• July 20, 2015

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा

जयपुर -राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने शुक्रवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उपायुक्त श्री एक.के.अग्रवाल व उनके साथ आये दल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने मातृ मृत्यु की सामाजिक समीक्षा, आशा सॉफ्ट, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं कुशल मंगल कार्यक्रम जैसी विभिन्न अभिनव व केन्द्रीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किये जा रहे प्रयासों की स्थिति पर प्रकाश डाला।

केन्द्रीय दल ने प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन की सराहना की। श्री जैन ने प्रदेश में बायोमेडिकल वेस्ट के लिए चिकित्साकर्मियों को उचित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की जा रही कार्यवाही पर प्रकाश डाला एवं बताया कि चिकित्सा संस्थाओं में चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी अधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिये जाने के लिए भी कार्यवाही की जा रही है।

अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. नीरज के पवन ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों को चिन्हित कर इनका समाधान करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में संचालित बेटी बचाओ कार्यक्रम, नशामुक्ति कार्यक्रम एवं प्रस्तावित आरोग्य राजस्थान कार्यक्रम पर विस्तार से प्रकाश डाला।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी कमिशनर श्री एम.के. अग्रवाल एवं उनकी टीम ने 14 से 16 जुलाई तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित आरएमएनसीएच प्लस ए के हाई फोकस जिले बूंदी का निरीक्षण किया था। दल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रोंं पर जाकर स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन की विस्तार से जानकारी दी।

श्री अग्रवाल ने निरीक्षण के बाद मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ करने के साथ ही समग्र स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार एवं चिकित्सा संस्थानों में लेबर रूम की साफ-सफाई की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने ड्रग वेयर हाउस पर दवा की पर्याप्त उपलब्धता, जननी शिशु सुरक्षा योजना, उच्च खतरे वाली गर्भवती महिलाओं की लाईन लिस्टिंग एवं नवजात शिशुओं को एएनएम एवं आशा सहयोगिनियों द्वारा समय पर खुराक उपलब्ध करवाये जाने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में सुधार ,नसंबदी पर विशेष बल देने एवं पीपीआयूसीडी के निवेश का अनुपात बढाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

बैठक में निदेशक आरसीएच डॉ. वी.के.माथुर, परियोजना निदेशक एनएचएम श्री अनिल अग्रवाल, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम डॉ. अनुराधा असवाल एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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