- July 31, 2015
राहत कार्य युद्धस्तर पर – मुख्यमंत्री
जयपुर – जालोर जिले का भीनमाल क्षेत्र… भारी वर्षा के बाद विभिन्न इलाकों में फंसे लोग… न पानी रुकने की उम्मीद और न ही कोई सिर छिपाने का आसरा…।
ऐसे में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन दलों ने मुस्तैदी से मोर्चा संभाला और हेलीकॉप्टर की मदद से सभी 53 जिन्दगियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जरा-सी देरी भी त्रासदी में तब्दील हो सकती थी, लेकिन राज्य सरकार ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी होते ही मुख्यमंत्री के निर्देशों पर त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों की रूपरेखा तैयार की।
सिरोही, झालावाड़, उदयपुर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, पाली, बाड़मेर एवं जैसलमेर समेत राज्य के कुछ जिलों में भी भारी बारिश के हालात हैं, लेकिन राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन दल त्वरित राहत कार्य संचालित कर सभी व्यक्तियों को लगातार सुरक्षित बाहर निकाल रहे हैं।
जल संसाधन मंत्री ने लिया क्षतिग्रस्त नहरी तंत्र का जायजा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुरुवार को जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने सिरोही एवं जालोर जिलों में अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुई नहरों का हेलीकॉप्टर से जायजा लिया। इससे पहले रविवार को केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राजस्थान समेत कुछ राज्यों के लिए आगामी 48 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को तुरंत राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने को कहा था।
माउण्ट आबू में अवरूद्घ मार्ग खुला
सिरोही जिले में माउण्ट आबू का चट्टान गिरने से अवरूद्ध हुआ मार्ग जिला प्रशासन ने काफी प्रयास कर गुरुवार को खुलवा दिया है। इससे स्थानीय प्रशासन की निगरानी में पर्यटकों को निकाला जा रहा है और जरूरी सामग्री पहुंचाई जा रही है। कस्बे के अधिकतर हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। सेलवाड़ा बांध के गेट में लीकेज होने की सूचना मिलते ही सिरोही जिला कलेक्टर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला।
प्रसूता को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया
जालोर जिले की सांचौर तहसील क्षेत्र दूठवा ग्राम में बचाव कार्य कर रही एनडीआरएफ टीम ने बुधवार रात एक प्रसूता श्रीमती इमरती देवी को सुरक्षित राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। रात 3 बजे उनका सुरक्षित प्रसव हुआ जिस पर परिजनों ने एनडीआरएफ की टीम का आभार जताया। जिले में एनडीआरएफ की टीमों ने दूठवा और लालपुर गांवों के 102 व्यक्तियों साथ-साथ जल में फंसे पशुओं को भी विभिन्न स्थानों से बचाया।
सहायता राशि वितरण का कार्य जारी
राज्य सरकार की ओर से वर्षा जनित हादसों में मृतकों के परिजनों व घायलों के लिए एसडीआरएफ नॉम्र्स के तहत सहायता राशि भी दी जा रही है। अभी तक 11 मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है तथा शेष को सहायता उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है।
कभी नौका, कभी गोद, तो कभी कंधों का सहारा
आपदा प्रबंधन दलों की तत्परता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे मौके पर स्थिति को देखते हुए कभी नौका से, तो कभी गोद एवं कंधों पर सहारा देकर वृद्घों एवं बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री भी स्वयं लगातार राहत एवं बचाव कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और उनकी ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए जा रहे हैं। अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में अधिकारी खुद मौके पर बचाव कार्यों में हिस्सा ले रहे हैं।
अब तक 1300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला
जालोर में जोधपुर-गांधीधाम एक्सप्रेस के 690 यात्री तथा जोधपुर-भीलड़ी पैसेंजर ट्रेन के 250 यात्री अतिवृष्टि के कारण स्टेशनों पर फंस गए थे, जिन्हें आपदा प्रबंधन दलों ने सुरक्षित निकाला। झालावाड़ में चंद्रभागा नदी की पुलिया पर एक बस के 56 यात्रियों सहित अब तक 115 व्यक्तियों को भी आपदा प्रबंधन दलों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जालोर में अब तक 275 और बारां जिले में 30 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है।
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