राष्‍ट्रीय राजमार्ग : पारदर्शी बनाने के लिए वेब आधारित नई प्रणाली

राष्‍ट्रीय राजमार्ग : पारदर्शी बनाने के लिए वेब आधारित नई प्रणाली
नई दिल्ली  – केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा आज यहां वेब आधारित भुगतान निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किए जाने के साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय राजमार्गों (एनएच) से जुड़े निर्माण कार्यों एवं सेवाओं के लिए भुगतान प्रणाली को अब और पारदर्शी बना दिया है। इसके अलावा नई निगरानी प्रणाली से विभिन्‍न कार्यालयों के बीच आपसी संचार का कार्य और आसान हो जाएगा। साथ ही इससे संबंधित यूजर्स को अपने बिल की ताजा स्‍थिति से वाकिफ होने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि इस समयबद्ध और परिणाम उन्‍मुख पहल से समूची प्रणाली पर व्‍यापक असर पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि इस प्रणाली में कई अन्‍य खासियतें भी हैं। उदाहरण के लिए, इस प्रणाली का इस्‍तेमाल करके मंत्रालय विभिन्‍न कार्यालयों में बिलों की प्रोसेसिंग की स्‍थिति की जांच स्‍वतंत्र रूप से कर सकेगा। इसके साथ ही मंत्रालय योजनाओं के लिहाज से धनराशि के इस्‍तेमाल की स्‍थिति की भी पड़ताल स्‍वतंत्र रूप से कर सकेगा। उन्‍होंने बताया कि इस प्रणाली से प्राप्‍त होने वाला फीडबैक समूची प्रक्रिया के मार्ग में आने वाली बाधाओं का पता लगाने एवं इस पूरी व्‍यवस्‍था को और ज्‍यादा कारगर बनाने में मददगार साबित होगा।

राष्‍ट्रीय राजमार्गों से जुड़े निर्माण कार्यों एवं सेवाओं के भुगतान के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) के संभागीय कार्यालय बिलों की पड़ताल करने के बाद इसे मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों को भेज देते हैं। आरेखण (ड्राइंग) और संवितरण अधिकारी की हैसियत से पड़ताल करने के बाद क्षेत्रीय अधिकारीगण संबंधित बिलों को क्षेत्रीय भुगतान एवं लेखा कार्यालय भेज देते हैं जो भुगतान करता है। मंत्रालय इस आशय का निर्देश पहले ही जारी कर चुका है कि बिलों की प्रोसेसिंग का काम ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाए। किसी भी बिल के निपटारे के लिए पांच कार्य दिवसों की समय सीमा भी पहले ही निर्धारित की जा चुकी है।

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