अभिनव प्रयास करना चाहिए। इससे नए क्षेत्रों की पहचान संभव होगी तथा युवा वर्ग अपनी पसंद से रोजगार का चयन कर सकेगा।

समारोह में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम, जयपुर के महाप्रबंधक श्री विश्वास पारीक ने शैक्षणिक उपाधि प्राप्त करने की अपेक्षा कौशल विकास को तरजीह देने की वकालत करते हुए कहा कि आज औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से निकले हुए 84 प्रतिशत प्रशिक्षितों कों, पॉलिटेक्निक संस्थानों से निकले हुए 50 प्रतिशत प्रशिक्षितों को रोजगार मिल रहा है जबकि इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों में से मात्र 17 प्रतिशत को ही रोजगार मिल पाता है। इसलिए हमें कौशल विकास की प्रासंगिकता को समझने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति की बहुत सारी आवश्यकताएं हैं, जिनकी पूर्ति कर रोजगारों का सृजन किया जा सकता है। उन्होंने मुम्बई के डिब्बावाला का उदाहरण देते हुए कहा कि मुम्बई में काम पर गए लोगों को गर्म खाना पहुंचाने के कार्य की पहचान कर उसे एक संगठित रोजगार को रूप दिया गया। हमें इसी प्रकार से स्टार्टअप की पहचान करने की आवश्यकता है।

श्री पारीक ने कहा कि यह उचित समय है जब हमें सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि राजस्थान में हर साल लगभग 8 लाख नए युवा रोजगार के लिए तैयार हो रहे हैं। यदि हम हमारे युवा को रोजगार उपलब्ध नहीं करवा पाए तो समाज को शीघ्र ही इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

सहायक रजिस्ट्रार, राइसेम श्री छोटी लाल बुनकर ने कहा कि कौशल को हमें श्रम की आराधना के रूप में लेने की आवश्यकता है, इसे जितना सीखेंगे और दूसरों को सिखाएंगे हम उतना अधिक राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कौशल के सृजन से उत्पादक एवं उपभोगी के रिश्ते स्वस्थ बनेंगे और समाज में स्वावलंबन को बल मिलेगा।

इस अवसर पर राजस्थान राज्य सहकारी संघ के श्री शंकर शरण शर्मा, उप रजिस्ट्रार, सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण श्री गजेन्द्र कौशिक सहित राइसेम, सहकारी संघ, आईसीएम तथा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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