रेशम : मोबाइल m-Silk App एप गूगल प्ले स्टोर पर

रेशम  :  मोबाइल m-Silk App एप गूगल प्ले स्टोर पर

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री सुश्री कुसुम महदेले द्वारा लांच किया गया मोबाइल m-Silk App एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध रहेगा। रेशम आयुक्त श्री सत्यानंद ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों एवं गाइड फार्मर से एम-सिल्क एप को डाउनलोड कर अपना पंजीयन करवाने का अनुरोध किया है। रेशम संचालनालय द्वारा पंजीयन करने वाले व्यक्तियों को सत्यापन के बाद m-Silk App का उपयोग करने के लिये अधिकृत किया जायेगा।

अधिकृत होने के बाद कोई भी गाइड फार्मर अपने क्षेत्र के किसान का पंजीयन करवा सकेगा। गाइड फार्मर एवं कर्मचारी/अधिकारी एम-सिल्क एप का उपयोग विभिन्न जानकारियाँ भेजने के लिये कर सकेंगे। किसानों द्वारा उत्पादित ककून की जानकारी भी एप के माध्यम से भेजी जा सकेगी। धीरे-धीरे सभी जानकारियाँ एप के माध्यम से भेजने की सुविधा जोड़ी जायेगी। इस प्रकार रेशम विभाग एम-गवर्नेंस अपनाने वाला पहला विभाग बन जायेगा। मोबाइल एप बार-बार जानकारियाँ भेजने/बुलाने की जद्दोजहद से मुक्त करेगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता भी लायेगा। किसानों द्वारा बेचे गये ककून का भुगतान तत्काल इस एप के माध्यम से हो सकेगा।

एप से गाइड फार्मर्स/कर्मचारी किसानों द्वारा किये गये मलबरी-रोपण एवं कृमि-पालन गृह का फोटो एवं स्थिति की जानकारी मोबाइल के माध्यम से भेज सकेंगे। यह जानकारी google earth.com पर किसी भी कम्प्यूटर पर देखी जा सकेगी। इस प्रकार विभागीय कर्मचारी एवं गाइड फार्मर्स एक साथ प्रदेश के मलबरी-रोपण क्षेत्रों का सत्यापन 5 अक्टूबर से प्रारंभ कर सकेंगे। यह एप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केलिफोर्निया में घोषित जेएएम योजना के अनुरूप है। इसमें किसानों के जन-धन अकाउंट (J), आधार क्रमांक (A) एवं मोबाइल (M) के आधार पर जन-सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जा रही हैं।

भविष्य में रेशम उत्पादन में लगे किसानों को रेशम कीट-पालन से संबंधित विभिन्न तकनीकी जानकारी एवं सुविधाएँ एम-सिल्क एप के माध्यम से दिये जाने की योजना है। इनमें प्रत्येक किसान द्वारा बेचे गये ककून की मात्रा एवं गुणवत्ता के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी, स्वस्थ डिम्ब समूह उपलब्ध होने तथा कृमि निकलने की सम्भावित तिथि, चॉकी उपलब्ध और ककून निर्मित होने की तिथि तथा अन्य जानकारियाँ शामिल हैं।

श्री सत्यानंद के अनुसार एप से केवल गाइड फार्मर या कर्मचारी ही किसानों का पंजीयन करवा सकेंगे। एप के उपयोग का तरीका 5 अक्टूबर को वीडियो कान्फ्रेंस में बताया जायेगा।

प्रलय श्रीवास्तव

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