- September 13, 2018
रीवा-सीधी रेल लाईन:– भारत सरकार को चूना लगाने की योजना
पूरे गांव को साढ़े आठ करोड़ और एक किसान को पौने दो करोड़ मुआवजा ?
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सीधी (विजय सिंह)——– ललितपुर-सिंगरौली रेल मार्ग के रीवा- सीधी खंड में भू-अर्जन की दूषित प्रक्रिया अपनाये जाने के प्रमाण मिले हैं।
चुरहट तहसील अंतर्गत् ग्राम टीकठ कला की आराजी नंबर 2110, रकबा- 1.00 हेक्टेयर के 30 खातेदारों को लाभांवित कराये जाने की नीयत से भू-अर्जन एवार्ड पारित होने के उपरांत नक्शे में बदलाव किया गया है।
इस परिवर्तन की बदौलत रेलवे विभाग या कहें कि भारत सरकार को 1 करोड़ 87 लाख रुपये अधिक मुआवजे का भुगतान करना पड़ेगा।
रेल विभाग के सर्वे के दौरान किसानों को यह जानकारी मिल चुकी थी कि उनकी आराजी से लाईन निकलेगी। भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुर्नव्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अंतर्गत् 3 आर.ए. तक की भूमि का मुआवजा वर्गफीट की दर से तथा हर खातेदार को नौकरी दिये जाने का प्रावधान है। इस मौके का फायदा उठाकर ग्राम टीकठ कला में भूमि का परिवारिक व जरिये रजिस्ट्री व्यापक स्तर पर नामांतरण हुआ।
पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) ने दिनांक: 29 सितंबर 2015 को ग्राम टीकठ कला में कुल 266 किता, रकबा 23.258 हेक्टेयर का प्रस्ताव न्यायालय उप खंड अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी चुरहट/रामपुर नैकिन को दिया। तद्नुसार प्रस्ताव अनुसार दिनांक: 29 सितंबर 2015 को प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया।
अधिग्रहित भूमि से अधिक मुआवजा प्राप्त करने व नौकरी की नीयत से खसरा नंबर 2110 के खातेदार द्वारा भी 1 हेक्टेयर भूमि का पारिवारिक नामांतरण कर स्वयं, पुत्र, पुत्री, पोते-पोती कुल 7 लोगों के नाम परिवारिक बंटवारे के तहत् एवं शेष 22 लोगों को जरिये रजिस्ट्री 3 आर.ए. प्रति व्यक्ति के मान से नामांतरण करा दिया। नामांतरण 30 सितंबर 2015 से 5 फरवरी 2016 के दरमियान कराये गये।
कलेक्टर सीधी एवं पदेन उप सचिव म.प्र. शासन द्वारा अधिनियम की धारा 11 के तहत् ग्राम टीकठ कला में रेल लाईन हेतु अधिग्रहण का स्थानीय समाचार पत्रों में दिनांक: 26.03.2016 को प्रकाशन कराया गया। प्रकाशित अधिसूचना में यह स्पष्ट लेख किया गया था कि अधिनियम 2013 की धारा 11 की उप धारा (1) के उपबंधों के अनुसार सभी सम्बंधित व्यक्तियों को इसके द्वारा इस आशय की सूचना दी जाती है कि कोई भी व्यक्ति इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों के पूरा हो जाने तक अधिसूचना में विनिर्दिष्ट भूमि का कोई संव्यवहार नहीं करेगा या कोई संव्यवहार नहीं करायेगा अथवा ऐसी भूमि पर कोई विलंगम सृजित नहीं करेगा।
स्थानीय समाचार पत्रों में दिनांक: 26.03.2016 को धारा 11 की अधिसूचना प्रकाशन के उपरांत ग्राम टीकठ कला की आराजी नंबर 2110 के 1 खातेदार शंकर्षण सिंह ने दिनांक: 28.03.2016 को म.प्र. भू राजस्व संहिता की धारा 107 (5) के तहत् कलेक्टर सीधी के यहां इस आशय का आवेदन दिया कि जिस भूमि पर वह काबिज कास्त था, सरहदी कास्तकारों द्वारा विवाद उत्पन्न करने पर ज्ञात हुआ कि बंदोबस्त की त्रुटि के कारण उसकी भूमि का नक्शा परिवर्तित हो गया है, अतः त्रुटि सुधार किया जावे। यहां यह तथ्य छिपाया गया कि नक्शा सुधार हेतु आवेदन देने के पूर्व ही खसरा नंबर 2110, रकबा 1 हेक्टेयर का विभाजन व नामांतरण अन्य 29 लोगों के नाम कराया जा चुका है।
नामांतरण उपरांत खसरा नंबर 2110 अब कुल 30 खातेदारों के बीच बटा नंबर- 2110/1/1/1 स्वयं शंकर्षण सिंह व 29 अन्य का खसरा नंबर 2110/1/1/2, 2110/1/1/3, 2110/1/1/4, 2110/1/1/5, 2110/1/1/6, 2110/1/2, 2110/1/3, 2110/1/4, 2110/2/1/1, 2110/2/1/2, 2110/2/1/3, 2110/2/1/4, 2110/2/1/5, 2110/2/1/6, 2110/2/1/7, 2110/2/1/8, 2110/2/1/9, 2110/2/2, 2110/2/3, 2110/3/1, 2110/3/2, 2110/3/3, 2110/3/4, 2110/3/5, 2110/3/6, 2110/3/7, 2110/3/8, 2110/3/9 व 2110/3/10 हो गया हैै।
धारा 11 की अधिसूचना प्रकाशन के उपरांत उप मुख्य अभियंता (निर्माण), पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के प्रतिनिधियों एवं सम्बंधित ग्राम टीकठ कला के पटवारी के द्वारा अधिग्रहण हेतु प्रस्तावित भूमियों का संयुक्त स्थल निरीक्षण कर सत्यापन किया गया।
तत्पश्चात अधिनियम की धारा 19 के तहत् राजपत्र में दिनांक: 15.07.2016 कोे तथा स्थानीय समाचार पत्रों में दिनांक: 05.08.2016 को प्रकाशन उपरांत अधिनियम की धारा- 21 (1) के प्रावधानों के अनुसार खातेदारों के स्वत्व की भूमि के क्षेत्रफल, उस पर स्थित परिसम्पत्तियों के तथा उसके प्रतिकर के सम्बंध में प्रत्येक हितबद्ध भूमि-स्वामी को दिनांक: 17.12.2016 को व्यक्तिवार नोटिस जारी करते हुये 30 दिवस के भीतर दावे-आपत्तियां न्यायालय उपखंड अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी चुरहट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
न्यायालय उपखंड अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी चुरहट को उपरोक्त नोटिस उपरांत कुल 37 आपत्तियां प्राप्त हुई। आपत्तियों एवं दावों के निराकरण के उपरांत भू-अर्जन अधिकारी चुरहट ने ग्राम टीकठ कला के 206 खातेदारों की अर्जित की जाने वाली भूमि का रकबा-19.979 हेक्टेयर, वृक्ष, मकान, कूप, मेड़ मिट्टी एवं भूमि का मूल्य, धारा 30 (3) के तहत् 12 प्रतिशत ब्याज व धारा 30 (1) के अनुसार मूल्य का 100 प्रतिशत सोलेशियम कुल 8,51,85,854.40 रुपये ( आठ करोड़ इक्यावन लाख पचासी हजार आठ सौ चैवन रुपये चालीस पैसे ) का दिनांक: 5 मई 2017 को एवार्ड पारित किया।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि भू-अर्जन अधिकारी चुरहट द्वारा मांगे गये दावा-आपत्ति की निर्धारित समयावधि 30 दिवस के भीतर खसरा नंबर 2110 से सम्बद्ध 30 में एक भी खातेदार ने अपनी आपत्ति प्रस्तुत नहीं की। पारित एवार्ड दिनांक: 5 मई 2017 के साथ संलग्न प्रतिकर का खातेवार गणना पत्रक में भी खसरा नंबर 2110 के खातेदारों का नाम नहीं है।
दूसरी ओर आ. नं. 2110 के नक्शे में तथाकथित बंदोबस्त की त्रुटि हेतु शंकर्षण सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र का निराकरण करते हुये कलेक्टर सीधी द्वारा दिनांक: 21 मार्च 2018 को तहसीलदार चुरहट को नक्शा सुधार करने का निर्देश दिया।
अधिनियम की धारा 11 के प्रकाशन में दिये गये निर्देश कि ‘‘अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों के पूरा हो जाने तक अधिसूचना में विनिर्दिष्ट भूमि का कोई संव्यवहार नहीं करेगा या कोई संव्यवहार नहीं करायेगा अथवा ऐसी भूमि पर कोई विलंगम सृजित नहीं करेगा’’, शायद इस निर्देश का पालन यहां नहीं किया गया हैै।
कलेक्टर के निर्देश पर आराजी नंबर 2110 को आराजी नंबर 2112 के बीच में वहां स्थापित (विनिमय) किया गया, जहां से रेलवे लाईन निकलनी है। आराजी नंबर 2112 सहकारी बैंक चुरहट से लिये गये ऋण एवज में कुर्क है तथा उसके मात्र 4 संयुक्त खातेदार हैें। भू अर्जन अधिकारी चुरहट द्वारा पारित एवार्ड में उनका नाम है।
आराजी नंबर 2112 के जुज रकबा 1 हेक्टेयर के अधिग्रहण पश्चात उन्हे शासन द्वारा बतौर मुआवजा तकरीबन 10 लाख रुपये ही देने पड़ रहे हैं। जबकि आराजी नंबर 2110 व 2112 के बीच नक्शा विनिमय उपरांत शासन को तकरीबन 1 हेक्टेयर भूमि के एवज में अब 30 खातेदारों को 1 करोड़ 87 लाख रुपये मुआवजा का भुगतान करना पड़ेगा।
शासन की राशि लूटने के लिये योजनाबद्ध तरीके से चुरहट में भू-अर्जन से सम्बद्ध लोगों का गिरोह सक्रिय है, इसकी खबर तो थी। किन्तु इतने व्यापक व सरकार के हितों को पूरी तरह नजर अंदाज कर सुनियोजित दस्तावेज तैयार कर, एवार्ड पारित होने के उपरांत डाका डालने की खबर अभी पता चली है। जहां एक तरफ पूरे टीकठ कला गांव के 206 खातेदारों की भूमि, भवन, कूप, वृक्ष अर्जित करने के उपरांत केन्द्र सरकार के रेलवे विभाग को 8 करोड़ 85 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा है। वहीं दूसरी ओर आराजी नं. 2110 एक ऐसी भूमि है, जो रेलवे एलायमेंट में नहीं थी, सुनियोजित तरीके से लाईन में लाने व उसके एवज में 1 करोड़ 87 लाख रुपये भुगतान पर काम जारी है। आईने की तरह साफ है कि यह सब किसलिये किया जा रहा है ?
एक और तथ्य प्रकाश में आया है कि ग्राम टीकठ कला की आराजी नंबर 2112, जिसका आराजी नंबर 2110 में विनिमय किया जा रहा है, वह आराजी नं. 2112, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा चुरहट से लिये गये ऋण के एवज में तहसीलदार चुरहट के प्रकरण क्रमांक 44/ अ 76 वर्ष 2014-15, आदेश दिनांक: 24.12.2014 के अनुसार कुर्क की जा चुकी है। मतलब राजस्व विभाग इतना अंधा था कि बैंक के पक्ष में कुर्क भूमि का मुआवजा पूर्व के खातेदार को बना दिया ?
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