- September 14, 2018
राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार समारोह— सिद्धहस्त शिल्पियों को शिल्पगुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार
*** हस्तशिल्पियों की संख्या 17 हजार के पास
*** केन्द्र सरकार को 26 करोड़ 56 लाख रूपए की एकीकृत डिजाइन परियोजना का प्रस्ताव
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रायपुर ——— मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आ प्रदेश सरकार के ग्रामोद्योग विभाग और केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय के हस्तशिल्प प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार समारोह में देश के जाने-माने वरिष्ठ और सिद्धहस्त शिल्पियों को शिल्पगुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया।
प्रदेश सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर है, जब राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार वितरण के लिए प्रदेश की राजधानी रायपुर में समारोह आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विशेष आग्रह पर केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय ने यह आयोजन रायपुर में करने का निर्णय लिया था।
कपड़ा मंत्रालय की ओर से इस अवसर पर वर्ष 2016 के सिद्ध हस्तशिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। आयोजन में आठ शिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और 25 शिल्पियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
शिल्प गुरू पुरस्कार की शुरूआत केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी। पुरस्कार के रूप में दो लाख रूपए नगद और एक स्वर्ण सिक्के के साथ शॉल, प्रमाण पत्र और ताम्र पत्र दिए जाएंगे।
जिन शिल्पकारों को वर्ष 2016 का शिल्प गुरू पुरस्कार दिया गया, उनमें दिल्ली के श्री मोहम्मद मतलूब, जम्मू-कश्मीर के गुलाम हैदर मिर्जा, ओड़िशा के श्री रूपम माथरू, पंजाब के श्री गोपाल सैनी, राजस्थान के सर्वश्री अर्जुन प्रजापति और बाबूलाल मरोटिया, पश्चिम बंगाल की सुश्री तृप्ति मुखर्जी शामिल हैं।
राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार की स्थापना केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 1965 में की गई थी। ये पुरस्कार सिद्ध हस्तशिल्पियों को उनके शिल्प के संवर्धन और कौशल स्तर के लिए दिया जाता है।
राष्ट्रीय पुस्कारों में से प्रत्येक में एक लाख रूपए नगद, एक शॉल, एक प्रमाण पत्र और ताम्र पत्र देने का प्रावधान है। वर्ष 2016 के इन पुरस्कारों के लिए बिहार की सुश्री हेमा देवी, दिल्ली की सुश्री ममता देवी, गुजरात के श्री मोहम्मद याकूब खत्री, गुजरात के ही श्री अब्राहिम हसन खत्री, कर्नाटक की सुश्री उषा जे पवार, विनिता प्रकाश और सरोजनी एन.यासमी, मणिपुर की अनुबम कल्पना देवी, ओड़िशा की सुकन्ती स्वान, तेलांगना के डी वेन्कुटम, पश्चिम बंगाल की सुश्री कल्पना चित्रकार, आंध्रप्रदेश के श्री खंडु श्रीवासलु, तमिलनाडु के श्री आर. रविन्द्रम, दिल्ली के श्री सुधीर फड़नेस, उत्तरप्रदेश के श्री राजेन्द्र सिंह यादव, पंजाब के श्री कमलजीत, ओड़िशा के श्री शरदकुमार प्रधान, उत्तरप्रदेश के श्री हसन अहमद, राजस्थान के सर्वश्री अमृतलाल सिरोहिया, राजेंद्र कुमार, गजेंद्र सोनी, मोहनलाल गुज्जर, पश्चिम बंगाल के श्री तापस कुमार, बिहार के श्री धीरेन्द्र कुमार और जम्मू-कश्मीर के श्री रियाज अहमद खान का चयन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब तक 18 हस्तशिल्पियों को विभिन्न विधाओं में राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इस बार के आयोजन में मिट्टी शिल्प के लिए श्री अशोक कुमार चक्रधारी को राष्ट्रीय मेरिट प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा अब तक 91 शिल्पकारों को विभिन्न विधाओं में राज्य स्तरीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्पियों की संख्या 2600 से बढ़कर अब तक 17 हजार के आस-पास पहुंच गई है। यह संख्या हस्तशिल्प के प्रति युवाओं के रूझान को भी प्रदर्शित करती है।
प्रदेश सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के उपक्रम छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार योजना सहित हस्तशिल्पियों को बाजार दिलाने के लिए शबरी एम्पोरियम, छत्तीसगढ़ हाट और माटी कला बोर्ड की स्थापना की गई है।
गरियाबंद, मोहला, मानपुर और बेलतरा में बांस शिल्प परियोजना तथा कोण्डागांव में बस्तर हस्तशिल्प विकास परियोजना का संचालन किया जा रहा है। शिल्पियों के लिए डिजाएनिंग विकास सहित मासिक आर्थिक सहायता योजना भी शुरू गई है।
बोर्ड ने छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार को 26 करोड़ 56 लाख रूपए की एकीकृत डिजाइन परियोजना का भी प्रस्ताव भेजा है। इसमें दो हजार शिल्पी परिवारों को लाभ दिलाने का लक्ष्य है।