राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) : बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के उपाय

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) : बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के उपाय

पेसूका (नई दिल्ली)-   1. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके): सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क उपचार और सीजेरियन सेक्शन सेवा सहित सभी सुविधाएं मुहैया हैं। इस पहल में, नि: शुल्क दवाएं, लक्षणों की जांच, रक्त और आहार, साथ ही निर्दिष्ट मामले में  घर से संस्थान के लिए नि: शुल्क परिवहन सेवा और घर वापस  छोड़ना शामिल हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी बीमार शिशुओं को एक वर्ष की उम्र तक इलाज के लिए इसी प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं।

 2. सुविधासम्पन्न नवजात देखभाल केन्द्रों (एफबीएनसी) में नवजात रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर नवजात बच्चों की देखभाल स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट्स काम कर रहें हैं। बीमार और छोटे नवजात शिशओं की देखभाल के लिए (एसएनसीयू) और  इसी तरह नवजात स्थिरीकरण इकाइयां (एनबीएसयू) और नवजात देखभाल कॉर्नर (एनबीसीसी) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रमुख क्षेत्र हैं।

 3.  घर में न्यू बोर्न केयर (एचबीएनसी), बीमार नवजात शिशुओं का जल्दी पता लगाने और उनके उपचार की सिफ़ारिश एवं समुदायिक स्तर पर नवजात जन्म के तरीकों में सुधार करने के लिए शुरू किया गया है।

 4. भारत नवजात कार्य योजना (आईएनएपी) नवजात मृत्यु दर और प्रसव के दौरान मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

 5. जन्म के समय नवजात मृत्यु दर में कमी के लिए जन्म के समय विटामिन-के इंजेक्शन, संदिग्ध मामलों में बीमार शिशुओं के लिए कंगारू मदर केयर और इंजेक्शन-जेन्टामीसिन आदि।  6. निमोनिया और डायरिया के लिए एकीकृत कार्य योजना (आईएपीपीडी) उच्च बाल मृत्यु दर वाले चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान) में शुरू की गयी है।

7. बच्चों में गंभीर कुपोषण के प्रबंधन के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसीएस) देश भर में स्थापित किया गया है।

 8. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर उपयुक्त रूप से छोटे बच्चों को दूध पिलाने को बढावा दिया जा रहा है।

 9. ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिन (वीएचएनडी) माताओं को पोषण-परामर्श देने और बच्चे की देखभाल में सुधार के लिए आयोजित किए जाते हैं।

 10. मां एवं बाल ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) वेब पर सभी गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के पंजीकरण और ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है जो उन्हें नियमित रूप से और पूरी तरह से सेवाओं के प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए है।

 11.  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) 0-18 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल हेतु स्वास्थ्य जांच और शीघ्र सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। इन सेवाओं का उद्देश्य विकलांगता सहित जन्म दोष, रोग, कमियों, विकास में देरी का जल्दी पता लगा कर बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है।

 12.  राष्ट्रीय आयरन प्लस पहल (एनआईपीआई) के तहत जीवन चक्र दृष्टिकोण के अनुसार उम्र और विशिष्ट लौह एवं फोलिक एसिड पूरकता कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों, 6 से 10 साल के आयु समूहों, किशोरों, खून की कमी में, गर्भवती माताओं के उपचार के साथ प्रजनन आयु में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और महिलाओं के बीच एनीमिया की रोकथाम और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लागू किया जा रहा है।

 13. विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के  क्षमता निर्माण, आवश्यक नवजात शिशु की देखभाल, शीघ्र निदान और बच्चों की सामान्य बीमारियों के मामले प्रबंधन के लिए डॉक्टर, नर्स और एएनएम को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन के तहत आयोजित किया जा रहा है। नवजात शिशु, सुरक्षा कार्यक्रम (एनएसएसके), नवजात और बाल बीमारियों का एकीकृत प्रबंधन (आईएमएनसीआई), नवजात की देखभाल सुविधा (एफबीएनसी) आधारित, शिशु और युवा बच्चे को खिलाने आचरण (आईवाईसीएफ), आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं

 14. सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत 90 लाख टीकाकरण सत्रों से सात टीका निवारणीय रोगों की रोकथाम हेतू 13.5 करोड़ बच्चों का टीकाकरण हर साल किया गया है।

 15. मिशन इन्द्रधनुष, वर्ष 2020 तक भारत में 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज हासिल करने उद्देश्य के 25 दिसंबर 2014 को शुरू किया गया। मिशन इन्द्रधनुष चिन्हित 201 जिलों के लिए उच्च ध्यान केंद्रित करते हुए देश में टीकों के साथ बच्चों की उच्च टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने के लिए है । यह योजना में टिटनेस टोक्सोइड टीकाकरण के लिए दो साल तक की उम्र सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की निगरानी के लिए मार्च और जून 2015 के बीच चार विशेष टीकाकरण अभियानों के संचालन का प्रस्ताव है।

 16. सरकारी सुविधाओं से और हाशिए पर के क्षेत्रों में आबादी पर ध्यान केंद्रित कर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के परिणामों को प्राप्त करने, प्रजनन, मां एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य + किशोरों (आरएमएनसीएच + ए) में सुधार में तेजी के लिए 184 उच्च प्राथमिकता जिलों में देश भर में पहचान की गई है ।

 17. पिछले तीन साल में राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन के तहत प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए धन आवंटन और खर्च का राज्यवार विवरण निम्नानुसार है: –

 12 वीं योजना के लिए आरसीएच के तहत आवंटन, जारी एवं व्यय (आरआई छोड़कर)

                              रुपये करोड़

 क्रम संख्या राज्य 2012-13 2013-14

2014-15

आवंटन जारी व्यय आवंटन जारी व्यय

आवंटन

जारी

व्यय

1 अंडमान और निकोबार द्वीप 1.16 0.87 6.80 1.26 3.65          8.57

3.91

          2.94            8.14
2 आंध्र प्रदेश 258.76 258.76 325.51 280.40 224.32      319.42

189.11

       172.92        259.86
3 अरुणाचल प्रदेश 17.30 12.98 16.47 18.53 20.78        25.26

64.55

        48.41          21.00
4 असम 390.06 310.46 446.70 417.68 367.55      436.39

367.06

       298.24        461.07
5 बिहार 412.43 309.32 614.78 446.91 335.18      729.30

390.04

       338.54        706.31
6 चंडीगढ़ 3.22 2.42 4.79 3.49 2.62          8.52

2.73

          2.05            9.95
7 छत्तीसगढ़ 117.09 87.82 167.00 126.88 104.67      175.47

160.50

       132.19        185.19
8 दादरा और नगर हवेली 1.05 1.92 3.08 1.14 2.81          4.71

3.53

          2.65            4.95
9 दमन और दीव 0.74 0.56 2.86 0.80 2.25          4.18

2.50

          1.88            3.71
10 दिल्ली 51.20 37.39 56.31 55.48 43.55        63.22

43.31

        40.20          49.63
11 गोवा 4.46 4.46 4.79 4.83 4.20          5.85

5.01

          3.77            6.73
12 गुजरात 184.55 184.55 221.49 199.98 176.98      212.61

230.48

       212.31        236.38
13 हरियाणा 77.49 77.49 116.19 83.96 86.48      154.74

82.13

        61.78        162.13
14 हिमाचल प्रदेश 31.43 23.55 38.27 71.68 70.65        63.78

70.07

        58.60          60.92
15 हिमाचल प्रदेश 57.53 57.53 112.89 161.34 156.71      151.89

157.71

       118.64        147.27
16 झारखंड 151.13 108.57 166.32 163.77 122.83      215.52

163.41

       122.92        230.90
17 कर्नाटक 186.83 186.83 205.41 202.45 161.96      218.81

230.76

       188.63        229.23
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