- June 9, 2015
”रिसर्जेंट राजस्थान सम्मेलन : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात
जयपुुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आगामी 19-20 नवम्बर को जयपुर में आयोजित होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान सम्मेलन-2015 के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है।
श्रीमती राजे ने सोमवार अपरान्ह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से उनके निवास सात रेस कोर्स पर मुलाकात कर उन्हें यह आमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान श्रीमती राजे ने राजस्थान की विशिष्ट परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीय मदद से जुड़े कई मुद्दों को प्रभावी ढंग़ से उठाया।
राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिले
श्रीमती राजे ने राजस्थान में प्राकतिक आपदाओं एवं प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांंग रखी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में प्राय: पडऩे वाले सूखे एवं अकाल के साथ भूमिगत जल की भारी कमी है तथा प्रदेश में देश में उपलब्ध कुल जल का मात्र एक प्रतिशत पानी ही उपलब्ध है। श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री से एन.डी.आर.एफ. के सहायता प्रावधानों के तहत राजस्थान में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए 11 हजार 886 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता दिलवाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि नाबार्ड को राजस्थान में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2014-15 के दौरान 50 प्रतिशत की दर पर पुनर्वित्त की सुविधा प्रदान करने का आदेश प्रदान किया जाए। साथ ही नाबार्ड को वर्ष 2015-16 के दौरान छोटी अवधि के ऋणों पर 60 प्रतिशत तक पुनर्वित्त की सुविधा बढ़ाने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जायें। उन्होंने बताया कि इससे राज्य के किसानों को रबी की फसलों में हुए नुकसान से राहत मिल सकेगी।
भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड में मिले राजस्थान को प्रतिनिधित्व
श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री के समक्ष भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान के प्रतिनिधित्व का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अभी तक इस बोर्ड में राजस्थान का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। श्रीमती राजे ने सुझाव दिया कि इसमें सदस्यों की नियुक्ति रोटेशन के आधार पर होनी चाहिए जिससे पंजाब एवं हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान का प्रतिनिधित्व एवं हित सुनिश्चित हो सके।
श्रीमती राजे ने नदियों को आपस में जोडऩे की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने इसके लिए राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना अधिनियम, 2015 लागू किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी द्वारा शारदा-यमुना-राजस्थान- साबरमती नदी जोड़ो परियोजना के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार को नेपाल सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि इस नदी जोड़ो परियोजना को जल्द अमली जामा पहनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से नरेगा के प्रावधानों को लचीला बनाने का आग्रह किया और बताया कि इससे स्टेट एम्लॉयमेंट गारंटी कौंसिल को मजबूत किया जा सकेगा। उन्होंने नरेगा के तहत् स्थानीय जरूरतों के अनुसार काम करवाने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करने का आग्रह भी किया ।
श्रीमती राजे ने राजस्थान में ”मृदा स्वास्थ कार्ड योजना’ की हुई प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि दिसम्बर, 2013 से अप्रेल, 2015 तक राज्य में करीब 3 लाख 86 हजार मृदा स्वास्थ कार्डों का वितरण किया जा चुका है। साथ ही नवीन योजना के तहत 55 हजार मृदा नमूने परीक्षण के लिए एकत्रित किए जा चुके हैं।
राजस्थान बनेगा देश का सबसे बड़ा सोलर हब
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की विपुल संभावनाएं हंै और आशा है कि निकट भविष्य में राजस्थान देश का सबसे बड़ा ‘सोलर-हबÓ बनेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अभी तक 25 गीगावॉट के लक्ष्य से भी आगे बढ़कर 32.7 गीगावाट के सौर ऊर्जा उत्पादन के एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये हैं।
श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान में निरंतर बढ़ रही सौर ऊर्जा की उत्पादन मात्रा को देश के अन्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को तुरंत अलग से विद्युत निकासी की व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिये जायें ताकि राजस्थान में विद्युत आपूर्ति की आधारभूत संरचना को मजबूती मिल सके।
जयपुर में राष्ट्रीय स्तर का कैंसर अस्पताल स्थापित किया जाए
मुख्यमंत्री ने जयपुर में एक राष्ट्रीय स्तर का कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से सकारात्मक सहयोग की मांग रखते हुए कहा कि राज्य सरकार ने एटॉमिक एनर्जी विभाग से आग्रह किया है कि जयपुर में चण्ड़ीगढ़ एवं विशाखापट्नम की तरह ही एक राष्ट्रीय स्तर का कैंसर अस्पताल स्थापित किया जाए। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार इस अस्पताल के लिए नि:शुल्क भूमि आवंटन करने के लिए भी तैयार है।
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