• November 20, 2015

रिसर्जेन्ट राजस्थान: एम.ओ.यू. भी हस्ताक्षरित

रिसर्जेन्ट राजस्थान: एम.ओ.यू. भी हस्ताक्षरित

जयपुर – रिसर्जेन्ट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के पहले दिन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे, केन्द्रीय मंत्रियों, राज्य सरकार के मंत्रियों, विदेशी प्रतिनिधियों एवं निवेशकों की उपस्थिति में 10 समानान्तर सत्र आयोजित किए गए। इस दौरान कई महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. भी हस्ताक्षरित किए गए।1
सतत खनन सत्र
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में साउथ ऑस्ट्रेलिया के साथ सिस्टर-स्टेट करार
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की मौजूदगी में राजस्थान और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के बीच सिस्टर-स्टेट रिलेशनशिप के महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के निवेश और व्यापार मंत्री श्री मार्टिन हेमिल्टन स्मिथ तथा भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त श्री पेट्रिक सकलिंग भी उपस्थित थे।
एमओयू के तहत दोनों राज्य पेयजल, पर्यावरण प्रबन्धन, ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन, कृषि व्यापार, खाद्यान्न, शिक्षा, कौशल विकास और प्रशिक्षण, पर्यटन एवं खेल के क्षेत्रों में व्यापार और निवेश के अवसर तलाशने के लिये साझा कार्ययोजना बनाएंगे। ऑस्ट्रेलिया रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट-2015 का पार्टनर कंट्री है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान और साउथ ऑस्ट्रेलिया के बीच कई भौगोलिक तथा सांस्कृतिक समानताएं होने के कारण यह समझौता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों राज्यों के बीच व्यावसायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलने के साथ ही सांस्कृतिक समझ भी बेहतर होगी। जिसका फायदा दोनों राज्यों के आमजन को होगा।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान को खानों के अधिकतम सदुपयोग और कम से कम वेस्टेज की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का सहयोग मिल सकता है। राजस्थान एवं ऑस्ट्रेलिया खनन क्षेत्र में नवीनतम तकनीक एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी काम कर सकते है। उन्होंने कहा कि वाटर और वेस्ट मेनेजमेंट, माइनिंग, शिक्षा और कौशल विकास तथा रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया की विशेषज्ञता का लाभ राजस्थान को मिलेगा।
श्री तोमर ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि राजस्थान सरकार ने वैश्विक निवेश सम्मेलन करवाने का फैसला लिया है और इसके लिए अुनकूल माहौल तैयार किया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान के गर्भ में शौर्य एवं प्राकृतिक संपदा है, इसका राज्य व देश हित में उपयोग में हो। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि माइनिंग ऑक्शन में राजस्थान भारत में दूसरे स्थान पर है और मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही यह में प्रथम स्थान पर होगा।
वन पर्यावरण एवं खनिज राज्य मंत्री श्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता ने जो विश्वास दिया है वह फलीभूत होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य खनन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा सभी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही हैं।
सत्र में वेदांता रिर्सोसेज के सीईओ श्री टॉम एलबनीज ने कहा कि राजस्थान में खनन के क्षेत्र में बेहतरीन काम हो रहा है। राज्य सरकार ने खनन को बढ़ावा देने तथा इससे संबंधित नियमों के सरलीकरण एवं व्यापार में सकारात्मक पहल की है। इसके लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री बधाई की पात्र हैं। सत्र में सेंट गोबेन ग्लास इंंिडया के निदेशक ऑपरेशन श्री एस.एन आइजनहावर, जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री कपिल ढगत ने भी खनन पर सरकार की नीतियों की प्रशंसा करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रारंभ में प्रमुख शासन सचिव खनिज एवं पेट्रोलियम श्री दीपक उप्रेती ने सभी का स्वागत करते हुए सत्र की शुरूआत की।
स्मार्ट सिटी एवं राजमार्ग सत्र
सड़क के क्षेत्र में मलेशिया के साथ 10 हजार करोड़ का एम.ओ.यू.
स्मार्ट सिटी एवं राजमार्ग एवं शहरी बुनियादी ढांचे सुदृढ़ीकरण के सत्र में सड़क निर्माण के लिए मलेशिया के साथ 10 हजार करोड़ रुपये का एम.ओ.यू. हुआ। नगरीय विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत की मौजूदगी में सार्वजनिक निर्माण के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी. गुप्ता एवं मलेशिया सीआईडीबी होल्डिंग कम्पनी के दातोशेरी डॉ. जुदीन अब्दुल करीम ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
सत्र को संबोधित करते हुए नगरीय विकास मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि देश में शहरीकरण में तेजी से वृद्घि हो रही है, शहरीकरण को विकास एवं प्रगति का इंजन माना गया है। बढ़ते हुए शहरीकरण की स्थिति में यहां आवश्यक सुविधाएं एवं रोजगार सृजन में वृद्घि एक चुनौती है, जिसका मुकावला करते हुए हमें नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। सत्र के चैयनमेन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के निदेशक श्री अरूण नन्दा ने इस अवसर पर कहा कि बढ़ते हुए शहरीकरण के दवाब एवं स्मार्ट सिटी के लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता के साथ यहां रहने वाले नागरिकों को गुड गवर्नेंस देना होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, यूडीएच, श्री अशोक जैन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए स्मार्ट सिटी एवं राजमार्ग एवं शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास एवं इनमें निवेश की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। सत्र को शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री डीएस मिश्रा, सिस्को सिस्टम के प्रबंध निदेशक श्री अमीर आजमी एवं एसएल ग्रुप के उपाध्यक्ष श्री राजीव धोलकिया ने भी संबोधित किया।
जापान कंट्री सत्र
685 करोड़ रूपये के चार एम.ओ.यू.
जापान कंट्री सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान ओर राजस्थान आर्थिक विकास की यात्रा में घनिष्ठ साझेदार हैं। जापान ने राजस्थान के नीमराना से निवेश यात्रा शुरू की और अब गिलोट की ओर कदम बढाए हैं। पूरी टीम राजस्थान इस दौरान आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए सक्रिय रूप से दिन-रात तैयार है। श्रीमती राजे ने कहा कि कोई भी समस्या इतनी बढ़ी नहीं है जो इस प्रक्रिया की गति को कम कर सके या रोक सके। उन्होंने जापानी कम्पनियों से यहां उद्योग के साथ ही कौशल विकास के लिए भी काम करने का अनुरोध किया।
इस सत्र में 685 करोड़ रू राशि के 4 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ये एमओयू नीमराना में ऑटोमाबाइल पाटर््स, एयर कंडीशनर्स, वेयर हाउस, डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर एवं फेब्रिकेशन फेक्ट्री एवं फाउड्री से सम्बन्धित थे। राजस्थान सरकार की ओर से इन एम.ओ.यू. पर उद्योग विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने हस्ताक्षर किए।
दक्षिण पश्चिमी एशिया टे्रड पॉलिसी ब्यूरो के महानिदेशक श्री सेइजी ताकागी ने राजस्थान को निवेश के लिहाज से एक आकर्षक डेस्टिनेशन बताया। जापान में भारत के पूर्व राजदूत श्री आलोक प्रसाद ने कहा कि जापान के साथ रणनीतिक एवं आर्थिक सम्बन्धों को पिछले कुछ वर्ष में नई ऊंचाइयां मिली हैं। सत्र में द बैंक ऑॅफ टोकियो-मित्सुबिशी यूएफजे लिमिटेड के नई दिल्ली एवं नीमराना शाखा के जीएम श्री इशीनारी मात्सुई ने अपनी बैंक के कार्यकलाप की जानकारी दी। दाइनिची कलर इंडिया के एमडी श्री ताकायोशी तोकिमुने, निडेक इंडिया प्राइवेट लि. के सीईओ श्री कात्सुशिको ताकानाओ, ओजी जेसे पैकेजिंग प्राइवेट लि. के एमडी श्री अकिओ हासेबी ने भी अपनी-अपनी कम्पनी के कार्यो एवं विस्तार योजनाओं की जानकारी दी। जेट्रो के चीफ डायरेक्टर जनरल श्री नाओयोशी नोगुची ने राजस्थान की कम्पनियों को जापान में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
कंट्री सेशन-सिंगापुर सत्र
राजस्थान एवं सिंगापुर के मध्य हुए एम.ओ.यू.
‘फोकस क्षेत्र-पर्यटन” के अंतर्गत गुरूवार को गागरोन हॉल में कंट्री सेशन में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड और सिंगापुर कॉरपोरेशन इन्टरप्राईजेज के मध्य राज्य के जोधपुर और उदयपुर शहर के आर्किटेक्चर, मास्टर प्लान के संबंध में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए।
श्रीमती राजे ने कहा कि सिंगापुर के साथ मिलकर प्रदेश में हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में स्किल डवलपमेन्ट का कार्य किया जा रहा है। सिंगापुर के सहयोग से आईटीआई उदयपुर को सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति के सपने को साकार करने का प्रयास कर रही है। श्रीमती राजे ने जयपुर शहर में तारों को भूमिगत करने एवं विद्युत तंत्र के सुदृढीकरण के लिए 325 करोड़ रूपये देने की केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री पीयूष गोयल की घोषणा का स्वागत किया।
इस सत्र में प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में हुए विकास को ऐतिहासिक बताते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री श्री गोयल ने कहा कि राजस्थान में उदय योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है। उन्होंने नेशनल वाईड पावर में किए जा रहे कार्य में राजस्थान की भूमिका को भी सराहा तथा कहा कि राज्य में जिस तरह से ऊर्जा क्षेत्र में कार्य हो रहा है, उससे लगता है कि आने वाले दो वर्षों में राजस्थान पावर ही नहीं अफोर्डेबल पावर में भी तेजी से विकास करेगा।
सिंगापुर के गृह एवं विधि विभाग के मंत्री श्री के षणमुगम ने कहा कि सिंगापुर के शहरी आवासीय योजनाओं के मॉडल को राजस्थान में भी उपयोग में लिया जा सकता है। इसके लिए सिंगापुर हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।
सत्र में इन्टरनेशनल एन्टरप्राइजेज सिंगापुर के डिप्टी चीफ एक्जूकेटिव आफिसर श्री चाउ ताईक हिम ने कहा कि सिंगापुर पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान में निवेश की विभिन्न योजनाओं पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि सिंगापुर-राजस्थान सहमति के तहत उदयपुर में टूरिज्म एंड हॉस्पीटीलिटी प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है।
मास्टर कंसल्ट सर्विस के प्रबंध निदेशक श्री क्रिस्टोफर खो ने बताया कि सिंगापुर में प्राकृतिक सौन्दर्य नहीं है, पर्यटन का पृथक से मंत्रालय नहीं है फिर भी यहां इस क्षेत्र में अपार वृद्घि हुई है।
कृषि, फूड प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग सत्र
राज्य में कृषि क्षेत्र में निवेश की विपुल संभावनाएं
कृषि, फूड प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग सत्र में कृषि मंत्री श्री प्रभु लाल सैनी ने कहा कि राजस्थान में उत्पादित होने वाली 15 फसलों के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिसन एवं ग्रेडिंग के क्षेत्र में निवेश की विपुल संभावना है इसके साथ ही आने वाले समय में ग्वारगम एवं जैतून के क्षेत्र में भी निवेश के नये द्वार खुलेंगे।
सत्र में केन्द्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कृषि विकास के लिए सरकार की नई नीतियों के बारे में बताया। सत्र के चैयरमेन श्री राकेश भारती मित्तल, ब्लू स्टार लिमिटेड के श्री एम. श्रीनिवास रेड्डी, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव श्री सिराज हुसैन ने अपने विचार रखते हुए कृषि क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं की जानकारी दी। कृषि विभाग के आयुक्त श्री कुलदीप रांका ने प्रस्तुतिकरण दिया।
ऑटो और ईएसडीएम सेक्टर सत्र
ऑटो क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ रहा है योगदान
केंद्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि ऑटो सेक्टर का अर्थव्यवस्था में तेजी से योगदान बढ़ रहा है। भारत की कुल जीडीपी में 7.1 प्रतिशत योगदान ऑटो सेक्टर का है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय ऑटो एवं इलेक्ट्रोनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग (ईएसडीएम) सेक्टर का होगा।
श्री प्रभु ने कहा कि हमें विनिर्माण क्षेत्र में पर्यावरण के साथ समन्वय रखते हुए आगे बढऩा होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे ‘मेक इन राजस्थानÓ की उर्जावान लीडर हैं, जिनके नेतृत्व में राजस्थान विकास के नए सोपान तय कर रहा है।
उद्योग मंत्री श्री खींवसर ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को विश्वास दिलाया कि सरकार के स्तर पर आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
सत्र में होंडा कार इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री कटसुशी इनोयू ने कहा कि होंडा का राजस्थान में वर्ष 2016 में निवेश 4500 करेाड़ से बढ़कर 5100 करोड़ हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार की निवेश संबंधी नीतियों की प्रशंसा की और कहा कि राज्य सरकार प्रोएक्टिव है।
जेसीबी के श्री विपिन सोढ़ी ने कहा कि यह समिट राजस्थान की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में ऐतिहासिक साबित होगी। इस दौरान महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के श्री राजन वाढेरा ने कहा कि निवेश के लिए राजस्थान फेवरेबल स्टेट है।
रीको एवं कोरियन कंपनियों के मध्य दो एमओयू
रीको और एचएम डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मध्य मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ वाटर क्वालिटी टैस्टिंग, मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट प्रोडक्ट्स के प्रोजेक्ट पर कोरियन निवेश जोन गिलोट औद्योगिक क्षेत्र में 78 मिलियन रुपए का एमओयू हुआ। उद्योग मंत्री श्री गजेंद्र सिंह खींवसर की उपस्थिति में रीको के एमडी श्रीमती वीनू गुप्ता तथा एचएम डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष श्री यूनहो सन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
रीको और स्पॉलटैक कंपनी लिमिटेड के मध्य मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ पीसी एंड पीएमएमए शीट एंड फिल्म प्रोडक्ट्स के प्रोजेक्ट पर कोरियन निवेश जोन गिलोट औद्योगिक क्षेत्र में 600 मिलियन रुपए का भी एमओयू हुआ।
मेक इन इण्डिया सत्र
कौशल विकास के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है राज्य सरकार
केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप रूडी ने कहा है कि राजस्थान सरकार कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। वे मेक इन इण्डिया स्किलिंग राजस्थान विषय पर आयोजित सतानान्तर सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा की भारत में 500 मिलियन युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण की आवश्यकता है जिनमें से 70 प्रतिशत युवा ऐसे है जो प्रशिक्षण का व्यय स्वयं नहीं उठा सकते। इन युवाओं के कौशल विकास पर सरकार को 5 लाख करोड़ रूपये व्यय करने होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 500 करोड़ रूपये का बजट उपलब्ध करा कर कौशल विकास कार्यक्रम को राज्य में गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद केन्द्र सरकार के 23 विभाग कौशल विकास का काम कर रहे है। सरकार देश में 6000 नेशनल ऑकुपेशन स्टैण्डर्ड तथा 1500 जॉब रोल्स बनाना चाहती है।
सत्र की अध्यक्षता एस. रामादुरई ने की। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुम्बई कोरीडोर के बनने से राजस्थान को निर्माण, प्रसंस्करण और लोजिस्टिक क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर उत्पन करने का बड़ा अवसर मिलेगा। सत्र में विषय का प्रतिपादन करते हुए मनीष सबरवाल ने कहा कि भारत की समस्या रोजगार नहीं है, भारत की समस्या उत्पादकता में कमी है। हमें उत्पादकता में वृद्घि करके रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे।
श्रम कौशल उद्यमिता एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने कौशल विकास एवं श्रम सुधारों को अपनी प्राथमिकता बनाया है तथा सभी विभागों को प्रशिक्षण के लिये प्राप्त बजट का आरएसएलडीसी से कन्वर्जेन्स किया है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति या संस्था कौशल विकास कार्यक्रम से जुडऩा चाहते हैं वे सरकार से सम्पर्क कर सकते हैं।
सत्र के आरंभ में श्रम सचिव रजत मिश्र ने सम्भागियों का स्वागत किया। एनआईआईटी के उपाध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक विजय के थडानी, प्रो. मुक्ति मिश्रा तथा एचआई.डीए के प्रेसीडेन्ट काजुओ कानेको ने भी सत्र को सम्बोधित किया। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री काली चरण सराफ भी सत्र के दौरान उपस्थित रहे।
कौशल विकास के क्षेत्र में दो एमओयू हस्ताक्षर किये
राजस्थान सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग ने आज कौशल विकास के क्षेत्र में दो ऐतिहासिक एमओयू हस्ताक्षर किये। जेईसीसी ऑडिटोरियम हॉल में केन्द्रीय स्किल डिवलपमेंट एण्ड एण्टरप्रेन्योरशिप मंत्री राजीव प्रताप रूडी, राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ तथा श्रमराज्य मंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह की उपस्थिति में ये एमओयू हस्ताक्षर किये गये।
पहला एमओयू राजस्थान में स्किल डिवलपमेंट यूनिवर्सिटी खोलने के लिये किया गया। इस एमओयू पर भारत सरकार की पीएसयू आईएफसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मलय मुखर्जी, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के पवन गोयल तथा राजस्थान सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के आयुक्त गौरव गोयल ने हस्ताक्षर किये। आईएफसीआई राजस्थान में स्किल डिवलपमेंट यूनिवर्सिटी ,खोलने पर 25 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। आईएफसीआई की एक संस्था एमडीआई गुडग़ांव तथा एक संस्था आईएलडी जामडोली जयपुर में कार्यरत है।
दूसरे एमओयू पर जर्मन कम्पनी बॉश के प्लांट हैड (कॉमर्शियल) श्री अरविंद आर तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के आयुक्त गौरव गोयल ने हस्ताक्षर किये। इस एमओयू के तहत राजस्थान के समस्त 33 जिलो में जिला मुख्यालय पर कार्यरत एक-एक राजकीय आईटीआई को ब्रिज ऐकेडमी सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।
रेग्यूलेटरी रिफामर््स सत्र
राजस्थान ने श्रम सुधारों के माध्यम से राज्य में निवेश का अच्छा माहौल बनाया
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा कि राजस्थान सरकार ने श्रम सुधारों के माध्यम से राज्य में निवेश का अच्छा माहौल बनाया है। श्री अनन्त कुमार रेग्यूलेटरी रिफॉम्र्स पर आयोजित चर्चा सत्र में पूछे गये प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के गठन के बाद ईज ऑफ डूइंग बिजनिस की दिशा में काम आरम्भ हुआ। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने रिसर्जेण्ट राजस्थान के माध्यम से ईज ऑफ डूइंग बिजनिस की प्रक्रिया को तेज किया है। सत्र में मुख्य सचिव श्री सी. एस. राजन ने कहा कि राजस्थान सरकार ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है। श्रम कानूनों में सुधार किया है तथा उर्जा उत्पादन को बढ़ाया है। इससे निवेशकों को राज्य में निवेश करने में सुविधा होगी। राज्य में बहुत सारी प्रक्रियाएं, आवेदन, कर भुगतान आदि को ऑनलाइन किया गया है। राजस्थान टैक्स पोर्टल को विकसित किया है।
इण्डस्ट्रीयल पॉलिसी एण्ड प्रोमोशन के सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देकर मानव हस्तक्षेप को और कम किया जाना चाहिये। श्रम सचिव श्री रजत मिश्रा ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान सरकार ने अपने गठन के साथ ही विजन 2020 जनता के सामने रखा जिसमें श्रम सुधारों की आवश्यकता को अनुभव किया गया। इसके बाद राजस्थान सरकार ने अव्यवहारिक एवं पुराने पड़ चुके कानूनों एवं नियमों को समाप्त करने की प्रक्रिया आरम्भ की।
हीरो मोटर कॉर्प के जॉइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर सुनील के. मुंजाल ने सत्र का संचालन करते हुए कहा कि आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। राज्य में कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढऩे चाहिये। उद्योग विभाग के आयुक्त अभय कुमार, एशियन डिवलपमेंट बैंक की कंट्री डायरेक्टर (इंडिया) एम टेरेसा खो, डीसीएम श्रीराम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय एस श्रीराम ने भी चर्चा सत्र में भाग लिया। डॉ. अजय शंकर ने चर्चा सत्र की अध्यक्षता की।
ट्रांसफोर्मिंग हेल्थकेअर डिलीवरी इन राजस्थान सत्र
निजी सहभागिता से कम लागत पर आधुनिकतम स्वास्थ्य सेवाओं का हो विकास
ट्रांसफोर्मिंग हेल्थकेअर डिलीवरी इन राजस्थान सत्र में स्वास्थ्य मापदंड के अनुरूप प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत प्रदेश में बनी निवेश की विशेष संभावनाओं के साथ ही चिकित्सा सेवाओं में निजी सहभागिता से आधुनिकतम स्वास्थ्य सेवाएं कम लागत पर उपलब्ध कराने पर विशेष चर्चा हुई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में देश की सर्वाधिक सुदृढ़ आधारभूत ढांचा राजस्थान का है। इसे देखते हुए ही चिकित्सा क्षेत्र में 3 हजार 600 करोड़ के निवेशको के प्रस्ताव राजस्थान में आए हैं।
उन्होंने कहा कि मेडिकल टूरिज्म के रूप में राजस्थान को विकसित करने के लिए प्रदेश में वैलनेस सैन्टर बनाए जाने तथा राजकीय कॉलेजों को सुपर स्पेसिलिटी सेंंटर के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि राज्य सकरार पीपीपी आधार पर प्रदेश में प्रशिक्षण और क्षमता संवद्र्घन के लिए विशेष कदम उठा रही है।
नारायणा हृदयालय के अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी ने देश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन की नीतियों पर कार्य किए जाने का सुझाव देते हुए कहा कि नर्सेज के प्रशिक्षण के साथ ही चिकित्सकों में दक्षता वृद्घि के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है।
मणीपाल ग्लोबल के मोहन पाई ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया तथा कहा कि गांवों में 75 प्रतिशत लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती है। उन्होंने राजस्थान में हेल्थ इन्स्योरेंस प्रांरभ करने को महत्वपूर्ण बताया।
यूके इण्डिया बिजनेस काउन्सिल के श्री पैट्रेशिया हेवेट ने कहा कि यूके और राजस्थान मिलकर हेल्थकेअर पर कार्य करे।
फोर्टीज हेल्थकेअर के श्री दलजीत सिंह ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में टेक्नोलोजी के प्रयोग पर विषद् जानकारियंा देते हुए हेंड हेल्ड इसीजी, पोर्टेबल अल्ट्रासाउण्ड, लिक्विड बायोप्सी आदि के जरिए डायग्नोस की सुविधाएं बढ़ाए जाने पर और इस क्षेत्र में कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।
बायोकोन की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि भामाशाह कार्ड को हेल्थकेअर से जोड़ते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। आयूर्वेद विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री संजय दीक्षित ने राज्य की बनाई गई नवीन आयुर्वेद नीति के बारे मेें जानकारी दी तथा राज्य में इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं के बारे में बताया।
लीवरेजिंग ट्यूरिज्म फोर सस्टेनेबल डवलपमेंट सत्र
राज्य में पर्यटन के विकास के लिए 57 करोड़ की लागत से ‘कृष्णा सर्किट’ विकसित किया जाएगा जिसमें द्वारिका-सांवलियाजी-नाथद्वारा-गोविन्ददेवजी आदि पावनधामों को जोड़ जाएगा। यह जानकारी केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री डॉ.महेश शर्मा ने रिसर्जेंट राजस्थान आयोजन के प्रथम दिन ‘लीवरेजिंग ट्यूरिज्म फोर सस्टेनेबल डवलपमेंटÓ पर्यटन सम्बन्धी समानान्तर सत्र में दी। उन्होंने बताया कि सालासर बालाजी, मेहन्दीपुर बालाजी और ऐसे ही अन्य पवित्र स्थलों को शामिल करते हुए 98 करोड़ की Óस्प्रिचुलिटीÓ योजना तैयार की गई है।
श्री शर्मा बताया कि नई केन्द्रीय पर्यटन पॉलिसी संभवत: अगले दस दिन में घोषित कर दी जाएगी। इसमें देश के टीयर 2 एवं टीयर 3 के शहरों को भी रेल एवं हवाई नेटवर्क से जोड़े जाने की योजना है। पर्यटन महत्व के ऐसे स्थलों को जोडऩे वाली रेलगाडिय़ों में एक डिब्बा ‘ट्यूरिस्ट कोच’ नाम हो सकता है। राजस्थान और देश में पर्यटन को बढावा देने के लिए इसे एक मिशन की तरह अपनाना होग और इसके लिए ‘ट्यूरिज्म बाय परसेप्शनÓ थीम पर काम करते हुए एग्रेसिव मार्केटिंग करनी होगी। होटलों का अपग्रेडेशन करने पर विचार किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए दूरभाष नम्बर 1363 हैल्पलाइन पर जल्द ही 12 भाषाओं में सहायता उपलब्ध होगी। 16 हवाई अड्डों पर 113 देशों के लिए ईवीजा की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
राज्य की पर्यटन मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर ने कहा कि पर्यटन प्रति इकाई निवेश की तुलना में सर्वाधिक रिटर्न देने वाला व्यवसाय है। अभी राज्य में इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना शेष है। अपने पर्यटन उत्पादों की मार्केटिंग और पर्यटकों की सुरक्षा समेत अन्य सुविधाओं के लिए राज्य द्वार गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री शैलेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि राज्य में पर्यटन विकास के लिए नए पर्यटन उत्पाद एवं पर्यटन आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता है। साउथ एशिया कार्लसन रेजीडोर के अध्यक्ष श्री के.बी.काचरू ने कहा कि पहले पर्यटन को केवल एलीट वर्ग से ही सम्बन्धित समझा गया था, जिसके कारण इस क्षेत्र में पहले इतना नही ंसोचा गया लेकिन अब यह सोच बदली है। मुख्य वक्ता आईटीसी लि. के अध्यक्ष श्री नकुल आनन्द ने कहा कि यही एक क्षेत्र है जो समाज में धन का पुन:आवंटन करता है और पर्यावरण को बचाने, रोजगार बढाने का इससे अच्छा माध्यम नहीं हो सकता।
ओबेराय समूह के ज्वांट मेनेजिंग डायरेक्टर श्री विक्रम ऑबेराय ने पर्यटन विकास के लिए सात विभिन्न क्षेत्रों पर जोर देने और प्रत्येक के लिए सरकार एवं निजी सहभागिता से एक-एक सबकमेटी बनाने का सुझाव दिया।
केन्द्रीय पर्यटन सचिव श्री विनोद जुत्शी ने कहा कि राज्य में पर्यटन का विकास किए बिना इनके्रडिबल इंडिया की कल्पना संभव नही। राज्य में समुद्र और बर्फ को छोडकर सभी तरह की दृष्यभूमि, हैरिटेज, किले, पर्वतीय स्थल है।

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